शौचालय का किचन के रूप में हो रहा था उपयोग


1. प्रेरक देखकर चौंके, सोशल मीडिया पर पहुँचा फोटो तो अधिकारी मौके पर पहुँचे
2. पानी के अभाव में गाँवों में नहीं हो पा रहा शौचालय का इस्तेमाल


ग्राम बोरदा में गंगाबाई शुक्रवार को सुबह करीब 6 बजे शौचालय का उपयोग कीचन के तौर पर करते हुए नजर आई। इस पर स्वच्छ भारत अभियान के प्रेरकों ने यह फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी अधिकारियों को मालूम पड़ी। तुरन्त ही अधिकारी जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर ग्राम बोरदा पहुँचे। वहाँ उन्होंने पूरी स्थिति देखी। धार। जिले के तिरला विकासखण्ड की ग्राम पंचायत खरमपुर के ग्राम बोरदा में स्वच्छ भारत के प्रेरकों ने जो नजारा देखा उससे वे खुद चौंक गए। दरअसल वहाँ पर एक महिला सुबह ही शौचालय का उपयोग किचन के तौर पर कर रही थी। बकायदा महिला अन्दर काम कर रही थी।

जब इस बात की जानकारी जिला मुख्यालय पर हुई तो जिला पंचायत सीईओ सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुँचे और तुरन्त ही वहाँ से सारा सामान हटवाया। वहीं अधिकारियों ने पाया है कि जिस शौचालय में महिला खाना पका रही थी उसकी गुणवत्ता भी कमजोर थी। ऐसे में सम्बन्धितों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

ग्राम बोरदा में गंगाबाई शुक्रवार को सुबह करीब 6 बजे शौचालय का उपयोग कीचन के तौर पर करते हुए नजर आई। इस पर स्वच्छ भारत अभियान के प्रेरकों ने यह फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी अधिकारियों को मालूम पड़ी। तुरन्त ही अधिकारी जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर ग्राम बोरदा पहुँचे। वहाँ उन्होंने पूरी स्थिति देखी।

इस सम्बन्ध में जिला पंचायत के सीईओ रवींद्र चौधरी ने नई दुनिया को बताया कि हमें इस तरह की जानकारी मिलने पर हम मौके पर पहुँचे। इधर, सूत्रों के मुताबिक महिला द्वारा बारिश के चलते इस तरह का उपयोग किया गया। सबसे बड़ी चिन्ता का विषय यह है कि एक तरफ जिले में शौचालय के उपयोग के लिये वातावरण तैयार करने की कोशिश की जा रही है वहीं शौचालय जैसी जगह में चाय और खाना बनाने का काम किया जा रहा है।

इसकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कई स्थानों पर इस तरह की पोल सामने आ सकती है। ग्राम पंचायत सचिव कैलाश मोरे का कहना है कि एक शौचालय का उपयोग किया जा रहा था। एक का गंगाबाई द्वारा उपयोग नहीं किया गया। सुबह जब प्रेरक पहुँचे तो उन्होंने यह देखकर फोटो खींच लिया।

आई पानी की परेशानी सामने


बताया जा रहा है कि बारिश के दिनों में भी गाँवों में पानी नलों के माध्यम से उपलब्ध नहीं हो पाता है। आंशिक रूप से फ्लोराइड की दिक्कत बनी हुई है। कुल मिलाकर शौचालय के उपयोग की निर्भरता पानी पर है। इस तरह के हालात मैदानी स्तर पर आते रहते हैं।

मैं खुद मौके पर पहुँचा था। हमने सभी को निर्देश दिये हैं कि शौचालय का सही उपयोग हो। साथ ही यह भी पाया है कि जो शौचालय बना है वह गुणवत्ता की दृष्टि से खराब है। इसमें सम्बन्धित के खिलाफ कार्रवाई होगी... रवींद्र चौधरी, सीईओ जिला पंचायत धार

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Post By: RuralWater
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