विश्व जल दिवस के अवसर पर इण्डिया वाटर पोर्टल (हिन्दी) की ओर से 30 (तीस) ‘रिपोर्टिंग ग्रांट’ फैलोशिप 2016


पानी-पर्यावरण के मुद्दों पर इन-डेप्थ रिपोर्टिंग के लिये अनुदान यानी ‘रिपोर्टिंग ग्रांट’ क्यों?


.120 करोड़ से भी ज्यादा आबादी के विशाल देश में पीने का पानी दुर्लभ वस्तु बनता चला जा रहा है। एक आँकड़े के मुताबिक देश की बीस फीसदी आबादी को पीने का साफ पानी मयस्सर नहीं है। पीने के पानी का संकट गाँव और शहर दोनों में फैल चुका है। कहीं पेयजल में फ्लोराइड है, तो कहीं आर्सेनिक, आयरन, लेड (सीसा) और कहीं-कहीं तो पीने के पानी में यूरेनियम तक भी है। इन रासायनिक तत्वों की वजह से देश की बड़ी आबादी पेट के संक्रमण से लेकर कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों के चपेट में है।

देश में कहीं भी पेयजल और भूजल की गुणवत्ता, अब ठीक नहीं रह गई है। एक से अधिक घुलनशील रसायनों (फ्लोराइड, लौहतत्व, आर्सेनिक, यूरेनियम या नाइट्रेट) के साथ ही टीडीएस की अधिकता के कारण पेयजल की भयानक समस्या सामने है।

पानी की गम्भीर होती समस्या के दो प्रमुख पहलू हैं। पहला है, जल की कमी या पानी की उपलब्धता और दूसरा है, जो भी पानी उपलब्ध है, वह पीने लायक नहीं है, यानी जल गुणवत्ता का सवाल।

इण्डिया वाटर पोर्टल (हिन्दी) पानी के मुद्दे पर हो रही गम्भीर परिस्थितियों की ओर ध्यान आकृष्ट करने तथा इसके महत्त्व को रेखांकित करने के लिये खबरों, नई चुनौतियों से जुड़ी शोधपरक रिपोर्टों तथा समस्याओंं के सम्भावित हल पर ‘सकारात्मक रिपोर्टिंग’ की एक शृंखला शुरू करना चाहता है। ‘रिपोर्टिंग ग्रांट’ फैलोशिप का मकसद है कि इससे लेखकों/पत्रकारों की पानी-पर्यावरण के मुद्दों के प्रति समझदारी बढ़े, जमीनी स्थितियों का अध्ययन हो सके।

फैलोशिप का मकसद मुख्यधारा में हाशिए पर पड़े पानी-पर्यावरण के मुद्दों को मुख्य धारा की मीडिया में व्यापक बनाना है। उम्मीद रहेगी कि यह फैलोशिप फील्ड रिपोर्टिंग को बढ़ावा देने और पत्रकारिता के दृष्टिकोण के साथ सम्बन्धित विषय पर विस्तार से काम करने (इनडेप्थ रिपोर्टिंग) में सहायक होगी।

इण्डिया वाटर पोर्टल (हिन्दी) के बारे में


करीब एक दशक पूर्व विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न भिन्न ऑनलाइन नॉलेज पोर्टलों की आवश्यकता को शिद्दत से महसूस किया जा रहा था। तब 2005 में इण्डिया वाटर पोर्टल की शुरुआत हुई थी। तबसे इण्डिया वाटर पोर्टल भारत में जल, स्वच्छता, कृषि, पर्यावरण, मौसम-परिवर्तन, जैव-विविधता और अन्य सम्बन्धित विषयों के लिये ज्ञान, सूचना और खुली साझेदारी का महत्त्वपूर्ण स्रोत बन गया है।

इण्डिया वाटर पोर्टल (हिन्दी) एक वेबसाइट है जो ज्ञान की साझेदारी और भारत में जल और उससे सम्बन्धित विषयों पर समुदाय की मजबूती के लिये कार्यरत है। यह पोर्टल संसाधनों, वर्किंग पेपरों, रिपोर्टों, आँकड़ों, आलेखों, खबरों, आयोजनों, अवसरों और जल से सम्बन्धित बहसों का एक मूल्यवान भण्डार बन गया है।

