Jan 24/ नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के असर को लेकर सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसी के मद्देनजर केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने इसके गहन अध्ययन का फैसला किया है, जिसमें बारिश की घटती-बढ़ती अवधि, नदियों के बदलते प्रवाह और ग्लेशियरों के पिघलने की गति पर नजर रखी जाएगी। इसके लिए मंत्रालय ने 'एक विशेष प्रकोष्ठ' का गठन किया है, जिसमें केंद्रीय जल आयोग, ब्रह्मपुत्र बोर्ड व राष्ट्रीय हाइड्रोलाजी संस्थान को शामिल किया गया है।
जल संसाधनों के इस नायाब अध्ययन में देश के जाने-माने प्रमुख शिक्षण संस्थानों के विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। खास तौर पर जिन संस्थानों को चिन्हित किया गया है, उनमें आईआईटी रुड़की, गुवाहाटी व खड़गपुर के साथ एनआईटी श्रीनगर व पटना प्रमुख हैं। केंद्रीय जल आयोग ने गंगा नदी के प्रवाह का एक आंकड़ा बैंक तैयार किया है, जिसके विश्लेषण की सिफारिश की गई है। जल संसाधन मंत्रालय ने अध्ययन में अंतरराष्ट्रीय मानकों पर अमल करने की बात कही है। नदियों के प्रवाह पर जलवायु परिवर्तन का सूक्ष्म अध्ययन किया जाएगा।
दरअसल, देश की बड़ी व मझोली सिंचाई परियोजनाओं की भी समीक्षा की जाएगी। जलवायु परिवर्तन से इन परियोजनाओं की घटती क्षमता को बढ़ाने के उपायों पर भी विचार होगा। इसके लिए आईआईटी, केंद्र व राज्य स्तरीय जल व भूमि शोध संस्थान खास भूमिका निभाएंगे। बड़ी सिंचाई परियोजनाओं की संभावनाएं खंगाली जाएंगी। जल संसाधन मंत्रालय ने इसे अपनी प्राथमिकता सूची में शामिल किया है
साभार - जागरण याहू
जल संसाधनों के इस नायाब अध्ययन में देश के जाने-माने प्रमुख शिक्षण संस्थानों के विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। खास तौर पर जिन संस्थानों को चिन्हित किया गया है, उनमें आईआईटी रुड़की, गुवाहाटी व खड़गपुर के साथ एनआईटी श्रीनगर व पटना प्रमुख हैं। केंद्रीय जल आयोग ने गंगा नदी के प्रवाह का एक आंकड़ा बैंक तैयार किया है, जिसके विश्लेषण की सिफारिश की गई है। जल संसाधन मंत्रालय ने अध्ययन में अंतरराष्ट्रीय मानकों पर अमल करने की बात कही है। नदियों के प्रवाह पर जलवायु परिवर्तन का सूक्ष्म अध्ययन किया जाएगा।
दरअसल, देश की बड़ी व मझोली सिंचाई परियोजनाओं की भी समीक्षा की जाएगी। जलवायु परिवर्तन से इन परियोजनाओं की घटती क्षमता को बढ़ाने के उपायों पर भी विचार होगा। इसके लिए आईआईटी, केंद्र व राज्य स्तरीय जल व भूमि शोध संस्थान खास भूमिका निभाएंगे। बड़ी सिंचाई परियोजनाओं की संभावनाएं खंगाली जाएंगी। जल संसाधन मंत्रालय ने इसे अपनी प्राथमिकता सूची में शामिल किया है
साभार - जागरण याहू
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