देवेंद्र सिंह
सूख चुके है सदियों से प्यास बुझाने वाले तालाब
Posted on 03 Apr, 2023 03:10 PMसैकड़ों-हजारों तालाब अचानक शून्य से प्रकट नहीं हुए थे। इनके पीछे एक इकाई थी बनवाने वालों की, तो दहाई थी बनाने वालों की। यह इकाई, दहाई मिलकर सैकड़ा, हजार बनती थी। पिछले दो सौ बरसों में नए किस्म की थोड़ी सी पढ़ाई पढ़ गए समाज ने इस इकाई, दहाई, सैकड़ा, हजार को शून्य ही बना दिया।" जल पुरुष अनुपम मिश्र की पुस्तक 'खरे हैं तालाब' में लिखी ये पंक्तियां आज के मनुष्य पर चोट करती हैं, जो आधुनिकता की अंधी द
पानी की कमी से जूझते देशो की सूची में भारत 13वें स्थान पर
Posted on 28 Mar, 2023 02:48 PMपानी को बचाने के लिए और उसे पीने लायक बनाए रखने के लिए विश्व में हर देश अपने स्तर पर कुछ न कुछ योजनाएं चला रहे है। पिछले कुछ समय में देखा गया है कि पीने के पानी की तादाद में गिरावट आई है।एक व्यक्ति को प्रतिदिन औसतन 30 से 50 लीटर स्वच्छ जल की आवश्यकता होती है लेकिन हमारे देश में करीब 88 करोड़ लोगों को जरूरत का 10 प्रतिशत हिस्सा भी नहीं मिल पाता यानी इस बात से यह तो साफ़ हो गया है कि लोगो को कम मा
नदियों को बचाने के लिए बनाने होंगे ट्रिब्यूनल
Posted on 24 Mar, 2023 10:51 AMदेहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में जाने माने राष्ट्रीय चिंतक एवं विचारक के एन गोविंदाचार्य ने कहा कि देश की नदियों को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक अधिकार प्राप्त ट्रिब्यूनल बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा गंगा की निर्मलता, अविरलता एवं जल संरक्षण के लिए अगल से गंगा एक्ट बनाना चाहिए दो दिन के प्रवास पर उत्तराखंड पहुंचे गोविंदाचार्य ने राजपुर रोड स्थित विश्व संवाद केंद्र में कहा कि नदियों को ब