विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उमंग डीआईएसटीएफ के साथ संपन्न

विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उमंग डीआईएसटीएफ के साथ संपन्न
विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उमंग डीआईएसटीएफ के साथ संपन्न

चतुर्थ देहरादून अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महोत्सव (4वां डीआईएसटीएफ-2023) डीआईटी विश्वविद्यालय में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। तीन दिवसीय इस महोत्सव में 150 शैक्षणिक संस्थानों के तकरीबन 15000 छात्रों ने उमंग और उत्साह के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी का आनंद लिया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े 80 से अधिक संस्थाओं ने साइंस एंड टेक्नॉलोजी प्रदर्शनी, ग्रीन एनर्जी प्रदर्शनी, साइंस एंड टेक्नॉलोजी पुस्तक प्रदर्शनी, साइंस मॉडल प्रदर्शनी, स्टार्ट अप प्रदर्शनी में अपने स्टाल के माध्यम से रिसर्च, डेवलेपमेंट एवं नवाचार को प्रदर्शित किया। 

महोत्सव में 25 से ज्यादा विभिन्न इवेंट्स का आयोजन किया गया जिनमें प्रमुख रूप से साइंस पोस्टर प्रतियोगिता, स्पेस साइंस क्विज, एयरोमॉडलिंग वर्कशॉप, फन विद साइंस, कोनसटा (कॉन्फ्रेंस ऑन साइंस टेक्नॉलोजी एंड एग्रीकल्चर), वर्कशॉप ऑन इंटेलैक्चुअल प्रोपर्टी राइट एंड पेटेंट,वर्कशॉप आन यूएवी टेक्नॉलोजी, ग्रीन एनर्जी कॉन्क्लेव, मैजिक ऑफ मैथ, रूरल एन्टरप्रेन्योरशिप एंड स्टार्टअप कान्क्लेव, बायोटेक्नॉलोजी कॉन्क्लेव, एग्रीकल्चर एंड टेक्नॉलोजी कॉन्क्लेव, वर्कशॉप ऑन साइबर सिक्योरिटी मॉडल रॉकेटरी वर्कशॉप, स्टेम वर्कशॉप, मीट द साइंटिस्ट, हिमालयन मीट, हिमालयन एजुकेटर्स समिट, टीचर ऑफ द ईयर अवार्ड आदि के अलावा विभिन्न प्रदर्शनियां, तथा ब्रहमांड के दर्शन के लिए विशालकाय टेलीस्कोप भी लगाई गई थी।

3 दिवसीय महोत्सव का शुभारंभ अपर मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार श्रीमती राधा रतूड़ी, आईएएस द्वारा किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में यूकास्ट के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) दुर्गेश पंत, यूसर्क की निदेशक प्रो. (डॉ.) अनीता रावत, क्वॉलकॉम इंडिया लिमिटेड के निदेशक श्री सुमित गोस्वामी की गरिमामयी उपस्थित थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीआईटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री एन. रविशंकर, आईएएस (रि.) द्वारा की गई। उत्सव प्रारंभ का संचालन महोत्सव के आयोजन सचिव श्री कुँवर राज अस्थाना तथा सह-समन्वयक प्रो. (डॉ.) नवीन सिंघल द्वारा किया गया।

तीन दिवसीय देहरादून इंटरनेशलन साइंस एंड टेक्नॉलोजी फेस्टिवल का आयोजन उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकोस्ट), उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा अनुसंधान केंद्र, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, ओएनजीसी, सोसायटी फॉर रिसर्च एंड डेवलेपमेंट इन साइंस टेक्नॉलोजी एंड एग्रीकल्चर तथा डीआईटी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। पिछले दो वर्षों से इस महोत्सव का आयोजन यूकोस्ट परिसर विज्ञान धाम में किया जा रहा था। इस वर्ष इस महोत्सव का आयोजन की जिम्मेदारी डीआईटी विश्वविद्यालय को दी गई। डीआईटी विश्वविद्यालय की टीम ने इस महोत्सव को बेहतर ढंग से आयोजित किया।

