समिति में शत-प्रतिशत सदस्यता महिलाओं को /ग्वालियर/ 23 अप्रैल 08/ समग्र स्वच्छता अभियान के तहत प्रदेश में अब तक 40 हजार से अघिक ग्राम जल स्वच्छता समितियों का गठन किया जा चुका हैं। समितियों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनमें सभी सदस्य महिलाएं हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने बताया कि राज्य शासन ने ग्राम जल स्वच्छता समितियों में महिलाओं की शत-प्रतिशत भागीदारी इसलिए सुनिश्चित की है क्योंकि पेयजल व शौच की समस्याओं से महिलाओं को ही ज्यादा जूझना पड़ता है। श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश में करीब 50 हजार ग्राम जल स्वच्छता समितियों का गठन किया जा रहा है। अभियान के बेहतर क्रियान्वयन के लिए ग्राम जल स्वच्छता समितियों को व्यापक स्तर पर प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। हर गांव के लिए प्रशिक्षण मॉडयूल बनाया गया है। पच्चीस प्रतिशत से अधिक गांवों में यह कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के समस्त जिलों में समग्र स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पारिवारिक स्वच्छ शौचालयों के निर्माण के लिए शासन से तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी के साथ शालाओं में स्वच्छता सुविधाओं की उपलब्धता, महिलाओं के लिए स्वच्छता परिसरों का निर्माण और समुदाय में व्यक्तिगत स्वच्छता एवं स्वच्छता सुविधाओं के उपयोग के प्रति जनसाधारण को जागरूक करने के सतत प्रयास किए जा रहे हैं। जिलों में कार्यक्रम का क्रियान्वयन जिला जल एवं स्वच्छता समिति के माध्यम से किया जाता है।
साभार- http://chambal.spaces.live.com
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के समस्त जिलों में समग्र स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पारिवारिक स्वच्छ शौचालयों के निर्माण के लिए शासन से तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी के साथ शालाओं में स्वच्छता सुविधाओं की उपलब्धता, महिलाओं के लिए स्वच्छता परिसरों का निर्माण और समुदाय में व्यक्तिगत स्वच्छता एवं स्वच्छता सुविधाओं के उपयोग के प्रति जनसाधारण को जागरूक करने के सतत प्रयास किए जा रहे हैं। जिलों में कार्यक्रम का क्रियान्वयन जिला जल एवं स्वच्छता समिति के माध्यम से किया जाता है।
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