स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री सी.के. मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से देश में स्वास्थ्य केंद्रों को साफ एवं स्वच्छ बनाने पर होने वाला मामूली खर्च किस तरह स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा फायदा देगा क्योंकि उससे संवहनीय या संक्रामक रोगों से बचा जा सकेगा।
सरकार ने स्वच्छता सुधार, जागरूकता बढ़ाने तथा स्वास्थ्यप्रद जीवनचर्या के जरिये बेहतर स्वास्थ्य परिणाम हासिल करने के लिये स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र अभियान की शुरुआत की है। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का अंतरमंत्रालयी संयुक्त कार्यक्रम स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र सुशासन दिवस 2016 पर आरम्भ हुआ। इस कार्यक्रम के उद्घाटन में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर और पेयजल तथा स्वच्छता मंत्रालय के सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर उपस्थित थे। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान वाला कार्यक्रम ‘स्वस्थ बच्चे स्वस्थ भारत’ भी आरम्भ किया गया।स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र कार्यक्रम का उद्देश्य पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दो पूरक कार्यक्रमों क्रमशः स्वच्छ भारत मिशन एवं कायाकल्प की उपलब्धियों का लाभ उठाना और उन्हें बढ़ाना है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत-
1. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने 700 से अधिक ब्लॉकों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया है। देश भर के ओडीएफ ब्लॉकों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को स्वच्छता एवं सफाई पर ध्यान देने के लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 10 लाख रुपये दिये जाएँगे।
2. कायाकल्प के अंतर्गत प्रत्येक जिले में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को स्वच्छता एवं सफाई समेत गुणवत्ता मानक पूरे करने के लिये पुरस्कार दिया जाएगा। कायाकल्प के अंतर्गत जिले में पुरस्कृत होने वाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जिस ग्राम पंचायत में आता होगा, उस पंचायत को स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत चिन्हित किया जाएगा तथा उसे जल्द से जल्द खुले में शौच से मुक्त बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि यह पहल विभिन्न सरकारी योजनाओं तथा कार्यक्रमों को एक साथ लाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम होगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावेड़कर ने कहा कि स्वच्छ भारत मानसिकता बदलने पर ध्यान देता है जिसके लिये किसी बड़े तकनीकी अथवा ढाँचागत हस्तक्षेप की नहीं बल्कि व्यवहार परिवर्तन के लिये केंद्रीकृत अभियान की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षित विद्यार्थी स्वच्छता का संदेश अपने माता-पिता तक पहुँचाने के सबसे अच्छे माध्यम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों पर ध्यान केंद्रित कर ‘स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र’ 2019 तक भारत को खुले में शौच से मुक्त बना देगा।
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर ने स्वच्छ भारत मिशन की अभी तक की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश के 70 से अधिक जिले, 700 से अधिक ब्लॉक और 1.30 लाख से अधिक गाँव अभी तक खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं और कई अन्य इस लक्ष्य के बहुत करीब हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन को जनांदोलन बनाने अर्थात प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छता से परिचित कराने का जो संदेश प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दिया था, उसका सबसे सटीक उदाहरण स्वच्छ स्वस्त्र सर्वत्र है। उन्होंने बताया कि स्कूली स्वच्छता के क्षेत्र में ध्यान देने के लिये पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बीच एक और गठजोड़ होने जा रहा है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री सी.के. मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से देश में स्वास्थ्य केंद्रों को साफ एवं स्वच्छ बनाने पर होने वाला मामूली खर्च किस तरह स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा फायदा देगा क्योंकि उससे संवहनीय या संक्रामक रोगों से बचा जा सकेगा। उन्होंने देश में इस क्रांति को लाने के लिये मोर्चे पर काम कर रहे स्वच्छ भारत मिशन के कर्मचारियों तथा स्वास्थ्य कर्मचारियों के संकल्प तथा समर्पण की भी सराहना की।
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