बातों की बादशाहत-कमेटी दर कमेटी

वास्तव में भारत और नेपाल के बीच जल-संसाधनों के उपयोग, विचार-विमर्श, अनुश्रवण, सहयोग और भविष्य के लिए योजनाएं बनाने हेतु तीन स्तरों पर बहुत सी संयुक्त समितियाँ काम करती हैं। इन समितियों का विवरण नीचे दिया जा रहा है-

1 जल-ससांधन के लिए मंत्री स्तरीय संयुक्त आयागे (Joint Ministerial Commission on Water Resources)- इस आयोग की अध्यक्षता भारत और नेपाल सरकार के जल-संसाधन मंत्री करते हैं और इस समिति का काम जल-संसाधन पर पारस्परिक सहयोग का ध्यान रखना होता है। इस आयोग में दोनों देशों का समुचित प्रतिनिधित्व होता है और इसकी मीटिंग वर्ष में एक बार होती है।
2 जल-संसाधन पर संयुक्त समिति (Joint Committee on Water Resources) इस समिति की अध्यक्षता दोनों देशों के जल-संसाधन विभाग के सचिव करते हैं। इस समिति का काम जल-संसाधन संबंधी परियोजनाओं की योजना बनाने तथा उनके क्रियान्वयन के साथ-साथ संयुक्त स्थायी तकनीकी समिति (Joint Standing Technical Committee) के कामों की भी समीक्षा करना है। यह समिति यह भी सुनिश्चित करती है कि मंत्री स्तर पर साझा कार्यक्रमों के लिए जो निर्णय लिए जाते हैं उनका त्वरित क्रियान्वयन हो। यह समिति अपनी-अपनी सरकारों को काम की प्रगति के प्रति रिपोर्ट करती रहती है। इस समिति की मीटिंग वर्ष में दो बार किये जाने का प्रावधान है जिसमें साधारणतः एक मीटिंग मंत्री स्तर वाली मीटिंग के पहले और दूसरी उसके छः महीने के बाद होती है।
3 संयुक्त स्थायी तकनीकी समिति (Joint Standing Technical Committee)- इस समिति का काम जल-संसाधन पर संयुक्त समिति के अधीन आने वाली सभी समितियों, उप-समितियों, कार्यकारी बलों आदि के काम का अनुश्रवण करना है। यह समिति वर्ष में प्रति तीन महीने में एक बार बैठ कर विचार विमर्श करती है। बाकी संयुक्त समितियों में से कुछ के नाम नीचे दिये गए हैं-

(i) Standing Committee on Inundation Problem (SCIP),
(ii) Standing Committee on Flood Forecasting (SCFF),
(iii) Joint Committee on Flood Management (JCFM),
(iv) Sub-Committee on Embankment Construction (SCEC),
(v) Joint Project Office-Sapta Kosi and Sun Kosi Diversion Investigation (JPO-SKSKI),
(vi) Joint Committee on Kosi and Gandak Projects (JCKGP).

इन समितियों की मदद के लिए भारत की कई अन्य समितियाँ भी काम कर सकती हैं जिनमें से कुछ के नाम नीचे दिये गए हैं-

(i) Kosi High Level Committee (KHLC),
(ii) High Level Experts Team (HLET),
(iii) Gandak High Level Committee (GHLC).

कुछ सरकारी संयुक्त समितियों के कार्य-कलाप की एक हलकी सी झलक हमने अभी देखी है और अब नेपाल का प्रबुद्ध वर्ग इस पूरी समस्या को किस तरह से देखता है उस पर एक नजर डालने की कोशिश करते हैं।

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Post By: tridmin
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