इण्डिया वाटर पोर्टल एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो आपको अपने अनुभवों और समाधानों को साझा करने, विशेषज्ञों से विमर्श लेने और दूसरे लोग जो जल संसाधनों के मसले पर बेहतर काम करते रहे हैं, उनसे सीखने के लिये सक्षम बनाता है। इण्डिया वाटर पोर्टल मुख्यतः स्वयंसेवी संगठनों, सीएसआर, मीडिया और लोगों के साथ साझेदारी में काम करता है। हम विविध पृष्ठभूमियों विचारों और स्वयंसेवियों के साथ भी काम करते हैं। ये ऐसे लोग हैं जो अपना बहुमूल्य समय और ऊर्जा लगा कर भारत के जल संकट का समाधान तलाश रहे हैं और लोगों के बीच जागरुकता का प्रसार कर रहे हैं। पोर्टल का मूल उद्देश्य पानी के मुद्दे पर काम करने वालों को जानकारी से समृद्ध करना है। इसीलिए भारतीय भाषाओं में सामग्री निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में पोर्टल दो भारतीय भाषाओं कन्नड़ एवं हिन्दी तथा अंग्रेजी में है। आशा है कि आने वाले समय में हम अन्य भारतीय भाषाओं में भी सामग्री तैयार करने की ओर बढ़ेंगे।

स्टोरी या रिपोर्ट के लिए विषय-वस्तु:


1- फ्लोराइड (Fluoride) - (कुल पाँच ‘रिपोर्टिंग ग्रांट’ फैलोशिप)
2 - आर्सेनिक (Arsenic) - (कुल पाँच ‘रिपोर्टिंग ग्रांट’ फैलोशिप)
3 - शहरी क्षेत्र में पानी की समस्या और प्रबन्धन (Urban Waters) - (कुल पाँच ‘रिपोर्टिंग ग्रांट’ फैलोशिप)
4 - नौले-धारे (Water Springs) - (कुल पाँच ‘रिपोर्टिंग ग्रांट’ फैलोशिप)
5 - स्वच्छता (Sanitation) - (कुल पाँच ‘रिपोर्टिंग ग्रांट’ फैलोशिप)
6 - हिन्दी की सहयोगी भाषाएं - (बंगाली, मराठी, उड़िया, गुजराती, नेपाली) (कुल पाँच- प्रत्येक भाषा के लिये एक ‘रिपोर्टिंग ग्रांट’ फैलोशिप)

कैसी हो रिपोर्ट


यूं तो हम हर तरह के स्टोरी आइडिया का स्वागत करते हैं लेकिन गंभीर और शोध परक रिपोर्ट करने वालों को वरीयता दी जायेगी। प्राय: कम चर्चित विषयों तथा खबरों के चयनित होने की अधिक सम्भावना है बजाय कि रेगुलर खबरों के।

प्रस्ताव और खबर करने की पूरी प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए प्रति रिपोर्ट 10,000 (दस हजार) रुपये तक का अनुदान देय होगा। गहन शोधपरक खबरों और खबर करने के किसी भी तरीके पर राशि में बदलाव असम्भव है।

स्टोरी का सम्भावित प्रारूप तथा आकार


खोजपरक स्टोरी/रिपोर्ट: यह किसी समस्या आधारित केस स्टडी, सफलतम कहानियाँ, फीचर, निबन्ध, फोटो निबन्ध हो सकती है। इसमें 2,800 से 5,000 शब्द होना अनिवार्य है । अपनी रिपोर्ट में तथ्यों की अच्छी तरह पुष्टि करने के लिये वीडियो, तस्वीर, ग्राफिक और नक्शे आदि उचित रूप से शामिल करें।

नोट: संदर्भ सामग्री का ध्यान अनिवार्य रूप से रखा जाना चाहिए। संदर्भ सामग्री आदि का समुचित जिक्र होना चाहिए और कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।

कौन कर सकता है आवेदन?


