छतरपुर। भारी बारिश से प्रदेश के कई अंचल तबाह हैं, वहीं बुंदेलखंड में मौसम की बेरूखी से सूखे की स्थिति निर्मित होने लगी है। लोगों को अभी से गर्मी में होने वाले भीषण जलसंकट की चिंता सताने लगी है। अपर्याप्त बारिश से बुंदेलखंड की धरती की प्यास नहीं बुझी है। बुंदेलखंड में आने वाले सागर, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ और दमोह जिले में अभी तक औसत से एक चौथाई बारिश भी नहीं हुई है, जबकि क्षेत्र में सामान्य रूप से सावन तक ही अच्छी बारिश होती है।
सावन खत्म होते ही बारिश का सिलसिला भी लगभग थम सा जाता है। ऎसे में यहां के लोगों ने शेष सीजन में औसत बारिश होने की उम्मीद छोड़ दी है। आंकड़ों पर गौर करें तो इस समय तक पिछले वर्ष की तुलना में आधी बारिश भी नहीं हुई।
क्षेत्र के ज्यादातर नदी-नाले अभी भी सूखे पड़े हैं। कई नदियों में तो बारिश के पानी की धार तक नहीं चली। वहीं बारिश का सीजन शुरू होने पर अपने जलस्रोतों के रीचार्ज होने की आस लगाए बैठे लोगों की उम्मीदें पूरी होते दिखाई नहीं देती, क्योंकि गर्मी में सूख चुके ज्यादातर जलस्रोत अभी भी रीचार्ज नहीं हुए हैं।
सावन खत्म होते ही बारिश का सिलसिला भी लगभग थम सा जाता है। ऎसे में यहां के लोगों ने शेष सीजन में औसत बारिश होने की उम्मीद छोड़ दी है। आंकड़ों पर गौर करें तो इस समय तक पिछले वर्ष की तुलना में आधी बारिश भी नहीं हुई।
क्षेत्र के ज्यादातर नदी-नाले अभी भी सूखे पड़े हैं। कई नदियों में तो बारिश के पानी की धार तक नहीं चली। वहीं बारिश का सीजन शुरू होने पर अपने जलस्रोतों के रीचार्ज होने की आस लगाए बैठे लोगों की उम्मीदें पूरी होते दिखाई नहीं देती, क्योंकि गर्मी में सूख चुके ज्यादातर जलस्रोत अभी भी रीचार्ज नहीं हुए हैं।
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