जल शुद्धिकरण यन्त्र के रिचार्ज के लिये मजदूर वर्ग के पास नहीं होते रुपए
बच्चों के दाँत हो रहे खराब, अधेड़ महिला की कमर झुकी
धार। मनावर से 3 किमी दूर स्थित करीब 2500 आबादी वाले ग्राम जाजमखेड़ी के लोग फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश हैं। प्राथमिक स्कूल परिसर में जल शुद्धिकरण यन्त्र लगा है, लेकिन आपूर्ति नहीं कर पाने की वजह से यह स्थिति बनी हुई है। मशीन से पानी लेने के लिये 200 से 500 रुपए तक के कार्ड भी लोगों को दिए हैं, जिसे रिचार्ज करना होता है, जो मज़दूर वर्ग के लोगों के लिये सम्भव नहीं है। ऐसे में ये लोग फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश है।
जाजमखेड़ी के अलावा बालीपुर, गुलाटी व कुराड़ाखाल में भी फ्लोराइड युक्त पानी की समस्या है। शुद्ध जल संयन्त्र से 300 लीटर पानी वेस्टेज निकलता है और 50 लीटर अच्छा निकलता है। दूषित पानी पास ही में ज़मीन में रिसता रहता है। फिल्टर मशीन बन्द चालू होने से पानी कम एकत्रित होता है, जिससे मुश्किल से 10 परिवार पानी भर पाते हैं। ऐसे में विवाद की स्थिति निर्मित होती है। शुद्ध जल मशीन से पानी देने वाले को वेतन नहीं मिलने से उसने पानी देना बन्द कर दिया है। फिलहाल सरपंच बदनसिंह यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
हैण्डपम्प से पानी उलीचती महिला सुनीता पति हमीर ने बताया कि पानी शुद्ध करने की जो मशीन लगी है, उसमें पैसे लगते हैं। हम गरीब लोग हैं। मजदूरी नहीं मिलने पर पैसे नहीं हो तो क्या करें? पानी वाली मशीन से सबको पानी नहीं मिलता। पास ही क्रिकेट खेल रहे बच्चों ने भी मशीन से सबको पानी नहीं मिलने की बात कही। लक्ष्मण सोलंकी ने बताया कि शुद्ध जल की मशीन सबकी पूर्ति नहीं कर पा रही। मात्र 8-10 घरों के लोगों को लम्बे इन्तजार के बाद पानी मिल पाता है। उन्होंने बताया उत्सव (9), भावना (10) तथा पूजा (15) के दाँत खराब हो चुके हैं। पास ही रहने वाली जातीबाई (50) पति धन्नालाल चोयल ने बताया कि इस पानी को पीने से रीढ़ की हड्डी झुक गई है। वहीं धन्नालाल के दाँत खराब हो गए हैं।
शिकायत पर नहीं देते ध्यान
भानालाल चोयल ने बताया जाजमखेड़ी के अलावा बालीपुर, गुलाटी व कुराड़ाखाल में भी फ्लोराइडयुक्त पानी की समस्या है। गाँव के मजरे कालाभाटा तथा सड़कपुरा में भी हैण्डपम्प है, लेकिन पानी दूषित है। जाजमखेड़ी में समस्या अधिक है, जिसके लिये कई सालों से लोग शिकायत करते आ रहे हैं, लेकिन किसी ने स्थाई समाधान के प्रयास नहीं किए। गुलाटी रोड स्थित प्रमुख जलस्रोत ट्यूबवेल है, जो गर्मी में सूख जाता है। पंचायती कुआँ भी सूख जाता है। ऐसे में यहाँ जलसंकट की स्थिति बन जाती है।
लोग जानते हैं कि पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है, बावजूद इस पानी को पीने के लिये मजबूर हो रहे हैं।
मरम्मत खर्च भी ग्रामीण उठाते हैं
लक्ष्मण व भीमाजी कोटवाल ने बताया कि सिर्वी समाज की स्थानीय समिति गाँव की जल व्यवस्था का संचालन करती है। जरूरत पड़ने पर मरम्मत खर्च भी गाँव वाले ही वहन करते हैं। गाँव के सोहनलाल सोलंकी ने बताया कि उनके भाई मोहनलाल के लड़के जयन्त (12) के 6 साल पहले पूरे दाँतों में छेद हो चुके हैं। डॉक्टर ने इलाज का खर्च 3 लाख 20 हजार रु. बताया है। उन्होंने बताया कि यूरेका कम्पनी द्वारा संयन्त्र बतौर नमूने के स्थापित किया गया था, ताकि यहाँ सफल होने पर इसे अन्यत्र लागू करवा सके। इसके लिये कम्पनी ने 20 पैसे प्रति लीटर की दर से 200 रुपए के कार्ड जारी किए थे। जिन्हें यूरेका के खाते में रुपए जमा करने पर रिचार्ज होता है, लेकिन गाँव वालों को रुपए देकर भी शुद्ध पानी नहीं मिल रहा।
प्रस्ताव रख उचित निर्णय लेंगे
ग्राम जाजमखेड़ी के सरपंच बदनसिंह ने कहा कि गाँव के जलस्रोत में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है। 14 अप्रैल को होने वाली ग्रामसभा में प्रस्ताव रखकर उचित निर्णय लेंगे।
मनावर से पानी पहुंचाया जा सकता है
पीएचई विभाग के एसडीओ ने बताया कि जनभागीदारी के तहत नल-जल योजना के माध्यम से मनावर से पानी पहुँचाया जा सकता है। इसके लिये ग्रामीणों का सहयोग जरूरी है। उधर, ट्यूबवेल की सफाई की बात पर उन्होंने कहा कि ट्यूबवेल सरकारी होने से फिल्टर प्लांट वाले सफाई नहीं करेंगे। समस्या को देखते हुए नए ट्यूबवेल का प्रस्ताव बनाकर वरिष्ठ कार्यालय को भेज देते हैं। एक सप्ताह में स्वीकृत हो जाएगा।
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