प्रेम पंचोली

प्रेम पंचोली
जलवायु परिवर्तन समस्या नहीं, समाधान की ओर कदम बढ़े
Posted on 13 Dec, 2015 11:37 AM
पेरिस में जो भी निर्णय बुद्धिजिवी व जिम्मेदार लोग लेंगे वह स्वागत योग्य ही होगा। मगर आज तक के पर्यावरण सम्मेलनों में भी बहुत सारे निर्णय लिये गए हैं उन पर कितना अमल हुआ है यह भी अहम सवाल है। पेरिस में भी इस पर मंथन होना चाहिए।
प्रकृति विदोहन के साथ-साथ मानवाधिकारों का हनन
Posted on 10 Dec, 2015 04:15 PM

विश्व मानवाधिकार दिवस, 10 दिसम्बर पर विशेष


मनुष्य और प्रकृति का वैसे तो चोली दामन का साथ है पर वर्तमान में मनुष्य प्रकृति के साथ अपने स्वार्थवश क्रूर हो गया है। कारण इसके मानवकृत आपदाएँ सर्वाधिक बढ़ रही है। अर्थात् विश्व मानव अधिकार दिवस की महत्ता तभी साबित होगी जब मनुष्य फिर से प्रकृति प्रेमी बनेगा। ऐसा अधिकांश लोगों का मानना है।
जल, जंगल और जमीन का संरक्षण और दोहन विकास के महत्त्वपूर्ण पायदान : हरीश रावत
Posted on 10 Dec, 2015 10:05 AM

उत्तराखण्ड के मौजूदा मुख्यमंत्री हरीश रावत को पंडित नारायण दत्त तिवारी के बाद सबसे अधिक अनुभवी राजनेता माना जाता है। हरीश रावत का मानना है कि इस प्रदेश के विकास की गाड़ी गाँवों से होते हुए ही मंजिल तक पहुँच सकती है। उनका यह भी मानना है कि गाँवों की आर्थिकी सुधारने और शिक्षा तथा चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाएँ पहाड़ के गाँवों तक पहुँचाए बिना पलायन रोकना सम्भव नहीं है और इसीलिये उनकी सरकार मैगी

समूह से मिले हाथ, तो पानी की किल्लत से निजात
Posted on 09 Dec, 2015 10:07 AM
यूँ तो उत्तराखण्ड में पेयजल की किल्लत हर गाँव में मौजूद है परन्तु यहाँ हम पौड़ी जनपद के यमकेश्वर ब्लॉक के अर्न्तगत किमसार क्षेत्र के रामजीवाला गाँव की पानी से जुड़ी कहानी को प्रस्तुत कर रहे हैं। यह मौका मिला हिमकॉन संस्था से जुड़े राकेश बहुगुणा के मार्फत। वे इस गाँव में पाँच-पाँच हजार ली.
आधुनिक शौचलयों के कारण बिगड़ता पर्यावरण व बढ़ता प्रदूषण
Posted on 17 Nov, 2015 03:42 PM

विश्व शौचालय दिवस, 19 नवम्बर 2015 पर विशेष


मनवजाति तरक्की के साथ-साथ अपने लिये विशेष दिन भी तय कर रही है। अब 19 नवम्बर को ‘विश्व शौचालय’ दिवस है। क्या शौच के बारे में कहना कोई नई बात है? नहीं! परन्तु यदि नई बात है तो शौच और स्वच्छता को लेकर।
Toilet
पानी के अभाव में कुपोषित होते बच्चे
Posted on 13 Nov, 2015 02:40 PM

बाल दिवस, 14 नवम्बर 2015 पर विशेष


1. राजाराम मोहन राय आन्दोलन के कारण बाल विवाह पर रोक लगी।
2. इसके बाद बाल दिवस पर देश भर में चिन्ता व्यक्त की जाती रही।
3. मगर बाल मजदूरी, कुपोषण, गन्दे पानी के सेवन से मौत को गले लगाना जैसी समस्या बच्चों के सामने आये दिन मुँहबाये खड़ी ही नजर आती हैं।
malnutrition in children
दीपावली पर वैज्ञानिक देश में अवैज्ञानिक कारनामें
Posted on 12 Nov, 2015 10:15 AM

देश भर की तरह इस बार उतराखण्ड के 16,000 से भी अधिक गाँवों में दीपावली का जश्न सराबोर है। पहले भी रहा। परन्तु यदि हम सिर्फ-व-सिर्फ उतराखण्ड हिमालय राज्य की बात करें तो शायद देश के अन्य भागों से यहाँ पर त्योहारों को मनाने का तरीका भिन्न हो सकता है।

fireworks
सूखते जलस्रोतों पर हिमालयी राज्यों के कार्यकर्ताओं ने जताई चिन्ता
Posted on 30 Oct, 2015 03:37 PM
बाजार के बढ़ते हस्तक्षेप और पूँजी की प्रधानता होने से आपसी प्रगाढ़ता
save water and organic seed
वन महकमा और वनाधिकार अधिनियम 2006 में टकराव
Posted on 30 Oct, 2015 08:51 AM

कानून की विफलताओं पर संगठन मुकर्रर वन पंचायत संघर्ष मोर्चा, अखिल भारतीय वन श्रमजीवी मंच ज

Forest
प्रेस वार्ता कर बतायी अधिनियम की विफलता
Posted on 29 Oct, 2015 01:02 PM

प्रेस वार्ताउत्तराखण्ड वन

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