करीब 15 साल पहले मथुरा के नेता गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी की ओर से दायर याचिका में यमुना प्रदूषण के मामले में इलाहाबाद हाइकोर्ट ने यमुना नदी में मछली समेत किसी भी तरह के जलचर को पकड़ने पर रोक लगा दी थी इसी के साथ यमुना नदी के किनारे के सभी जिलों के पुलिस प्रशासन को इस रोक पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।जगह-जगह पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद रिवर पुलिस की पिकेट तैनात की गई। कहीं-कहीं पर तो रिवर थाना भी बनाने की कोशिश की गई रिवर पुलिस की ड्यूटी यह थी कि वह यमुना में जलचरों के आखेट को रोके। इसके कार्यान्वयन में स्थानीय पुलिस की मदद भी ले सकती है।
आगरा में यमुना सत्याग्रही पंडित अश्विनी कुमार मिश्र ने स्थानीय प्रशासन से मिलकर रिवर पुलिस की बात सन् 2008 में उठाई। 13 जून 2008 से वे लगातार यमुना जी के लिए आगरा के हाथीघाट पर सत्याग्रह कर रहे हैं। उन्होंने जनदबाव बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया करीब 35 हजार दस्तख़त कराकर लोगों के बीच यमुना की समस्या पर अपने विचार रखे। उन्होंने प्रधानमंत्री, भारत सरकार, पर्यावरण वन मंत्रालय शहरी विकास मंत्रालय सहित मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश को भी समय-समय पर पत्र भेजकर तथा आगरा स्थानीय प्रशासन को भी समय-समय पर पत्र भेजकर यमुना में प्रदूषण को रोकने के लिए रिवर पुलिस की स्थापना की मांग की 2010 में आगरा में रिवर पुलिस की स्थापना की भी गई। शुरू में तो इसकी पूरी यूनिट बनाई गई जिसमें एक दरोगा, एक सब इंस्पेक्टर तथा 6 पुलिसकर्मी सहित छाता के सीओ को प्रभारी इंचार्ज बनाया गया। रिवर पुलिस ने लगातार यमुना में कूड़ा-कचरा डालने वालों को चालान भी किया और रोका भी लेकिन धीरे-धीरे रिवर पुलिस यूनिट में शामिल पुलिस वालों की ट्रांसफर और रिटायरमेंट की वजह से उनकी संख्या काफी घट गई। जिसके वजह से रिवर पुलिस पिकेट लगभग निष्क्रिय हो चुकी है।
आगरा के स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि रिवर पुलिस को फिर से सक्रिय किया जाय और उसमें शामिल जवानों और अधिकारियों को यमुना की सुरक्षा के अलावा किसी अन्य काम में न लगाया जाय।
1. दिल्ली की मुख्य मंत्री को पत्र
2.हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र
3.पर्यावरण वन मंत्रालय को पत्र
4. प्रधानमंत्री, भारत सरकार को पत्र
5. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र
6.शहरी विकास मंत्रालय को पत्र
7. आयुक्त आगरा मंडल का कार्यवाही तथा बैठक संबंधी पत्र और फोटोग्राफ
8. मंडलायुक्त आगरा को 6 अगस्त 2009 को पत्र
9. 30 अप्रैल 2011 को आगरा मंडलायुक्त को रिवर पुलिस के सशक्तिकरण के लिए पत्र
10. आम लोंगो के लिए यमुना सत्याग्रह मांगपत्र पम्पलेट
आगरा में यमुना सत्याग्रही पंडित अश्विनी कुमार मिश्र ने स्थानीय प्रशासन से मिलकर रिवर पुलिस की बात सन् 2008 में उठाई। 13 जून 2008 से वे लगातार यमुना जी के लिए आगरा के हाथीघाट पर सत्याग्रह कर रहे हैं। उन्होंने जनदबाव बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया करीब 35 हजार दस्तख़त कराकर लोगों के बीच यमुना की समस्या पर अपने विचार रखे। उन्होंने प्रधानमंत्री, भारत सरकार, पर्यावरण वन मंत्रालय शहरी विकास मंत्रालय सहित मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश को भी समय-समय पर पत्र भेजकर तथा आगरा स्थानीय प्रशासन को भी समय-समय पर पत्र भेजकर यमुना में प्रदूषण को रोकने के लिए रिवर पुलिस की स्थापना की मांग की 2010 में आगरा में रिवर पुलिस की स्थापना की भी गई। शुरू में तो इसकी पूरी यूनिट बनाई गई जिसमें एक दरोगा, एक सब इंस्पेक्टर तथा 6 पुलिसकर्मी सहित छाता के सीओ को प्रभारी इंचार्ज बनाया गया। रिवर पुलिस ने लगातार यमुना में कूड़ा-कचरा डालने वालों को चालान भी किया और रोका भी लेकिन धीरे-धीरे रिवर पुलिस यूनिट में शामिल पुलिस वालों की ट्रांसफर और रिटायरमेंट की वजह से उनकी संख्या काफी घट गई। जिसके वजह से रिवर पुलिस पिकेट लगभग निष्क्रिय हो चुकी है।
आगरा के स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि रिवर पुलिस को फिर से सक्रिय किया जाय और उसमें शामिल जवानों और अधिकारियों को यमुना की सुरक्षा के अलावा किसी अन्य काम में न लगाया जाय।
अटैच डाक्युमेंट
1. दिल्ली की मुख्य मंत्री को पत्र
2.हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र
3.पर्यावरण वन मंत्रालय को पत्र
4. प्रधानमंत्री, भारत सरकार को पत्र
5. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र
6.शहरी विकास मंत्रालय को पत्र
7. आयुक्त आगरा मंडल का कार्यवाही तथा बैठक संबंधी पत्र और फोटोग्राफ
8. मंडलायुक्त आगरा को 6 अगस्त 2009 को पत्र
9. 30 अप्रैल 2011 को आगरा मंडलायुक्त को रिवर पुलिस के सशक्तिकरण के लिए पत्र
10. आम लोंगो के लिए यमुना सत्याग्रह मांगपत्र पम्पलेट
Path Alias
/articles/yamaunaa-kai-saurakasaa-kae-laie-banai-raivara-paulaisa-paikaeta
Post By: Hindi