नरेश कुमार

नरेश कुमार
जम्मू संभाग में कंडी क्षेत्र की जलविज्ञानीय समस्यायें एवं सम्भावित समाधान
Posted on 26 Apr, 2012 10:16 AM हिमालय पर्वत की शिवालिक पर्तमालाओं के सीमांत क्षेत्र के अल्प पर्वतीय भाग को भाभर क्षेत्र कहा जाता है। यह क्षेत्र 10 से 30 कि.मी.
गढ़वाल हिमालय स्थित डोकरियानी हिमनद पर जलविज्ञानीय अध्ययन
Posted on 15 Feb, 2012 11:14 AM गढ़वाल हिमालय क्षेत्र के डोकरियानी हिमनद की गलित जलधारा पर स्थापित जलविज्ञान मापन स्थल से राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान द्वारा 1992, 1994 एवं 1995 में निस्सरण, निलम्बित अवसाद, वायु तापमान तथा जल तापमान के आंकड़े एकत्र किये गये हैं। भिन्न-भिन्न महीनों में जलालब्धि का निर्धारण किया गया है। इनके विश्लेषणों से देखा गया है कि गलित जल जुलाई के महीने में अधिकतम पाया जाता है। इस क्षेत्र में प्रायः रोज वर्षा
गंगोत्री हिमनद के गलित अपवाह के विलम्बित अभिलक्षण
Posted on 22 Dec, 2011 11:17 AM हिमालय के अधिकांश बेसिनों के काफी क्षेत्रों में हिम एवं हिमनदों से आच्छादित क्षेत्र होता है। इनसे निकलने वाली नदियों में, मौसम के अनुसार, मई के महीने में हिमनदों के पिघलने से अपवाह का प्रारम्भ होता है। हिमनदों से गलित अपवाह उस समय अपवाह को बढ़ाता है जब नदियों में अपवाह कम होता है इस प्रकार यह जल उपलब्धता में आने वाली कमी की पूर्ति करता है। हिमनद से पिघलता हुआ पानी पिघलने के कुछ अन्तराल बाद हिमनद क
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