आईएम4 चैंज

आईएम4 चैंज
सोशल ऑडिट
Posted on 29 Oct, 2010 09:42 AM

खास बात

• साल १९९३ के ७३ वें संविधान संशोधन के अनुसार सोशल ऑडिट करना अनिवार्य है। इसके माध्यम से ग्रामीण समुदाय को अधिकार दिया गया है कि वे अपने इलाके में सभी विकास कार्यों का सोशल ऑडिट करें। इस काम में अधिकारियों को ग्राम-समुदाय का सहयोग करना अनिवार्य माना गया है।*
नरेगा
Posted on 29 Oct, 2010 09:13 AM

खास बात



• अर्जी देने के १५ दिनों के अंदर न्यूनतम निर्धारित मजदूरी की दर पर प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी ग्रामीण परिवार के एक व्यस्क सदस्य को(बशर्ते वह हाथ के काम करने को तैयार हो) १०० दिनों तक रोजगार मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम को भारत की संसद ने साल २००५ में लागू किया किया।*
वीडियो वालंटियर्स को सिटीजन जर्नलिज्म फैलोशिप
Posted on 29 Oct, 2010 09:04 AM

अंतर्राष्ट्रीय कम्युनिटी मीडिया पोर्टल की गोवा केंद्रित एक शाखा वीडियो वॉलंटियर्स ने अपने इंडिया अन्हर्ड नाम के कार्यक्रम के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। कार्यक्रम का यह दूसरा दौर है। इस दौर में चयनित उम्मीदवारों को विभिन्न समुदायों के सरोकार, मुद्दे, आविष्कारी काम, परंपरा आदि से संबंधित वीडियो रिपोर्ट बनाने के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।सिटीजन जर्नलिज्म के तहत फैलोशिप देने का की यह परियोजना

Video Volunteers
नरेगा के जमीनी समीकरण- सामाजिक अंकेक्षण और सरपंच
Posted on 29 Oct, 2010 08:56 AM
सुख अकेले टहलते हैं,दुःख झुंड बनाकर रहते हैं।सुख चेहरे से छलकता है,दुःख चेहरे पर जमा रहता है।सुखों के लिए चौराहे होते हैं और दुःखों के लिए वह कोना जहां किसी की गुजर ही नहीं। गुलाबी नगरी जयपुर में गुजरे 15 दिसंबर को स्टेशन से लगते जीपीओ के पास बने शहीद स्मारक के घेरे में आलम कुछ ऐसा ही था।
केंद्र ने किया पोलावरम परियोजना का समर्थन
Posted on 29 Oct, 2010 08:46 AM
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के बीच विवाद की जड़ गोदावरी नदी पर बनने वाली पोलावरम इंद्रा सागर परियोजना का केंद्र सरकार ने समर्थन किया है। केंद्रीय जल आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए अपने हलफनामे में परियोजना को मंजूरी का समर्थन करते हुए कहा है कि डूब से बचने के लिए जरूरी उपाय किए जा सकते हैं। आयोग ने यह हलफनामा परियोजना का विरोध करने वाले उड़ीसा राज्य के मुकदमे में दाखिल कि
जलवायु परिवर्तन का जानलेवा असर बच्चों पर
Posted on 28 Oct, 2010 02:13 PM
बच्चे जलवायु-परिवर्तन के जिम्मेदार तो नहीं हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन की सबसे गहरी चोट उन्हीं को लगेगी। जलवायु-परिवर्तन से बच्चों की जिन्दगी को सबसे ज्यादा खतरा है।बाल अधिकारों की वैश्विक संस्था सेव द चिल्ड्रेन द्वारा जारी फीलिंग द हीट-चाइल्ड सरवाईवल इन चेजिंग क्लाइमेट नामक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर बच्चों की सेहत को सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन से है।(देखें नीचे दी गई लिंक)
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