15 अक्तूबर, वर्ल्ड हैंड वाशिंग डे पर विशेष
हाथों को बार-बार साबुन से धोना स्वाइन फ्लू समेत कई बीमारियों से बचने का अचूक तरीका है।
दुनियाभर में साफ-सफाई की अहमियत बताने और लोगों को इसके प्रति जागरुक करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 15 अक्तूबर, 2008 से ग्लोबल हैंडवाशिंग डे की शुरूआत की थी। सफाई में हाथ साफ रखने की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए ही दो साल पहले इस दिवस की शुरूआत की गई।
बीमारियों से बचने के लिए भले ही कितने भी प्रयास हों, अपने शरीर और हाथों की साफ-सफाई सभी प्रयासों से बढ़कर है।
फिजिशियन डॉ. अनिल मलिक का मानना है कि मौसमी बीमारियों से बचने के लिए नियमित तौर पर हाथ धोने की आदत को अपनाना एक कारगर उपाय साबित हो सकता है।
डॉ. मलिक ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन के साधनों का उपयोग करने वालों और कार्यालयों में कंप्यूटर पर काम करने वाले लोगों को बार-बार हाथ धोते रहना चाहिए।
डॉ. मलिक के मुताबिक स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों से बचने में हाथ धोने जैसे उपाय ही कारगर हो सकते हैं। सार्वजनिक स्थानों पर हाथ लगाने के बाद आप अपनी सुरक्षा उन्हें धोकर ही कर सकते हैं।
वहीं वैश्विक संस्था यूनिसेफ की वेबसाइट के मुताबिक कई शोधों ने साबित कर दिया है कि नियमित तौर पर साबुन से हाथ धोने से डायरिया की आशंका 50 फीसदी तक कम हो जाती है।
वेबसाइट में कहा गया है सही प्रकार से हाथ धोने की आदत से निमोनिया, ट्रैकोमा, स्केबीज, त्वचा और नेत्र संक्रमण, हैजा और उल्टी-दस्त के मामलों में भी कमी आना दर्ज किया गया है। साबुन से हाथ धोने से बर्ड फ्लू की भी आशंका कम हो जाती है।
यूनिसेफ के मुताबिक अफ्रीका और एशिया के दक्षिणी क्षेत्रों में सफार्इ की कमी के कारण डायरिया के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं। संगठन के मुताबिक इन दोनों महाद्वीपों के दो तिहार्इ लोग अब भी सफाई की उचित व्यवस्था से महरुम होने के कारण गंदगी में रहने को मजबूर हैं।
इसी शोध के मद्देनजर विश्व संस्था हर साल 15 अक्तूबर को इन महाद्वीपों के अति पिछड़े और ग्रामीण स्थानों पर जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन करती है, जिसमें कार्यशालाएं, सम्मेलन और नुक्कड़ नाटक जैसी गतिविधियां प्रमुख हैं।
पिछले दिनों हुए एक शोध में कहा गया था कि लिफ्ट के बटन पर किसी भी टॉयलेट सीट पर मौजूद कीटाणुओं से कई गुना ज्यादा कीटाणु होते हैं। इस शोध से साबित होता है कि बीमारियों को घरों से दूर रखने के लिए बाहर आने-जाने के बाद हाथ धोना कितना अहम है।
/articles/baimaarai-bhagaae-dhaulae-haatha