सर्वोदय प्रेस सर्विस

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चण्डीप्रसाद भट्ट को अंतरराष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार
Posted on 12 Apr, 2014 01:26 PM
प्रख्यात समाजसेवी और पर्यावरण्विद् श्री चण्डीप्रसाद भट्ट (81 वर्षीय) को वर्ष 2013 के अंतरराष्ट्रीय गांधी शान्ति पुरस्कार के लिए चुना गया है। श्री भट्ट चिपको आंदोलन के प्रणेता तथा सामाजिक सुधार के विभिन्न आंदोलन के अगुआ रहे हैं तथा पिछले पांच दशकों से उत्तरांचल के चमोली जिले में वनों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के कार्यों में अविरल रूप से जुटे हुए हैं।
ओंकारेश्वर बांध पुनर्वास: सरकार को नोटिस
Posted on 03 Sep, 2013 10:07 AM
नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा जारी विज्ञप्ति में आलोक अग्रवाल ने बताया कि नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा ओंकारेश्वर परियोजना प्रभावितों के विषय में राज्य सरकार द्वारा घोषित पुनर्वास पैकेज के विषय में दायर अवमानना याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दिया है और आदेश देते हुए इस याचिका की सुनवाई धाराजी सहित 5 गाँवों के संबंध में दायर अवमानना याचिका के साथ करना नियत किया है।
भोपाल में 18 जून से 22 जून तक नर्मदा जीवन अधिकार सत्याग्रह एवं उपवास
Posted on 11 Jun, 2013 03:28 PM
तारीख : 18-22 जून 2013
स्थान : भोपाल


इंदौर (सप्रेस)। नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से जारी विज्ञप्ति में चित्तरूपा पालित, आलोक अग्रवाल, कलाबाई, रामविलास राठौर, कैलाश पाटीदार एवं गोविंद रावत ने बताया कि नर्मदा घाटी में बन रहे विशालकाय ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर, महेश्वर, अपर बेदा और मान बांधों से विस्थापित होने वाले हजारों लाखों प्रभावितों के साथ ऐतिहासिक अन्याय हुआ है। इस अन्याय के खिलाफ नर्मदा बचाओ आंदोलन के बैनर तले इकट्ठे होकर विस्थापित किसान मजदूर, महिला-पुरुष पिछले कई सालों से लम्बा संघर्ष कर रहे हैं। इस संघर्ष के कारण हाल ही में ओंकारेश्वर बांध प्रभावितों ने एक महत्वपूर्ण जीत हासिल हुई है पर ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर, महेश्वर, अपर बेदा और मान बांधों के हजारों परिवारों को उनके पुनर्वास के अधिकार मिलना बाकी है। इसलिए इन बांधों के हजारों प्रभावित आगामी 18 जून से 22 जून तक पांच दिन भोपाल में डेरा डालेंगे और कुछ प्रभावित पांच दिन का उपवास करेंगे।

ज्ञातव्य है कि नर्मदा बचाओ आंदोलन की याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय ने स्वयं स्वीकार किया है कि राज्य सरकार ने पुनर्वास नीति के अंतर्गत एक भी किसान को जमीन नहीं दी और अपना एक भी कर्तव्य पूरा नहीं किया है।
गहराते वैश्विक खाद्य संकट में डूबती सभ्यता
Posted on 29 Jan, 2013 02:10 PM

विश्व भर में गहराता खाद्य संकट अब विध्वंस की ओर बढ़ रहा है। अमेरिका एवं अन्य खाद्य निर्यातक देशों में सूखे की नि

‘‘मेवात के जोहड़’’ का डॉ. एसएन सुब्बाराव द्वारा लोकार्पण
Posted on 10 Jan, 2013 01:04 PM
अलवर । जोहड़ पर लिखी गई पुस्तक ‘‘मेवात के जोहड़’’ का पिछले दिनों लोकार्पण सर्वोदय समाज के नेता डॉ. एसएन सुब्बाराव ने किया। इस अवसर पर पूरे मेवात में हिन्दु, मुस्लिम, सिख, इसाई एकता के लिए काम करने वाल डा. एस.
गढ़मुक्तेश्वर में गंगा संसद सम्पन्न
Posted on 04 Dec, 2012 03:01 PM
गढ़मुक्तेश्वर। उत्तर प्रदेश के गढ़मुक्तेश्वर मे गंगा किनारे 25 से 28 नवम्बर तक चली गंगा संसद राष्ट्रीय नदी बेसिन प्राधिकरण के सदस्य राजेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। गंगा संसद लोक जिम्मेदारी गंगा के प्रति जगाने तथा सरकार के संस्कृति मंत्रालय को भी गंगा कार्यो में जोड़ने हेतु आयोजित हुई थी। भारत सरकार की संस्कृति मंत्री ने संसद में आकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का संकल्प, गंगा कार्यों
सर्व सेवा संघ का जल-जंगल-जमीन स्वराज अभियान शुरू
Posted on 04 Dec, 2012 02:51 PM

