Posted on 01 May, 2012 03:08 PMपर्याप्त निकासी तंत्र की व्यवस्था किये बिना सिंचाई परियोजनाओं के निष्पादन से भूजल पुनःपूरण एवं निस्सरण के बीच साम्यता प्रभावित हो गयी है, जिसके परिणाम स्वरूप भारत में सेच्य क्षेत्र में भूजल स्तर में अभिवृद्धि पायी गयी है। तवा सेच्य क्षेत्र सिंचाई अधिकता एवं नहर तंत्र से रिसाव के कारण जल बंधता की समस्या का सामना कर रहा है।
Posted on 16 Jan, 2012 10:33 AMनदियों एवं स्वच्छ झीलों का जल देश के सम्पूर्ण विकास कार्यक्रमों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। घरेलू एवं औद्योगिक उद्देश्यों तथा सिंचाई, मत्स्य पालन एवं ऊर्जा के विकास के लिए भी ये जल आपूर्ति के स्रोत के रूप में कार्य करते हैं। यही जल स्रोत औद्योगिक अपशिष्टों एवं घरेलू मल-जल के विसर्जन के लिए भी उपयोग होते हैं, जिससे जल प्रदूषित होता हैं। औद्योगिक अपशिष्टों एवं घरेलू मल-जल द्वारा नदियों एवं स
Posted on 29 Dec, 2011 11:37 PMविभिन्न प्रकार की जल संसाधन परियोजनाओं/जलविज्ञानीय संरचनाओं जैसे कि बाँध, स्पिलवे, सड़क एवं रेलवे पुल, पुलिया, शहरी निकासी तन्त्र तथा विभिन्न संरचनात्मक उपायों जैसे कि बाढ़ क्षेत्र का निर्धारण, बाढ़ सुरक्षा परियोजनाओं का आर्थिक मूल्यांकन इत्यादि के लिए बाढ़ परिमाण एवं उनकी आवृत्ति सम्बन्धित सूचना की आवश्यकता होती है। सत्रहवीं शताब्दी में वैज्ञानिक जलविज्ञान की शुरूआत के समय से ही वैज्ञानिकों एवं अ