इंडिया वाटर पोर्टल (हिन्दी)

इंडिया वाटर पोर्टल (हिन्दी)
पर्यावरणीय समस्याओं के निदान का हथियार बनेगा एनवायरनमेंट जस्टिस पैरालीगल्स
Posted on 12 Jan, 2018 11:53 AM

4 जनवरी 2018

पर्यावरणीय न्याय


दुनिया का एक बड़ा हिस्सा भले ही वह आज आर्थिक तौर पर कितना ही विकसित क्यों न हो, गम्भीर पर्यावरणीय संकट से ग्रस्त है। इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण, खनन और औद्योगिक विकास जैसी परियोजनाओं ने समुदायों के पड़ोस में रहने वालों की आर्थिक, सामाजिक और भौतिक सेहत को बिगाड़कर रख दिया है। पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और शासन के लिये बनाए गए मजबूत राष्ट्रीय और क्षेत्रीय कानून व संस्थान कागजों में ही रह गए। सरकारों और निगमों द्वारा कानून का पालन नहीं किये जाने का सामुदायिक आजीविका, स्वास्थ्य, भूमि तक पहुँच और जीवनस्तर पर गहरा प्रभाव पड़ा।

environment
भूजल पर प्रशिक्षण कार्यक्रम (ACWADAM Groundwater Training Programme)
Posted on 09 Nov, 2017 11:40 AM


ACWADAM’s certificate course on - Training and Facilitation in Hydrology to Enhance Civil Society's Capabilities in Watershed and Ground Management

तिथि : 15 जनवरी से 31 जनवरी 2018

Acwadam
आमंत्रण - ईस्टर्न हिमालयन नेचरनॉमिक्स फोरम (Eastern Himalayan Naturenomics Forum)
Posted on 22 Sep, 2017 12:44 PM

तारीख : 02 और 03 नवम्बर 2017
स्थान : विवांता बाई ताज होटल, गुवाहाटी (असम), भारत
सम्पर्क : वर्षा वाधवानी कम्यूनिकेशन बालीपाड़ा फाउंडेशन, मो.: +66948109669, वेबसाइट - www.baliparafoundation.com

.पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में बिखरी विभिन्न प्रकार की बायो-डायवर्सिटी मानव जीवन को प्रभावित करती है। इसकी इस खूबसूरत संरचना व जटिलता को समझकर कई हितधारक इसे बचाने के दीर्घकालिक समाधान खोज रहे हैं।

इस बातचीत को आगे बढ़ाने के लिये, बालीपाड़ा फाउंडेशन - Eastern Himalayan Naturenomics Forum - 2017, की आयोजन करने जा रहा है। कार्यक्रम 02-03 नवंबर 2017 को गुवाहाटी, असम, भारत में आयोजित किया जाएगा।

7वाँ भारतीय अन्तरराष्ट्रीय जल शिखर सम्मेलन - 2017
Posted on 19 Sep, 2017 09:50 AM

7वाँ भारतीय अन्तरराष्ट्रीय जल शिखर सम्मेलन - 2017 एक सफल आयोजन रहा। कार्यक्रम की विषय-वस्तु प्रासंगिक और जल संबंधी विभिन्न आयामों पर सटीक और केंद्रित होने के कारण विभिन्न हितधारकों की भागीदारी भी कार्यक्रम की सफलता के लिये अहम रही। इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) ने भारत सरकार के जल संसाधन मंत्रालय, नई दिल्ली के सहयोग से इंडिया हैबिटाट सेंटर, नई दिल्ली में 22 अगस्त 2017 को इस शिखर सम्मेलन का आयोजन किया।

7वें भारतीय अन्तरराष्ट्रीय जल सम्मेलन - 2017 का उद्घाटन श्रीमती मीनाक्षी लेखी - सांसद लोकसभा, द्वारा किया गया। उदघाटन सत्र के मौके पर श्रीमती कमलजीत सेहरावत - दक्षिण दिल्ली की महापौर, श्रीमती नीमा भगत- पूर्व दिल्ली की महापौर, श्री अभय कंटक निदेशक - अर्बन प्रैक्टिस क्रिसिल विशिष्ट अतिथि रहे।

गांधी शांति प्रतिष्ठान व्याख्यानमाला 2017
Posted on 05 Sep, 2017 04:27 PM

गांधी शांति प्रतिष्ठान की वार्षिक व्याख्यानमाला के 23वें व्याख्यान में आप सहर्ष-सादर आमंत्रित हैं।

तिथि : 2 अक्टूबर 2017
समय : 3:15 दोपहर
स्थान : गांधी शांति प्रतिष्ठान सभागार

वक्ता : श्री हिलाल अहमद
विषय : गांधी का भारत छोड़ो आंदोलन (चंपारण में 1917 में गांधी की पहली लड़ाई और 1942 में उनकी आखिरी लड़ाई के बीच का भारत और उसमें गांधी की भूमिका)

स्वयं भी आएँ और अपने सभी मित्रों-परिजनों को भी साथ लाएँ!

