नेशनल दुनिया
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अपनी गंगा मैली
Posted on 01 Jan, 2013 11:02 AMयह बात किसी से भी छिपी हुई नहीं है कि नगरों-महानगरों की सारी गंदगी इन नदियों में लगातार छोड़ी जा रही है, नदियों के आसपास लगी हजारों फैक्ट्रियों से निकलने वाला केमिकल युक्त और जहरीला कचरा लाख मनाही के बाद भी बिना किसी रोक-टोक के इन नदियों में ही छोड़ा जाता है। करोड़ों रुपए खर्च कर लगाए गए जल शोधन संयंत्र रख-रखाव के अभाव में ठोस नतीजा नहीं दे पा रहे हैं। रही-सही कसर हमारी मान्यताओं और धार्मिक परं
‘सैंडी’ से सबक
Posted on 05 Nov, 2012 12:28 PMप्रकृति से छेड़छाड़ और अत्यधिक दोहन और उससे होने वाले नुकसान की बाते अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जोरदार तरीके से उठती
अब मरुधरा में छलकेगा अमृत
Posted on 02 Nov, 2012 03:30 PMराजस्थान में जहां पारंपरिक जलस्रोतों का जीर्णोद्धार हुआ है वहीं, वृहद, मध्यम एवं लघु पेयजल परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन से लोगों को पेयजल उपलब्ध हुआ है। सरकार ने 23 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की घोषणा की है।प्रदेश में जहां पारंपरिक जलस्रोतों का जीर्णोद्धार हुआ है। वहीं वृहद, मध्यम एवं लघु पेयजल परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन से लोगों को पेयजल उपलब्ध हुआ है। पश्चिमी राजस्थान में मरुस्थल की गोद में बसे बाड़मेर और जैसलमेर जिलों में पेयजल परियोजनाओं ने इस क्षेत्र की प्यास बुझाने के साथ ही यहां विकास के नए द्वार खोले हैं। राजस्थान जैसे वृहद राज्य में कठिन भौगोलिक परिस्थितियां और पानी की कमी के बावजूद यहां के जनजीवन में कभी भी मायूसी का माहौल नहीं रहा। यहां कि महिलाएं सिर पर मटकी रखे मीलों चलकर पानी लाती रही हैं। पानी के लिए यहां के लोग सदैव ही इंद्रदेव की मेहरबानी के लिए दुआएं करते रहे हैं। इतने बड़े राज्य में देश में उपलब्ध पानी का मात्र एक प्रतिशत हिस्सा ही मौजूद है। ऐसे में पानी के महत्व को मरुधरा के लोगों से बेहतर कौन जान सकता है लेकिन समय बदलने के साथ ही पेयजल का परिदृश्य भी बदलने लगा है।
गंगा बचाओ
Posted on 26 Oct, 2012 03:03 PM सवाल सिर्फ एक नदी का नहीं है, सारी ही नदियां सड़ती जा रही हैं। औद्योगिक देशों में सभी उद्योग अपने कर्सुलभ नहीं हैं शौचालय
Posted on 13 Oct, 2012 04:37 PMपूर्वी दिल्ली नगर निगम ने भले ही फिर से ऐसी किसी संस्था को शौचालयों का ठेका देने का मन बनाया हो, जिससे पहले एक बार इस काम को छीना जा चुका है, लेकिन राजधानी में शौचालयों की हकीकत आप जानते ही होंगे। जिनका वास्ता इनसे नहीं पड़ता, एक झलक देखिए इन रिपोर्ट में-टॉयलेट की हालत खस्ता, नए पड़े हैं बंद
रियो सम्मेलन ने दुनिया को निराश किया
Posted on 05 Jul, 2012 10:08 AMरियो सम्मेलन ने 1992 में वहां आयोजित पृथ्वी सम्मेलन का ही एक तरह से अनुसरण किया है। पृथ्वी सम्मेलन एक प्रकार से
रियो में रस्म अदायगी
Posted on 25 Jun, 2012 12:54 PMभारतीय प्रतिरोध में इस बार पहले जैसी धार नहीं थी। इसकी वजह यही है कि भारत भी अब विकास के प्रचलित रास्ते पर ही चल