देहरादून इंटरनेशलन साइंस एंड टेक्नॉलोजी फेस्टिवल के चौथे संस्करण के पहले दिन उ‌द्घाटन सत्र में राज्य की अपर मुख्य सचिव श्रीमति राधा रतूड़ी, आईएएस ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से समाज का अंतिम व्यक्ति भी लाभान्वित होना चाहिए। हमें साइंस फॉर सोसायटी की अवधारण पर कार्य करना चाहिए। इसी दिन विज्ञान पोस्टर प्रतियोगिता में एक हजार से अधिक स्कूल और कॉलेजों के छात्रों  द्वारा  प्रतिभाग किया गया। तीन अलग-अलग ग्रुपों में विजेताओं को अवॉर्ड सर्टिफिकेट के साथ क्रमशः प्रथम पुरस्कार 5000 रूपये, द्वितीय पुरस्कार 3000 रूपये, तृतीय पुरस्कार 2000 रूपये, तथा 10 सांत्वना पुरस्कार के रूप में 500 प्रत्येक को तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। फन विद साइंस में 200 छात्रों को घर में उपलब्ध वस्तुओं से साइंस के एक्सपेरिमेंट करना सिखाया गया तथा उन एक्सपेरिमेंटों में कार्य कर रहे वैज्ञानिक सिद्धांतों को सरल भाषा में समझाया गया। - वर्कशाप में 200 छात्रों को निःशुल्क किटे भी प्रदान की गई। प्रत्येक किट में दरे साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट थे। एयरोमॉडलिंग वर्कशॉप में मॉडल प्लेन बनाने की हँड्स ऑन ट्रेनिंग दी गयी। वर्कशॉप ऑन आईपीआर एंड पेटेंट में यूकोस्ट के विशेषज्ञों द्वारा साइंटिफिक पेपर राइटिंग तथा पेटेंट के लिए आवेदन करने के विषय में बताया गया। इस कार्यशाला में विभिन्न विभागों के 200 से अधि प्राध्यापकों और  शोध छात्रों को पेटेंट के आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कोनसटा का आयोजन तीनों दिनों के लिए किया गया। इस मल्टी डिसिपिलेनरी कॉन्फ्रेंस में 80 से अधिक शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण किया गया। वर्कशाप ऑन यूएवी टेक्नॉलोजी में आईटीडीए तथा ड्रोन रिसर्च एंड एप्लीकेशन सेंटर के विशेषज्ञों द्वारा 100 छात्रों को ड्रोन बनाने से लेकर उसे उड़ाने की हैंड्स ऑफ़ ऑन ट्रेनिंग प्रदान की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड शासन के सचिव श्री दीपक गैरोला, आईटीएस ने प्रतिभागी छात्रों को प्रमाण पत्र वितरित किए। उन्होंने छात्रों को नए साइंस एंड टेक्नॉलोजी के नए क्षेत्रों में अवसर तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया।

महोत्सव के दूसरे दिन की शुरूआत ग्रीन एनर्जी कॉन्क्लेव से हुई। कॉन्क्लेव का उद्घाटन ऊर्जा विभाग की अपर सचिव तथा उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण की निदेशक श्रीमति रंजना राजगुरू, आईएएस द्वारा किया गया। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप उत्तराखंड जलविद्युत निगम के प्रबंधक निदेशक डॉ. संदीप सिंघल, बिग्रेडियर (रि) वाईवीआर विजय, डीआईटी के प्रतिकुलपति प्रो. प्रियदर्शन पात्रा, उपस्थित थे। कॉन्क्लेव में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के 500 छात्रों ने प्रतिभाग किया। मुख्य अतिथि ने राज्य और देश में सोलर और हाइड्रो पॉवर की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि हमें यदि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सोलर पावर पर निर्भरता बढ़ानी होगी। डॉ. संदीप सिंघल ने कहा कि उत्तराखंड में हाइड्रो पॉवर की असीम संभावना है। श्रीमति रंजना राजगुरू ने छात्रों के साथ संवाद भी किया और ग्रीन एनर्जी 
प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। डॉ. संदीप सिंघल ने भी साइंस मॉडल प्रदर्शनी में भाग ले रहे छात्रों के साथ संवाद किया। इसी दिन मैजिक ऑफ मैथ में दून स्कूल के गणित के विभाग के प्रमुख डॉ. चंदन सिंह द्वारा विभिन्न स्कूलों से आए 200 छात्रों को गणित को हल करने की ट्रिक सिखाई और गणित के जादू से छात्रों को रूबरू कराया। इस मौके पर कक्षा 6, कक्षा 7 तथा कक्षा 8 के छात्रों के लिए एक लिखित गणित क्विज का भी आयोजन किया गया। प्रत्येक ग्रुप में पहले 10 छात्रों को मैजिक ऑफ मैथ की पुस्तक 'क्रैकिंग द कोड' उपहार स्वरूप दी गई तथा सभी प्रतिभागी छात्रों को प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया। स्पेस साइंस क्विज को लिखित रूप में आयोजित किया गया। विभिन्न विद्यालयों के 1200 छात्रों ने इस क्विज में प्रतिभाग किया। क्विज के आयोजन में इसरो के प्रमाणिक ट्यूटरों स्पैक्स तथा स्मार्ट सर्किट का सहयोग रहा।
तीन अलग-अलग ग्रुपों में विजेताओं को अवॉर्ड सर्टिफिकेट के साथ क्रमशः प्रथम पुरस्कार 5000 रूपये, द्वितीय पुरस्कार 3000 रूपये, तृतीय पुरस्कार 2000 रूपये, तथा 10 सांत्वना पुरस्कार के रूप में 500 प्रत्येक को तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

