डिपेंडेंस वाया वर्ल्ड वाटर लीग-इण्डिया 2020

drinking water
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आओ इण्डि! दिवस-देवस खेलते हैं। देवस समझती हो न? जो देकर वश में कर ले। मैं तुम्हें दिवस दूँगा, तुम मुझे नदियाँ देना। कितना मजा आएगा! जब मैं समंदर बन जाउँगा, तुम मछली बन जाना; तब तुम मुझसे पानी माँगना। मैं तुमसे पुछूँगा- कित्ता पानी? मंजूर?... मंजूर। तो खेल शुरू! हरा समंदर गोपी चंदर ,बोल मेरी मछली कित्ता पानी?... चलो! मैं तुम्हें कर्ज देता हूँ; तुम मुझे सूद दो, मूल दो.. परियोजना दो। डियर इण्डियंस ! मैं, दुनिया के रेगुलेटर्स के प्रतिनिधि के तौर आपसे बात कर रहा हूँ; आफ्टर आल वी गर्वन द वर्ल्ड। जस्ट रिमेम्बर, डे के रूप में हमने आपको वाटर, एनवायरन्मेंट, फॉरेस्ट, मदर्स, वेलेन्टाइन डे... बहुत कुछ दिया है। अगस्त आ गया है। 15 अगस्त-इण्डियन इण्डिपेन्डेन्स डे भी हमारी ही मेम्बर कन्ट्री ने ही आपको दिया है। अब आपको भी हमें कुछ देना चाहिए। है कि नहीं?

इधर मैंने वर्ल्ड वाटर लीग-2020 प्लान की है। अब भारत कोई विश्व को दिवस देने वाली कंट्री तो है नहीं कि मैं, वर्ल्ड वाटर लीग की शर्तें लिखनेे से पहले आपके साथ बात करुँ; राय करुँ। लेकिन तुम्हारे साथ मैं खेल तो सकता ही हूँ। आओ इण्डि! दिवस-देवस खेलते हैं। देवस समझती हो न? जो देकर वश में कर ले। मैं तुम्हें दिवस दूँगा, तुम मुझे नदियाँ देना। कितना मजा आएगा! जब मैं समंदर बन जाउँगा, तुम मछली बन जाना; तब तुम मुझसे पानी माँगना। मैं तुमसे पुछूँगा- कित्ता पानी? मंजूर?... मंजूर। तो खेल शुरू! हरा समंदर गोपी चंदर ,बोल मेरी मछली कित्ता पानी?.......

चलो! मैं तुम्हें कर्ज देता हूँ; तुम मुझे सूद दो, मूल दो.. परियोजना दो। मैं तुम्हें वेंडर देता हूँ; तुम मुझे टेंडर दो; ग्लोबल टेंडर! मैं तुम्हें सलाह देता हूँ; तुम मुझे फीस दो। मैं तुम्हें पावर दूँगा; तुम मुझे मैनपावर दे देना। मैं तुम्हें माइग्रेशन दूँगा; तुम मुझे इमिग्रेशन दे देना। तुम इन्वेस्टमेंट.. इन्वेस्टमेंट चिल्लाना। मैं डस्ट इंडस्ट्री लगाकर तुम्हारी नदियों को डस्ट देता रहूँगा; तुम उन्हें डस्टबिन बना देना। मैं तुम्हारे लिये कुछ भी करुँगा; तुम्हें क्रेन भी दूँगा, माइग्रेन भी दूँगा।

मैं तुम्हारे लिये इधर-उधर से मशीनें जोड़ूँगा; तुम मेरे लिये नदियाँ जोड़ देना। मैं तुम्हें ‘आर ओ’ देता हूँ; तुम मुझे अपने सब मिनरल दे दो। मैं तुम्हें लेटेस्ट वाटर डेबिट देता रहूँगा; तुम मुझे सेफ वाटर के साथ-साथ हेल्दी एण्ड सेनेटाइज्ड इण्डिया का क्रेडिट देते रहना। मैं तुम्हे बोतल में बन्द पानी देता रहूँगा; तुम मुझे बाजार देती रहना। मैं तुम्हारा वाटर सप्लाई सिस्टम सम्भाल लूँगा; तुम मेरा डिजीटल वाटर मीटर सम्भाल लेना। फिर मैं पूछता रहूँगा; तुम बताती रहना -बोल मेरी मछली कित्ता पानी....?

