चयनित भारतीय नदियों के समस्थानिक गुणधर्म में स्थानिक एवं कालिक परिवर्तन

चयनित भारतीय नदियों के समस्थानिक गुणधर्मों में स्थानिक एवं कालिक परिवर्तनों का अध्ययन, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजैन्सी (IAEA) वियना, ऑस्ट्रिया द्वारा प्रायोजित विशाल नदी बेसिनों में जलविज्ञानीय प्रक्रमों का समस्थानिक चित्रण नामक अनुसंधान परियोजना का एक भाग है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य समस्थानिक तकनीकी द्वारा वृहद नदी बेसिनों के जल चक्र के अध्ययन के लिए वृहद् पद्धति को विकसित एवं प्रदर्शित करना है। इस कार्य के लिए गंगा तथा इसकी कुछ सहायक नदियों रामगंगा, यमुना, गोमती, सोन, गंडक तथा यमुना की सहायक नदियों हिंडन एवं चंबल के कई स्थोलों से नमूने एकत्रित किये गये।

ऋतुओं एवं नमूने एकत्र करने की सम्भावना को ध्यान में रखते हुए इन नदियों के चयनित स्थलों से दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक एवं मासिक आधार पर जल नमूने एकत्रित किये गये। जल नमूने एकत्र करने वाले स्थल से नदी की प्रकृति को समझने के लिए निकटवर्ती क्षेत्र से भूजल नमूने भी एकत्रित किये गये। नदियों के लगभग 2000 व भूजल के 400 नमूने एकत्रित किए गए तथा उनका वैज्ञानिक विश्लेषण पर्यावरणीय ट्रिटियम, ऑक्सीजन-18 एवं ड्यूटीरियम के लिए समस्थानिक मापन के अतिरिक्त विद्युत चालकता, पी.एच. तापमान इत्यादि के लिए विभिन्न भू रासायनिक परीक्षण किये गए।

गंगा नदी में अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमगलन उपवाह के उच्चमान एवं कम वर्षा के कारण अत्यधिक ऑक्सीजन-18 व ड्यूटीरियम के मान पाये गये तथा मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करते ही मानों में कमी पायी गयी। इस प्रपत्र में स्रोत एवं मिश्रण को समझने के लिए दूरी, ऊँचाई, महाद्वीपीय दूरी के सापेक्ष समस्थानिक अवयवो में परिवर्तनों पर विस्तृत चर्चा की गई है। नदियों के निचले क्षेत्रों में भूजल पर समस्थानिक मानों का प्रभाव ऊपरी क्षेत्रों में वर्षा की तुलना में अधिक है। नदियों एवं वर्षा के विभिन्न समस्थानिक मानों के कारण देश के विभिन्न भागों में भूजल के समस्थानिक मान भिन्न पाये गये।

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