बॉयोटेक्नोलोजी कॉन्क्लेव में विभिन्न विश्वविद्यालयों के बॉयोटेक्नॉलोजी तथा फार्मेसी के 200 छात्रों द्वारा प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की स्वायत्त संस्था बायो कंसोर्टियम लिमिटेड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. पूनम शर्मा तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में जैव प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पीयूष गोयल ने संयुक्त रूप से बॉयोटेक्नोलोजी के क्षेत्र में हो रहे नए शोध एवं विकास से उपस्थित छात्रों, शोधार्थियों तथा प्राध्यापकों को रूबरू कराया। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र तथा हिमालय ड्रग कंपनी की ओर से वेलनेस प्रॉडक्ट के गिफ्ट प्रदान किए गये।
रूरल एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्टार्टअप कॉन्क्लेव तथा स्टार्टअप प्रदर्शनी का उद्घाटन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक सलाहकार तथा सीड डिवीजन के प्रमुख डॉ. देब प्रियदत्ता द्वारा  किया गया। इस अवसर पर यूकास्ट के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) दुर्गेश पंत, स्टार्टअप विशेषज्ञ वीरभद्र रावत, प्रो. रीमा पंत, रनवे इन्क्यूबेटर, यूनिवर्सिटी ऑफ पैट्रोलियम एंड एनर्जी के सीनियर मैनेजर मोहित नागपाल, डीआईटी विश्वविद्यालय इन्क्यूबेशन सेल के प्रमुख डॉ. प्रवीण कुमार, रूरल बिजनेस इन्क्यूबेशन (आरबीआई), उत्तराखंड सरकार के गोविंद धामी तथा 20 स्टार्टअप तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों के इन्क्यूबेशन सेल से जुड़े छात्रों ने प्रतिभाग किया। कॉन्क्लेव
के मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि हिमालयी ग्रामीण क्षेत्रों के परंपरागत ज्ञान की विरासत को साइंटिफिक इनपुट देकर उन्हें बाजार में प्रतिस्पर्धा करने तथा आजीविका में उत्तरोत्तर बढ़ोत्तरी के कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने स्टार्टअप प्रदर्शनी का अवलोकन किया और प्रत्येक स्टार्ट अप से संवाद किया। उन्होंने प्रत्येक स्टार्टअप को बताया कि आपको साइंटिफिक इनपुट की कहां आवश्यकता है। उन्होंने सभी स्टार्टअप से मानकीकरण के तरफ विशेष ध्यान देने पर बल दिया। उन्होंने उत्तराखंड सरकार के आरबीआई से कहा कि वह सभी स्टार्टअप्स को एक कार्यशाला करके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों से अवगत कराए तथा सभी
स्टार्टअप्स को मानक प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएं।

महोत्सव के तीसरे दिन का शुभारंभ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलोजी कॉन्क्लेव की शुरूआत से हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रगतिशील किसान पद्मश्री प्रेमचंद शर्मा ने विभिन्न कृषि महाविद्यालयों के छात्रों को कृषि में नवाचार के बारे में बताया। उन्होंने प्रतिभागी छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वे अपने विषय में हर जगह नवाचार को तलाशे। कार्यक्रम में सेंटर फॉर एरोमैटिक प्लांट के वैज्ञानिकों ने हिमालयी क्षेत्रों में परंपरागत खेती के स्थान पर वैकल्पिक खेती के रूप में सगंध पौधों की खेती के बारे में बताया और उसके लाभ से अवगत कराया। विशेषज्ञों ने राज्य में भांग की खेती के बारे में संवाद किया। इसी दिन राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, आईपीएस ने साइबर सिक्योरिटी विषय पर विभिन्न कॉलेजों के 400 छात्रों के साथ संवाद किया। इससे पूर्व सीमेंस ईडीए के टेक्निकल डायरेक्टर प्रदीप एस. ने भी छात्रों के साथ वर्चुअल मोड में संवाद किया।

 विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से आए लगभग 100 छात्रों को स्पैक्स तथा स्मार्ट सर्किट के इसरो प्रमाणिक ट्यूटरों द्वारा मॉडल राकेटरी की हँड्स ऑन ट्रेनिंग प्रदान की। ट्यूटरों द्वारा 5 छात्रों के समूहों द्वारा वर्कशॉप में 20 रॉकेट बनाने से लेकर उसको 200 फीट की ऊँचाई तक प्रक्षेपित भी किया। इस दौरान उन्होंने राकेट कैसे बनाया जाता है और कैसे वह कार्य करता है, सिद्धांत से लेकर प्रयोग तक छात्रों को बखूबी समझाया। सभी प्रतिभागी छात्रों को इसरो की ओर से प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। स्टेम (साइंस, टेक्नॉलोजी, इंजीनियरिंग मैथ) वर्कशाप में भी 100 छात्रों को विभिन्न प्रकार की इलैक्ट्रानिक सर्किट बनाना सिखाया गया। छात्रों को एक सर्किट बनाने की प्रैक्टिस मौके पर दी गई। सभी प्रतिभागियों को दो सर्किट के साथ स्टेम की किट निःशुल्क प्रदान की गई। साथ ही प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। मीट द साइंटिस्ट कार्यक्रम में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के 200 प्रतिभागी छात्रों के साथ वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ. कलाचंद सैंन तथा वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अजय पॉल ने संवाद किया। वैज्ञानिकों ने छात्रों को हिमालय की उत्पत्ति से लेकर पृथ्वी के गर्भ में उपस्थित टेक्टोनिक प्लेट और उनके घर्षण से आने वाले भूकंपों के बारे में विस्तार से बताया। वैज्ञानिकों ने फाल्ट लाइनों तथा बार-बार आ रहे भूकंपों के विषय में जानकरी दी। वैज्ञानिकों मॉक ड्रिल के माध्यम से छात्रों को बतायाकि जब कभी भी भूकंप आए तो किस तरह से बचाव करना है और व्यवहार करना है कि ताकि जानमाल की हानि को कम किया जा सके। कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को वाडिया इंस्टीट्यूट की तरफ से प्रमाण पत्र वितरित किए गए। हिमालयन मीट में मुख्य अतिथि के रूप में सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. मनोज श्रीवास्तव एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज के चैयरमेन डॉ. अश्विनी कांबोज एवं चिन्मय मिशन की सचिव डॉ. साधना जयराज ने विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के 100 से अधिक छात्रों के साथ विज्ञान और अध्यात्म, आयुर्वेद और कल्याण तथा हिमालय के प्राचीन ज्ञान की विरासत पर संवाद किया। कार्यक्रम में एसएनएम पीजी कॉलेज हरिद्वार के छात्रों ने विष्णु अवतार को योगमुद्राओं के साथ एक संक्षिप्त नृत्य नाटिका के रूप में प्रस्तुत किया।

सभी कार्यक्रमों के साथ-साथ तीन दिन तक सांइस एंड टेक्नॉलोजी की प्रदर्शनी भी चलती रही जिसमें विभिन्न संस्थाओं ने 80 स्टाल लगाए थे। प्रमुख रूप से उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र, जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया, साइबर क्राइम टास्क फोर्स, सॉफ्टवेयर टेक्नॉलोजी पार्क्स ऑफ इंडिया, आयुष विभाग एवं उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, सेंटर फॉर एरोमेटिक प्लांट, स्टेट मेडिसिनल प्लांट बोर्ड, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद, रेशम विभाग, डीएनए लैब, उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद, स्मार्ट सर्किट लैब्स, थिंकटेक लैब्स, स्काईराइड, हाईफ्लाई एयरोस्पोर्टर्स इंटरनेशलन, दून डिफेंस अकादमी, उत्तराखंड जल विद्युत निगम लि., उत्तराखंड रिन्यूवेबल एनर्जी डेवलेपमेंट एजेंसी, राजकीय पॉलिटेक्निक, देहरादून,
विकासनगर, सुद्धोवाला, आमवाला के छात्रों की साइंस एंड टेक्नॉलोजी की मॉडल एग्जीबिशन,  इंफारमेशन एंड टेक्नॉलोजी डेवलेपमेंट एजेंसी, ड्रोन रिसर्च एंड एप्लीकेशन सेंटर, स्विस मिलिट्री, साइंस एंड टेक्नॉलोजी बुक एग्जीबिशन (कैनेज लर्निंग, वाइले इंडिया, एस. चंद एंड कंपनी, एटलाटिक पब्लिशर्स, सेज पब्लिशर्स, पियर्सन पब्लिशर्स, टैक्समैन पब्लिशर्स) रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर्स के 20 स्टार्टअप्स एक्जीबिशन, उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड, उत्तराखंड स्पेस एप्लीकेशन सैंटर, उत्तराखंड बॉयोटेक्नॉलोजी

