केदारनाथ अग्रवाल

केदारनाथ अग्रवाल
एक नदी नौजवान ढीठ लड़की है
Posted on 06 Sep, 2013 11:32 AM
नदी एक नौजवान ढीठ लड़की है
जो पहाड़ से मैदान में आई है
जिसकी जाँघ खुली
और हँसी से भरी है-
जिसने बला की सुंदरता पाई है

पेड़ हैं कि इसके पास ही रहते हैं
झुकते, झूमते, चूमते ही रहते हैं
जैसे बड़े मस्त नौजवान लड़के हैं!

नदी म्यान से खिंची एक तलवार है
जो मैदान में लगातार चलती है
जिसकी धार तेज और बिजली से भरी है
पहाड़ और नदी
Posted on 06 Sep, 2013 11:29 AM
अधिष्ठित है
नगर का परम पुरुष पहाड़
नवागत चाँदनी के कौमार्य में,
आसक्ति को अनासक्ति से साधे,
भोग को योग से बाँधे,
समय में ही
समयातीत हुआ,

पास ही
प्रवाहित है
अतीत से निकल आई,
वर्तमान को उच्छल जीती,
भविष्य की भूमि की ओर
संक्रमण करती नदी,
गतिशील निरंतरता की जैसे वही हो
एकमात्र सांस्कृतिक,
चेतन अभिव्यक्ति।
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