अरुण तिवारी
जल प्रबंधन: समग्रता के संकल्प सूत्र
Posted on 12 Jun, 2021 12:21 PMभूजल स्तर में गिरावट का संकट का मूल कारण, भूजल-संचयन की तुलना मंे भूजल-निकासी का अधिक होना है। जल निकासी एवम् संचयन में संतुलन स्थापित करने में जवाबदेही सुनिश्चित वाली नीति यह हो कि जिसने प्रकृति से जितना और जैसा लिया, वह प्रकृति को कम से कम उतना और वैसी गुणवत्ता का जल लौटाए; किसान भी, फैक्टरी मालिक भी।
यह जो इक शहर है बेपानी शिमला...
Posted on 24 Apr, 2018 06:45 PMशिमला की ठंड, भारत में एक मुहावरे की तरह है। गर्मी में ठंड की बात हो, तो शिमला याद आता है। उत्तर के मैदानी इलाके में ठंड बढ़ जाये तो कहा जाता है कि शिमला की हवा चल गई। और-तो-और यदि ठंड में बर्फ का नजारा देखने की बात हो, तो भी शिमला का ही नाम लिया जाता है।
युद्ध और शांति के बीच जल - भाग चार
Posted on 21 Apr, 2018 07:03 PM
(प्रख्यात पानी कार्यकर्ता श्री राजेन्द्र सिंह के वैश्विक जल अनुभवों पर आधारित एक शृंखला)
इजराइली जल प्रबन्धन - दादागिरी भी, समझदारी भी
इजराइल का फिलिस्तीन की पानी पर दादागिरी का वर्णन आप सुना चुके। इससे पहले कि आप इजराइल के पानी प्रबन्धन के बारे में बताएँ, बेहतर होगा कि वहाँ से जुड़े पानी का कोई और विवाद हो तो पाठकों के साथ शेयर करें?
हाँ, हैं न। इजराइल और जाॅर्डन के बीच पानी का विवाद बहुत पुराना है। यह विवाद, जाॅर्डन नदी के रेपेरियन राइट से जुड़ा है।
जल का प्रणय निवेदन
Posted on 21 Apr, 2018 11:12 AM
आतुर जल बोला माटी से
मैं प्रकृति का वीर्य तत्व हूँ,
तुम प्रकृति की कोख हो न्यारी।
मैं प्रथम पुरुष हूँ इस जगती का,
तुम हो प्रथम जगत की नारी।
नर-नारी सम भोग विदित जस,
तुम रंग बनो, मैं बनूँ बिहारी।
आतुर जल बोला माटी से....
न स्वाद गंध, न रंग तत्व,
पर बोध तत्व है अनुपम मेरा।
भूरा पीला लाल रंग सुन्दर,