ऑनलाइन, प्रिंट और टेलीविजन पत्रकार।
पर्यावरण के मुद्दों पर रिपोर्टिंग करने वाले अन्य विशेषज्ञ मीडियाकर्मी।
हम सभी फ्रीलांसरों तथा हर तरह के मीडिया संस्थान के कर्मचारियों को भी आवेदन के लिये आमंत्रित करते हैं।

आवेदन की प्रक्रिया


सर्वप्रथम चयनित विषय की अवधारणात्मक समझ पर 300-500 शब्दों में एक स्टोरी आइडिया यहाँ http://hindi.indiawaterportal.org सब्मिट करें।

स्टोरी आइडिया का विषय स्पष्ट शब्दों में अंकित करें। आपका स्टोरी आइडिया स्वीकृत होने के पश्चात आपको फोन अथवा ईमेल द्वारा सूचित किया जाएगा। उसके पश्चात ही आपको नीचे दी गई संलग्नकों की सूची अनुसार सभी प्रपत्रों के साथ अपना आवेदन भेजना है।

अनुदान की शर्तें


1. कंन्टेंट का फॉन्ट यूनिकोड ही होगा। पत्रकारिता में दो वर्ष का अनुभव। पानी-पर्यावरण के मुद्दों पर लेखन का अनुभव या इसमें व्यक्तिगत रुचि। अध्ययन भ्रमण में सक्षम।
2. अखबार के संपादक से फेलोशिप के अंतर्गत तैयार सामग्री के पुनर्प्रकाशन का सहमति-पत्र।
3. स्वतंत्र पत्रकार के सम्बन्ध में कम से कम दो प्रतिष्ठित समाचार-पत्र / पत्रिका के संपादकों की सहमति और अनुशंसा-पत्र।
4. चयनित विषय पर अवधारणात्मक समझ।
5. सामग्री के पुनर्प्रकाशन में इण्डिया वाटर पोर्टल का सन्दर्भ अथवा स्रोत साभार अनिवार्य है।
6. इण्डिया वाटर पोर्टल फेलोशिप के अंतर्गत चयनित आलेखों में संपादन तथा तथ्यों की जाँच के लिये स्वतंत्र होगा।
7. किसी भी विवाद की स्थिति में इण्डिया वाटर पोर्टल का निर्णय अंतिम व मान्य होगा।

संलग्नक - चेक लि‍स्‍ट (आप जांच लें कि ये सभी दस्तावेज आपने संलग्न किए हैं या नहीं)


1. आवेदन पत्र
2. बायोडाटा
3. अनुभव प्रमाण-पत्र
4. चयनित विषय पर किए जाने वाले शोध का प्रस्ताव। इसमें यह बताना होगा कि फेलोशिप को पूरा करने की आपकी रणनीति क्या होगी? आपको यह भी लिखना होगा कि विषय चयन का आधार क्या है, विषय से जुड़े विभिन्न पहलू क्या होंगे और आपका अध्ययन क्षेत्र देश के किस हिस्से में होगा।
5. संपादक का सहमति-पत्र। (स्वतंत्र पत्रकार के लिए दो अखबारों के संपादकों का सहमति-पत्र)।
6. पानी-पर्यावरण मुद्दों पर प्रकाशित दो लेखों / समाचारों की स्कैन प्रति (पांच से अधिक नहीं)।
7. आपके कार्य को जानने वाले दो संदर्भ व्यक्तियों के नाम, फोन नंबर और ईमेल।

रिपोर्टों का प्रकाशन


अनुदान की शर्त के मुताबिक सर्वप्रथम उपयोग का अधिकार इंडिया वाटर पोर्टल (हिन्दी) का होगा। पश्चात लेखक भी इन खबरों का प्रकाशन और वितरण कर सकेंगे। हालांकि लेखक तथा प्रोड्यूसर इन खबरों को अन्य मीडिया संस्थानों में भी प्रकाशित, प्रसारित करवाना होगा। लेकिन इंडिया वाटर पोर्टल (हिन्दी) में प्रकाशित होने के बाद।

कैसे आवेदन करें


‘रिपोर्टिंग ग्रांट’ के लिए आवेदन प्रारूप हमारी वेबसाइट

http://hindi.indiawaterportal.org

पर है। हर आवेदक को ऑनलाइन आवेदन ही करना होगा। आवेदन प्रारूप भरने के लिए इस लिंक पर जाएं -

http://hindi.indiawaterportal.org

केवल सफल आवेदकों को ही सूचित किया जाएगा।



अन्तिम तिथिः आवेदन की अन्तिम तारीख 25 मार्च, 2016 है।

समन्वयक, इंडिया वाटर पोर्टल (हिन्दी) ‘रिपोर्टिंग ग्रांट’ फेलोशिप 2016

मीनाक्षी अरोड़ा
फोनः 9654341225
Email: minakshi@indiawaterportal.org

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Post By: RuralWater
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