स्वैच्छिक संस्था समर्थन द्वारा सेव द चिल्ड्रेन एवं वाटर एड के सहयोग से सीहोर जिले के बच्चों को बाल पत्रकारिता का प्रशिक्षण दिया गया। सेमरादांगी गांव के बाल पत्रकारों द्वारा पानी एवं स्वच्छता के मुद्दे पर लिखी गईं रिपोर्ट्स -
सरपंच ने हमारे ग्राम में सौर ऊर्जा लाइट लगवाई थी, जो केवल 1 साल तक चली है और अब बंद हो गई है। हमारे गांव में 10 से 15 लाइट लगवाई थी, जो अब केवल 15 से 30 मिनट तक चलती है और बंद हो जाती है। पक्की सड़क जो अब टूट चुकी है, अतः उन्हें वापस बनवाएं। जो आंगनवाड़ी बनवाई थी, उसमें शौचालय भी है जो आंगनवाड़ी के पीछे खेल का मैदान है, उसे सही तरीके से बनवा दें। जहां कच्ची सड़कें हैं उन्हें पक्की बनवा दें। जो गली है वहां पर भी पक्की गली बनवा दें। जो गंदगी है उसकी साफ-सफाई करवा दें और सरकारी स्कूल में हैंडपंप है, उसके पास पानी सोखने के लिए गड्ढा खुदवा दें, जिससे गंदगी ना हो। गांव में हैंडपंप लगे हैं, जो पानी नहीं देते। तो और हैंडपंप लगवा दें, जिससे लोगों को दूर-दूर से पानी लाने की आवश्कता नहीं पड़े और जो पानी की टंकी है उसमें से पहले एक-दो माह पानी आया और अब 1 साल से पानी नहीं आ रहा है, तो उसमें पानी भेज देवें। बहुत सारे काम हैं जो अभी नहीं हुए हैं, उन्हें करवाएं।
हमारे गांव में नदी-नालों में बहुत गंदगी होती है। हमारे गांव में कचरा पेटी नहीं है। नदी-नालों में कागज पॉलीथिन आदि पड़े रहते हैं। जिससे मच्छर मक्खियां पनपते हैं। जिससे मलेरिया होता है। जिनके घर शौचालय नहीं हैं, उन्हें खुले में शौच जाना पड़ता है, जिससे वायु व मृदा प्रदूषण होता है। शौच जाने के बाद साबुन से हाथ धोना चाहिए। खुले में शौच नहीं करना चाहिए। हम जो फल खाते हैं, उनके छिलकों को नाले में नहीं फेंकना चाहिए। उसे कचरा पेटी में डालना चाहिए, जिससे सड़क पर गंदगी नहीं होगी। हमे अपने घर के पास सफाई रखना चाहिए। हैंडपंप के पास गड्ढा होना चाहिए, जिससे सड़क पर पानी न फैले। गाय, भैंसों को नदी में नहीं नहलाना चाहिए, इससे जल प्रदूषित होता है। सफाई कर्मचारी कचरे को साफ कर गांव के बाहर बंजर जमीन में पतली तहों में फैलाकर मिट्टी से ढंककर दबा देते हैं किंतु कोई व्यक्ति अपना जरूरी सामान ढ़ूंढ़ने के लिए इस कचरे को फैला देते हैं, जिससे वायु प्रदूषण होता है।
यदि हमारे घर के सामने नाली हो तो हमारे घर का कचरा, गंदा पानी, अपशिष्ट पदार्थ नाली के द्वारा निकाल सकते हैं। नाली नहीं होने से अपशिष्ट पदार्थ घर में ही रहेगा, जिससे कि गंदगी होगी तथा मच्छर पनपेंगे। मच्छर के काटने से हम बीमार हो जाएंगे। इससे मलेरिया भी हो सकता है। यह बीमारी दूसरे लोगों को भी होगी तथा इस तरह पूरे गांव में बीमारियाँ फैल जाएगी। बीमारी होने से हम स्कूल नहीं जा पाएंगे तथा हम पढ़ाई में पीछे हो जाएंगे। गंदा पानी व अन्य गंदगी घर से बाहर निकालने के लिए गांव में नाली होना बहुत आवश्यक है।
हमारे गांव में कच्ची गली है। वहां बेकार पानी बहता रहता है। बेकार पानी के भरे होने के कारण मच्छर, मक्खी उत्पन्न होते हैं। जिनके काटने से हमें मलेरिया जैसी घातक बीमारी हो सकती है। कच्ची गली होने के कारण कई बार तो गांव के बड़े बुजुर्ग भी गिर गए हैं। सरपंच को कहते-कहते एक साल हो गए हैं, फिर भी सरपंच ने सड़क नहीं बनवाई है। बरसात में बहुत ही ज्यादा कीचड़ हो जाता है, जिससे गाड़ी व साइकिल के पहिए भी फिसल जाते हैं। हमारे गांव में हर एक गली कच्ची है। बस मेन रोड ही अच्छा है और पूरी गली कच्ची है। दूसरे गांव के लोगों को भी निकलने में बहुत दिक्कत आती है। तो सरपंच को हमारे गांव की रोड बनवाना चाहिए।
