Posted on 20 Sep, 2014 10:19 AMहमारे देश में आदिवासियों को मुख्यधारा में लाने की मुहीम के चलते हमने उनका जीना दूभर कर दिया है। कोई भी समाज या समुदाय अपनी आंतरिक चेतना से ही बदलाव को अपना पाता है। हमारे नीति नियंताओं ने भारत के प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा करने के निमित्त आदिवासियों को जंगल से बाहर खदेड़ने के लिए एक काल्पनिक मुख्यधारा प्रवाहित कर ली है और यह बहाकर कहां ले जाएगी इसका भान किसी को भी नहीं है। प्रमुख चिंतक डॉ.