ट्रिब्यूनल में हुई सुनवाई, नहीं हटा रेणुका बांध निर्माण पर लगा स्टे

रेणुका बांध के निर्माण कार्य में अभी और समय लग सकता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल दिल्ली द्वारा बांध के निर्माण पर लगा स्टे नहीं हटाया गया है। दिल्ली के विज्ञान भवन के ट्रिब्यूनल में बुधवार को रेणुका बांध की सुनवाई हुई। ट्रिब्यूनल ने अगली सुनवाई की तिथि 4 जनवरी निश्चित कर दी है।

रेणुका बांध प्रबंधन ने स्टे हटाने के लिए काफी कसरत की थी। लेकिन, बात नहीं बन पाई। योजना फिलहाल सिरे नहीं चढ़ पाई है। बता दें कि रेणुका बांध निर्माण को लेकर मोहतू गांव के दुर्गाराम शर्मा ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका दायर की थी। ट्रिब्यूनल ने इस पर रेणुका बांध क्षेत्र में हो रहे भवन निर्माण कार्यों और सामाजिक कार्यों समेत अन्य तमाम निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी।

ट्रिब्यूनल ने नवंबर माह में बांध के पांच मंजिला निर्माणाधीन कार्यालय भवन और अन्य सामाजिक कार्यों से रोक हटा दी थी। दुर्गाराम के वकील ऋत्विक दत्ता ने बताया कि दीद बगड़ के विस्थापितों एक नई याचिका दायर की है। इसमें जमीन अधिग्रहण की धारा-9 की कार्रवाई किए जाने के बाद बांध की जद में आने वाली उनकी जमीन के पैसे दिलाए जाने की गुहार लगाई है।

ऋत्विक दत्ता ने बताया कि एचपीपीसीएल लोगों को गुमराह कर अपना उल्लू सीधा करना चाहता है। जिन लोगों ने ये याचिका दायर की है उनकी शामलात व जंगल झाड़ी वाली जमीन ही बांध की चपेट में आएगी। इससे उनकी आजीविका पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

मगर जिन विस्थापितों ने बांध निर्माण पर रोक लगाए जाने की याचिका दायर की है। वे बांध निर्माण के बाद भूमिहीन होने के साथ साथ हाउस लैस भी हो जाएंगे। रेणुका बांध के जीएम बीके कौशल ने बताया कि 4 जनवरी को दोबारा ट्रिब्यूनल की सुनवाई होगी। बांध प्रबंधन के एजीएम पीके कथूरिया और एसडीओ पर्यावरण विशाल शर्मा भी उनके साथ थे।

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