शिमलाः वनों में जल स्रोतों के सम्वर्द्धन एवं विकास के दृष्टिगत प्रदेश सरकार की एक नयी योजना ‘वन सरोवर’ को आरंभ करने की योजना है, जिसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कार्यान्वित किया जाएगा। इस योजना के तहत 200 जल संरक्षण अधोसंरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है, ताकि भू-जल स्तर को बढ़ाकर आर्द्रता क्षेत्र में सुधार किया जा सके। इससे वनों में लगने वाली आग को रोकने में सहायता मिलेगी और वन्य प्राणियों को भी पीने का पानी उपलब्ध होगा।
राज्य में कार्यान्वित की जा रही इन महत्वकांक्षी योजनाओं में अधिक से अधिक सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ‘जन-जन संजीवनी अभियान’ के अंतर्गत प्रदेश सरकार ने वर्ष 2008 में राज्य के 12 लाख से अधिक ग्रामीण और शहरी परिवारों को 15 लाख से अधिक औषधीय पौधे वितरित किए। प्रदेश सरकार औषधीय पौधों के विपणन के लिए भी प्रभावी पग उठा रही है। राज्य औषधीय पौध बोर्ड ने पतंजलि योग पीठ, हरिद्वार के साथ हाल ही में औषधीय पौधों के विपणन के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है, ताकि किसानों को उनके औषधीय उत्पाद के बेहतर मूल्य मिल सकें।
विश्व बैंक से वित्तपोषित 365 करोड़ रुपये की मध्य हिमालयी जल विकास परियोजना भी राज्य में कार्यान्वित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत 10 जिलों की 42 विकास खंडों की 602 ग्राम पंचायतें लाभान्वित हो रही हैं।
गत दो वर्षों में इन खंडों में 95 करोड़ रुपये व्यय किए गए तथा इस वर्ष विभिन्न गतिविधियों पर 50 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत 272 माइक्रो वाॅटरशैड का कार्य कार्यान्वित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के सतत् प्रयासों के परिणामस्वरूप हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, सिरमौर, कुल्लू तथा शिमला जिलों में 393 आरा मशीनें पुनः आरंभ की गई ।वन तस्करों और पेड़ों के अवैध कटान को रोकने के लिए प्रदेश सरकार वन थानों को स्थापित कर रही है, ताकि इस प्रकार के आपराधिक तत्वों से निपटा जा सके। 6 ऐसे थाने पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं, जबकि 10 और थाने विचाराधीन हैं।
राज्य में कार्यान्वित की जा रही इन महत्वकांक्षी योजनाओं में अधिक से अधिक सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ‘जन-जन संजीवनी अभियान’ के अंतर्गत प्रदेश सरकार ने वर्ष 2008 में राज्य के 12 लाख से अधिक ग्रामीण और शहरी परिवारों को 15 लाख से अधिक औषधीय पौधे वितरित किए। प्रदेश सरकार औषधीय पौधों के विपणन के लिए भी प्रभावी पग उठा रही है। राज्य औषधीय पौध बोर्ड ने पतंजलि योग पीठ, हरिद्वार के साथ हाल ही में औषधीय पौधों के विपणन के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है, ताकि किसानों को उनके औषधीय उत्पाद के बेहतर मूल्य मिल सकें।
विश्व बैंक से वित्तपोषित 365 करोड़ रुपये की मध्य हिमालयी जल विकास परियोजना भी राज्य में कार्यान्वित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत 10 जिलों की 42 विकास खंडों की 602 ग्राम पंचायतें लाभान्वित हो रही हैं।
गत दो वर्षों में इन खंडों में 95 करोड़ रुपये व्यय किए गए तथा इस वर्ष विभिन्न गतिविधियों पर 50 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत 272 माइक्रो वाॅटरशैड का कार्य कार्यान्वित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के सतत् प्रयासों के परिणामस्वरूप हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, सिरमौर, कुल्लू तथा शिमला जिलों में 393 आरा मशीनें पुनः आरंभ की गई ।वन तस्करों और पेड़ों के अवैध कटान को रोकने के लिए प्रदेश सरकार वन थानों को स्थापित कर रही है, ताकि इस प्रकार के आपराधिक तत्वों से निपटा जा सके। 6 ऐसे थाने पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं, जबकि 10 और थाने विचाराधीन हैं।
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