सरपंच जी! बहुत सारे काम हैं, उसे करवाएं - मोहित, 8वीं
सरपंच ने हमारे ग्राम में सौर ऊर्जा लाइट लगवाई थी, जो केवल 1 साल तक चली है और अब बंद हो गई है। हमारे गांव में 10 से 15 लाइट लगवाई थी, जो अब केवल 15 से 30 मिनट तक चलती है और बंद हो जाती है। पक्की सड़क जो अब टूट चुकी है, अतः उन्हें वापस बनवाएं। जो आंगनवाड़ी बनवाई थी, उसमें शौचालय भी है जो आंगनवाड़ी के पीछे खेल का मैदान है, उसे सही तरीके से बनवा दें। जहां कच्ची सड़कें हैं उन्हें पक्की बनवा दें। जो गली है वहां पर भी पक्की गली बनवा दें। जो गंदगी है उसकी साफ-सफाई करवा दें और सरकारी स्कूल में हैंडपंप है, उसके पास पानी सोखने के लिए गड्ढा खुदवा दें, जिससे गंदगी ना हो। गांव में हैंडपंप लगे हैं, जो पानी नहीं देते। तो और हैंडपंप लगवा दें, जिससे लोगों को दूर-दूर से पानी लाने की आवश्कता नहीं पड़े और जो पानी की टंकी है उसमें से पहले एक-दो माह पानी आया और अब 1 साल से पानी नहीं आ रहा है, तो उसमें पानी भेज देवें। बहुत सारे काम हैं जो अभी नहीं हुए हैं, उन्हें करवाएं।
गांव में हो साफ-सफाई - अरसद, 8वीं
हमारे गांव में नदी-नालों में बहुत गंदगी होती है। हमारे गांव में कचरा पेटी नहीं है। नदी-नालों में कागज पॉलीथिन आदि पड़े रहते हैं। जिससे मच्छर मक्खियां पनपते हैं। जिससे मलेरिया होता है। जिनके घर शौचालय नहीं हैं, उन्हें खुले में शौच जाना पड़ता है, जिससे वायु व मृदा प्रदूषण होता है। शौच जाने के बाद साबुन से हाथ धोना चाहिए। खुले में शौच नहीं करना चाहिए। हम जो फल खाते हैं, उनके छिलकों को नाले में नहीं फेंकना चाहिए। उसे कचरा पेटी में डालना चाहिए, जिससे सड़क पर गंदगी नहीं होगी। हमे अपने घर के पास सफाई रखना चाहिए। हैंडपंप के पास गड्ढा होना चाहिए, जिससे सड़क पर पानी न फैले। गाय, भैंसों को नदी में नहीं नहलाना चाहिए, इससे जल प्रदूषित होता है। सफाई कर्मचारी कचरे को साफ कर गांव के बाहर बंजर जमीन में पतली तहों में फैलाकर मिट्टी से ढंककर दबा देते हैं किंतु कोई व्यक्ति अपना जरूरी सामान ढ़ूंढ़ने के लिए इस कचरे को फैला देते हैं, जिससे वायु प्रदूषण होता है।
कच्ची गली में बहता है पानी - अंकित, 8वीं
यदि हमारे घर के सामने नाली हो तो हमारे घर का कचरा, गंदा पानी, अपशिष्ट पदार्थ नाली के द्वारा निकाल सकते हैं। नाली नहीं होने से अपशिष्ट पदार्थ घर में ही रहेगा, जिससे कि गंदगी होगी तथा मच्छर पनपेंगे। मच्छर के काटने से हम बीमार हो जाएंगे। इससे मलेरिया भी हो सकता है। यह बीमारी दूसरे लोगों को भी होगी तथा इस तरह पूरे गांव में बीमारियाँ फैल जाएगी। बीमारी होने से हम स्कूल नहीं जा पाएंगे तथा हम पढ़ाई में पीछे हो जाएंगे। गंदा पानी व अन्य गंदगी घर से बाहर निकालने के लिए गांव में नाली होना बहुत आवश्यक है।
हमारे गांव में कच्ची गली है। वहां बेकार पानी बहता रहता है। बेकार पानी के भरे होने के कारण मच्छर, मक्खी उत्पन्न होते हैं। जिनके काटने से हमें मलेरिया जैसी घातक बीमारी हो सकती है। कच्ची गली होने के कारण कई बार तो गांव के बड़े बुजुर्ग भी गिर गए हैं। सरपंच को कहते-कहते एक साल हो गए हैं, फिर भी सरपंच ने सड़क नहीं बनवाई है। बरसात में बहुत ही ज्यादा कीचड़ हो जाता है, जिससे गाड़ी व साइकिल के पहिए भी फिसल जाते हैं। हमारे गांव में हर एक गली कच्ची है। बस मेन रोड ही अच्छा है और पूरी गली कच्ची है। दूसरे गांव के लोगों को भी निकलने में बहुत दिक्कत आती है। तो सरपंच को हमारे गांव की रोड बनवाना चाहिए।
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