वाह इण्डि! तुम कितनी अच्छी हो! मैंने तुम्हें बोतलबन्द पानी क्या दिया; तुम तो बिलकुल हमारी जैसी ही होती जा रही हो! अपनी सुराही ही भूल गई। मैंने कचरा रेल से लेकर सुपरफास्ट रेल की जनरल बोगी तक में देख लिया है। खुले पानी में तैरना तो दूर, तुम तो खुला पानी पीने से ही परहेज करने लगी हो। ...पर यह क्या किया? हमसे पहले ही तुमने नदियों को कचरा ढोने वाली रेल बना दिया। यह तो हमारे द्वारा किया जाना तय था।

जो हमारी इंडस्ट्रीज को करना था; वह तुम्हारे मल व इंडस्ट्रीज ने कर दिखाया। यार इण्डि! ‘कचरा पॉलिटिक्स’ में तो तुम हमसे भी आगे निकल गई। अब हम अपना कचरा कहाँ डालें? चलो, रिवर रिजुनेशन के नाम पर सिल्ट निकालो, नई नदियाँ बनाओ; हम उन्हें नाला बनाएँगे। गर नई नदी नहीं बना सकते, तो एक नदी बहाकर दूसरी नदी तक ले जाओ।

नदियों में ज्यादा पानी के फर्जी आँकड़े दिखाओ। रिवर बेल्ट में इंडस्ट्रियल कॉरीडोर बनाओ; टाउन बसाओ। बाढ़ रोकने के नाम पर एक्सप्रेस वे बनाओ। अखबारों में उनकी तारीफ में रिपोर्ट छपाओ.... और फिर नदियों में कचरा जाने लगे, तो राज्य बनाम केन्द्र का रवैया अपनाओ। गंगा मास्टर प्लान-2020 बनाओ। खेल के नियम इतनी जल्दी भूल न जाओ। समझ गई न?

लेकिन इण्डि! मैंने यह थोड़े ही कहा था कि मैं अपनी मशीने दूँ, तो तुम अपना कुदाल-फावड़ा भूल जाना। मेरे वर्जन के चक्कर में अपना जलदर्शन भूल जाना। मनरेगा में तालाब के नाम पर बन्द चारदीवारी बनाना। मैंने कब कहा था कि गर्मी-गर्मी जंगल में आग लगाना। हर महीने पोलियो रविवार मनाना। आयोडीन के आगे देसी नमक भूल जाना। हाँ, अपेक्षा जरूर की थी।

लेकिन तुम तो हमारी तरह वेलेंटाइन डे भी मनाने लगी हो, सोशल साइट्स भी चलाने लगी हो। नेट से लेकर मेट, डेट, चैट तक सब आजमाने लगी हो। अपने को आई टी की रानी बताने लगी हो। लगता है कि अब तो तुम्हें भी शौक हो गया है हमारे जैसी बनने का। तुम भी क्या खूब हो! हमने वर्ल्ड वाटर लीग- 2020 का फाइनल शो इक्कीसवीं सदी के दूसरे दशक के अन्त तक करना तय किया था। तुम तो बहुत फास्ट निकली। वर्ष 2015 से पहले ही फाइनल में जा पहुँची। ठीक है, ठीक है,.. लगी रहो।

हम तुम्हारा योगा अपना रहे हैं, नीम-हल्दी का पेटेंट करा रहे हैं; तुम हमारा टेंशन अपनाओ। हो सके, तो पानी भी ऑनलाइन पिलाओ। जितना रिस्क, उतना फायदा। जी डी की चिन्ता छोड़ो; जीडीपी बढ़ाओ। अभी तुम डेवलप कर रही हो। एक दिन डेवलप्ड हो ही जाओगी। यूनाइटेड नेशन्स ऑर्गेनाइजेशन की मेंबर बनकर शान से परचम लहराओगी। यही होगा हमारे खेल का अन्तिम परिणाम। कांग्रेचुलेशन्स !! मेनी.. मेनी रिटर्न ऑफ द डिपेंडेंस डे। मीट यू नेकस्ट टाइम !!

दोस्तो, यह है इण्डिया के साथ वर्ल्ड का असल वाटर लीग-इण्डिया 2020।
लक्ष्य बिल्कुल साफ है - मेरा वेेस्ट ले, इण्डिया का सर्वश्रेष्ठ दे।
इस खेल के नियम भारत की केन्द्र-राज्य सरकारों तथा कारपोरेट वर्ल्ड के पुरोधाओं की सहमति से तैयार किये गए हैं। कई एनजीओ ने भी इसे आगे बढ़ाने का जिम्मा ले लिया है।
गरीबी रेखा से ऊपर रहने वालों तो अभी बन्द पानी की दो बोतलें और दो रुपए के स्मार्ट पैक बिस्किट रोज खरीद ही सकते हैं।
अब गरीबी रेखा से नीचे वालों को तय करना है कि वे खेल में दर्शक की भूमिका निभाएँ या बीच स्टेडियम में ढाल देखकर आने वाली देवउठनी ग्यारस को कुदाल-फावड़े-दरख्त उठाएँ; अपना पानी बचाएँ।

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Post By: RuralWater
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