कादम्बिनी

कादम्बिनी
नदी और मनुष्य
Posted on 03 Jul, 2015 09:36 AM
ऋग्वेद के तीसरे मंडल के तैंतीसवें सूक्त में नदियों और विश्वामित्र के बीच जो संवाद मिलता है वह नदियों और मनुष्य के आदिम रिश्तों की अनोखी व्याख्या है।
इमं मे गंगे यमुने सरस्वती शुतुद्रि
Posted on 21 Jun, 2015 04:07 PM
ऋग्वेद के दशम मंडल में नदी सूक्त के तहत भारत में नदियों की महिमा का विस्तार से वर्णन मिलता है। इससे पता चलता है कि नदियाँ किस तरह आदिकाल से हमारी जीवनधारा रही हैं।

प्र तेंऽरदद्वरूणो यातवे पथः सिन्धो यद्वाजौ अभ्यद्रवस्त्वम्।
भूम्या अधिं प्रवता यासि सानुना यदेषामग्र जगतमिरज्यसि।।

नदी तुम बहती जाओ
Posted on 18 May, 2015 11:47 AM

प्रकृति और नदियों के प्रति हम अपने कर्तव्यबोध से च्युत हुए हैं। संकट चौतरफा है। हमें विकास चाहि

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