‘समुदाय संचालित संपूर्ण स्वच्छता’ मार्गनिर्देशिका

‘समुदाय संचालित संपूर्ण स्वच्छता’ सीएलटीएस (Community Lead Total Sanitation- CLTS) बहुत से देशों के विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है। प्रशिक्षण कार्य में अपना समय और क्षमता लगाने वाले कार्यकर्ताओं तथा कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षकों की बहुत कमी है।

यह इसलिए भी अधिक गंभीर है क्योंकि समुदाय में सीएलटीएस ट्रिगरिंग अन्य प्रकार के प्रशिक्षणों से भिन्न है। इसमें संप्रेषण एवं व्यवहार में विशेष शैली की आवश्यकता है। इस पर जोर देने की जरूरत है कि प्रशिक्षण प्रत्येक दशा में वास्तविक ट्रिगरिंग के साथ वास्तविक समय में स्थलीय हो जिससे अंततः समुदाय एवं गांव खुले में शौच की आदतों से मुक्त हों। प्रशिक्षक एवं प्रशिक्षणों की उपलब्धियां इस बात में नहीं है कि कितनी संख्या में लोगों को प्रशिक्षण दिया गया अपितु इस बात में है कि प्रशिक्षु प्रशिक्षण के बाद स्वयं कार्यकर्ता के रूप में कितने प्रभावी हैं। केवल इसी प्रकार के कार्यकर्ता स्वयं गांवों में ट्रिगरिंग की प्रक्रिया को सुगम बना सकते हैं तथा दूसरे को प्रशिक्षण की पहचान यह है कि समुदाय में जरूरत का क्षण आया हो और समुदाय सामूहिक रूप से तत्काल कार्यवाही की हो। ट्रिगरिंग के बाद फॉलोअप तथा सहयोग की गतिविधि के साथ तेजी से खुले में शौच से मुक्त गांवों की संख्या बढ़ती हो।

विकासशील देशों में ग्रामीण स्वच्छता की स्थितियों में सुधार के लिए सीएलटीएस पद्धति में बहुत बड़ी क्षमता है। मानवजीवन के स्तर में सुधार, सहस्राब्दी विकास के लक्ष्यों (एम.डी.जी.) की प्राप्ति हेतु बड़ी संख्या में अनुभवी एवं क्षमतावान प्रशिक्षकों की आवश्यकता है जो कार्यकर्ताओं एवं अन्य प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दे सकें अतः अच्छे प्रशिक्षकों की संख्या बढ़नी चाहिए तथा उनके प्रयासों को पर्याप्त सहयोग दिया जाना चाहिए।

कई स्थानों पर यह देखने में आया है कि प्रशिक्षण की मांग होने पर कई बार सैद्धांतिक एवं चर्चा कक्ष आधारित अप्रभावी प्रशिक्षण दिया जाता है जिसका कोई परिणाम नहीं आता। सही सिद्धांतों, व्यवहार, दृष्टीकोण तथा उपयुक्त वातावरण के बिना सीएलटीएस के नाम से प्रशिक्षण दिया जाता है जिससे सीएलटीएस की पूर्ण क्षमता का उपयोग नहीं हो पाता है।

उपरोक्त चुनौतियों का सामना तथा उपयुक्त वातावरण के विस्तार हेतु प्रशिक्षकों की मार्गनिर्देशिका अत्यंत आवश्यक है। मुझे उम्मीद है कि यह मार्गनिर्देशिका इन चुनौतियों का सामना करने में सहायक होगी। यह मार्गनिर्देशिका एशिया, अफ्रीका तथा लैटिन अमेरिका के 25 देशों में 100 से भी अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अनुभव पर आधारित है। कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षक बनने से पहले स्वयं एक अच्छा कार्यकर्ता बनना पड़ता है। अतः इस मार्गनिर्देशिका में पहले अच्छे कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण पद्धतियों की व्याख्या की गई है। इसके अतिरिक्त कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण को विशेष रूप से ध्यान में रखा गया है इस प्रकार यह मार्गनिर्देशिका कार्यकर्ताओं तथा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षकों दोनों की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है।

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