राजघाट पर 48 घंटे का उपवास होगा


स्थान : राजघाट, नई दिल्ली
तिथि : 09-11 दिसम्बर 2012


सेवाग्राम। सर्व सेवा संघ ने जल, जंगल, जमीन पर सरकार एवं कंपनियों के बढ़ते प्रभुत्व, इसके अंधाधुंध दोहन तथा जनता के विस्थापन के विरूद्व एवं जनता को उसकी भी जिम्मेदारियों के प्रति सजग करने के लिए स्वराज अभियान शुरू किया है।

अभियान के प्रथम चरण में 20 नवम्बर को देहरादून में एक सम्मेलन हुआ एवं 21 नवम्बर को डा. रामजीसिंह एवं दयासिंह के आशीर्वचनों के साथ यात्रा की शुरूआत हुई। सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष सुश्री राधाबहन भट्ट, उ.प्र. सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष श्री मधुसूदन एवं उत्तराखंड सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष श्री सुरेश भाई इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहे। श्री अशोक भारत यात्रा का संयोजन तथा श्री अमरनाथभाई मार्गदर्शन कर रहे हैं।

पेंच व्यपवर्तन परियोजना: मेधा पाटकर समेत 17 गिरफ्तार एवं रिहा
Posted on 10 Nov, 2012 11:16 AM

बांध का काम जबदरस्ती आगे बढ़ाने तथा किसानों से गांव खाली कराने के लिए सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। एडवोकेट आराधना भार्गव को 3 नवम्बर 2012 को धारा 151 के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें अभी तक जमानत नहीं मिल पाई है। आंदोलन को देखते हुए पूरे छिंदवाड़ा जिले में धारा 144 लागू है। विरोध के लिए शामिल हुई मेधा पाटकर और उनके दो साथियों को छिंदवाड़ा में किसी निजी मकान में नजरबंद किया गया।

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा में प्रस्तावित पेंच व्यपवर्तन परियोजना विरोध करने पहुंची नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता सुश्री मेधा पाटकर और 17 कार्यकर्ताओं को 4 नवम्बर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया तथा 7 नवम्बर को उनके सहित सभी कार्यकर्ताओं को एक-एक हजार के निजी मुचलके पर कोर्ट के आदेश के बाद रिहा किया गया। रिहा होने के पश्चात सुश्री पाटकर ने उनकी गिरफ्तारी को नियम के विरुद्ध बताया तथा कहा कि सरकार इस तरह से एक जायज मांग को दबाने की कोशिश कर रही है।
पुलिस दमन द्वारा 245 जल सत्याग्रही गिरफ्तार एवं रिहा
Posted on 14 Sep, 2012 04:49 PM
10 सितम्बर को राज्य सरकार ने ओंकारेश्वर बांध में जारी जल सत्याग्रह की मांगों को स्वीकार करते हुए ओंकारेश्वर बांध में पानी का स्तर 189 मीटर तक करने का निर्णय लिया एवं प्रभावितों को जमीन के बदले जमीन देने की घोषणा की है। परन्तु सरकार द्वारा इंदिरा सागर बांध में पानी कम करने की मांग न स्वीकार करने के कारण इंदिरा सागर परियोजना के डूब में गांव खरदना में जल सत्याग्रह जारी रहा। इंदिरा सागर परियोजना के डूब के ग्राम खरदना में गत 15 दिन से जारी जल सत्याग्रह पर सैकड़ों पुलिसकर्मियों द्वारा दमनात्मक कार्यवाही करते हुए 245 सत्याग्रहियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें 104 महिलाएं और 141 पुरुष शामिल हैं, इनमें नर्मदा आंदोलन की वरिष्ठ कार्यकर्ता सुश्री चित्तरूपा पालित भी शामिल हैं। बाद में बढ़ते जनआक्रोश के चलते शाम को इन्हें रिहा कर दिया गया। नर्मदा बचाओ आंदोलन ने सरकार के इस दमन की निंदा की। नर्मदा बचाओ आंदोलन ने विज्ञप्ति में कहा है कि आंदोलन मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर कर बांध का जलस्तर 260 मी. तक लाने की मांग करेगा।
नर्मदा बचाओ आंदोलन की महत्वपूर्ण विजय
Posted on 14 Sep, 2012 04:32 PM
इंदौर। नर्मदा बचाओ आंदोलन के जल सत्याग्रह के 17वें दिन अंततः मध्यप्रदेश सरकार को झुकना पड़ा एवं जल सत्याग्रहियों की दो प्रमुख मांगों बांध के जल स्तर को घटाकर 189 मीटर पर लाने एवं जमीन के बदले जमीन देने की पुनर्वास नीति के अंतर्गत समाहित शर्त को पूरा किए जाने पर अपनी सहमति भी जतानी पड़ी। गौरतलब है कि खंडवा जिले के घोघलगांव में आंदोलन की प्रमुख कार्यकर्ता चित्तरूपा पालित एवं 50 अन्य सक्रिय कार्यकर्ता लगातार 17 दिनों तक पानी में जल सत्याग्रह करते रहे। इससे उनके शरीर को काफी नुकसान पहुंचा है।
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