आमंत्रण : 3rd Water Innovation Summit- 2017
Posted on 02 Sep, 2017 10:56 AM

पानी की कमी के संदर्भ में आर्थिक एवं मानव विकास और जल प्रबंधन योगदान के लिये राष्ट्रीय अवार्ड

तारीख : 4-5 सितम्बर 2017
समय : 10:00 AM से 07:30 PM
स्थान : होटल ललित, नई दिल्ली

कंफेडेरशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई), सेंट्रल ऑफ एक्सीलेंस ऑन वाटर, सीआईआई- त्रिवेणी वाटर इंस्टिट्यूट द्वारा यह कार्यक्रम - 3rd Water Innovation Summit, 04- 05 सितम्बर 2017, होटल ललित, नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है।

आमंत्रण : जल पर बैठक (Memorial Meeting on 'Water')
Posted on 01 Sep, 2017 01:58 PM

समय - 02 सितम्बर 2017 (दोपहर 12 से शाम 5 बजे तक)
स्थान - एनडीतिवारी भवन, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली (नजदीक आईटीओ मेट्रो)

प्रिय मित्रों,

अरुण कुमार (पानी बाबा) और श्री जी. नरेन्द्रनाथ जी की स्मृति में हरित स्वराज सम्वाद (सैडेड) एक आयोजन कर रहा है। पानी बाबा फांउडेशन और जी. नरेन्द्रनाथ फ़ेलोशिप के साथ मिलकर सैडेड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आप सभी आमंत्रित हैं।

कार्यक्रम 2 सितम्बर 2017 को एन.डी.तिवारी भवन, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली में 12:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक होगा।

भगीरथ प्रयास सम्मान 2017 के लिये आवेदन आमंत्रित
Posted on 27 Aug, 2017 11:10 AM

नामांकन तिथि


नामांकन भरने की अंतिम तिथि – 07 अक्टूबर, 2017
ईमेल : suresh@wwfindia.net, indiariversweek2014@gmail.com

भगीरथ प्रयास सम्मान


भगीरथ प्रयास सम्मान (बीपीएस) की स्थापना वर्ष 2014 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारत की नदियों की सुरक्षा व संरक्षण के लिये बेहतर काम करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करना है। भगीरथ प्रयास सम्मान का जोर न केवल परिणामों/प्रभावों बल्कि उन कोशिशों/प्रयासों/पहलों पर है जिनकी मदद से नदियों को संरक्षित करने की कोशिश की गयी।

हमारी कोशिश गुमनाम लेकिन प्रेरणादायक प्रयासों को सामने लाने की है, ताकि दूसरे लोग भी उनसे प्रेरणा ले सकें। इस सम्मान के लिये सरकार, संस्थान, मीडिया और भारत की सिविल सोसाइटी से जुड़े हुए व्यक्ति/संस्थान नामांकन कर सकते हैं।

आमंत्रण पत्र - विकल्प संगम 2017
Posted on 26 Aug, 2017 01:53 PM

मध्य प्रदेश विकल्प संगम में (जिसमें विकास की मुख्य धारा से हटकर अन्य विकल्पों पर कार्यरत या कार्य करने के लिये उत्सुक संस्थान एवं लोग शामिल हो रहे हैं) आपको आमंत्रित करते हुए प्रसन्नता हो रही है। म.प्र. विकल्प संगम 18 से 19 सितंबर 2017 को डेवलपमेंट अल्टरनेटिव ओरछा झांसी में आयोजित होने जा रहा है। यह संगम विशेष रूप से बुन्देलखण्ड जो कि सूखा, गरीबी, जैसी समस्याओं से ग्रसित क्षेत्र के रूप में जाना जाने लगा है, पर केन्द्रित होगा। यह संगम ‘विकल्प संगम’ की सतत और व्यापक प्रक्रिया का हिस्सा है जोकि पिछले कुछ वर्षों से देश के विभिन्न क्षेत्रों में समय-समय पर आयोजित किया जाता रहा है।

विकल्प संगम का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय स्तर पर विभिन्न विषयों जैसे प्रकृति और प्राकृतिक संसाधन, शिक्षा, स्वास्थ्य, शिल्पकला, मीडिया, न्याय, आजीविका, बाजार/व्यापार, कला एवं संस्कृति, प्रशासन आदि के व्यावहारिक विकल्पों पर चर्चा करना है साथ ही क्षेत्रीय संगम में निकले विषय बिन्दुओं को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित विकल्प संगम में ले जाना है।
सातवीं इंडिया इण्टरनेशनल वाटर समिट Water for all (सबके लिये पानी)
Posted on 11 Aug, 2017 10:36 AM

तिथि : 22 अगस्त, 2017
समय : सायं 03 बजे
स्थान : इंडिया हैबीटाट सेन्टर, नई दिल्ली

.“पानी की एक बूँद भी अगर बेकार होती है तो हमें उसके दर्द का एहसास होना चाहिए, आइये हम अपने आप से वादा करें कि इस जून, जुलाई, अगस्त और सितम्बर के महीने में हम पानी की एक बूँद भी बेकार नहीं जाने देंगे… यही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि इस साल जब हम दिवाली मनाएँ तो हमें यह सोचकर आनन्द की अनुभूति होनी चाहिए कि हमने कितना पानी बचाया है।” - भारत के प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी की मन की बात से लिया गया कथन।

आजादी के बाद से ही भारत ने जलस्रोतों में काफी विकास किया है और देश की जनता की पानी की विभिन्न माँगों को एक हद तक सफलतापूर्वक पूरा भी किया है। फिर भी समय के साथ-साथ बढ़ते हुए शहरीकरण जनसंख्या और औद्योगिक विकास के चलते कहीं-न-कहीं इन जलस्रोतों पर दबाव पड़ा है और आज हम पानी की कमी महसूस कर रहे हैं।

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