बोर्ड, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी  स्पैक्स की ई-कचरा निपटान लैब, विसडम स्पेस लैब्स की टेलीस्कोप आदि प्रमुख थे। छात्रों ने देर रात तक टेलीस्कोप से ब्रहमांड का नजारा देखा। दिन में सूरज के ब्लैक स्पॉट भी इस टेलीस्कोप से साफ नज़र आए। फेस्टिवल के तीसरे और अंतिम दिन समापन समारोह टीचर ऑफ द ईयर सम्मान समारोह के साथ संपन्न हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि उत्तराखंड राज्य के अपर मुख्य सचिव आनंदवर्द्धन, आईएएस ने साइंस पोस्टर कॉम्पीटिशन तथा स्पेस साइंस क्विज के विभिन्न वर्गों के 38 विजेता छात्रों को प्रमाण पत्र वितरित किए। साथ ही 58 अध्यापकों को एक्सीलेंस इन रिसर्च ऑफ द ईयर, प्रिंसिपल ऑफ द ईयर, टीचर ऑफ ईयर से सम्मानित किया। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डा.) अरूण कुमार त्रिपाठी, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) एनके जोशी, डीआईटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जी. रघुराम को वाईस चांसलर ऑफ द ईयर के सम्मान से सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने देहरादून इंटरनेशनल सांइस एंड टेक्नॉलोजी फेस्टिवल की आयोजन समिति में शामिल यूकोस्ट, यूसर्क, डीआईटी व आयोजकों को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर पर उन्होंने कहा कि वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी की इस उमंग भरे माहौल में अपने आपको ऊर्जान्वित महसूस कर रहे हैं। वास्तव में यह फेस्टिवल एक अनूठे मंच के रूप में स्थापित हो गया है जहां साइंस एंड टेक्नॉलोजी से जुड़े सभी संस्थान एक छतरी के नीचे आकर अपनी कार्यकलाप, उपलब्धियां, शोध कार्यों और नवाचार से छात्र समुदाय को अवगत करा रहे हैं। उन्होंने इस फेस्टिवल को राज्य के दूसरे हिस्सों में भी आयोजित किए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने इस महाउत्सव के आयोजन के लिए आयोजन समिति के सभी सदस्यों को शुभकामनाएं प्रेषित की। समापन के अवसर पर राज्य के पूर्व मुख्य सचिव तथा डीआईटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एन. रविशंकर (आईएएस, रि.), यूकोस्ट के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) दुर्गेश पंत, तकनीकी शिक्षा के निदेशक है. आरपी गुप्त काडिया एक ई. आरपी गुप्ता, वाडिया इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. कलाचंद सैंण, पद्मश्री प्रेमचंद शर्मा, संदीप गुप्ता, गौरव शर्मा,गोपेश्वर इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक डॉ० अमित अग्रवाल, एसटीपीआई के अपर निदेशक मनीष कुमार, उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक एएस. उनियाल, यूकोस्ट के संयुक्त निदेशक डॉ. डी.पी. उनियाल, डॉ. आशुतोष मिश्रा, ई. जितेंद्र सिंह, डॉ. मनमोहन रावत, डॉ. जगबीर असवाल, डीआईटी के प्रतिकुलपति डॉ. प्रियदर्शन पात्रा, कुलसचिव डॉ. समुअल, मोहन चंद्र जोशी, सहित आयोजन समिति के सभी सदस्य, वालिटियर्स, एक्जीबिटर्स, विजेता छात्र, सम्मानित अध्यापक आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन फेस्टिवल के आयोजन सचिव कुँवर राज अस्थाना एवं सह समन्वयक प्रो. (डॉ.) नवीन सिंघल द्वारा किया गया।


स्रोत:- विज्ञान संप्रेषण वर्ष: 03 अंक: 03 नवंबर 2023
ISSN: 2583-6064

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Post By: Shivendra
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