आंध्र प्रदेश का भूजल परिदृश्य

 

कुल भौगोलिक क्षेत्र (वर्ग किमी): 2,75,069

 

कुल जिले: 23

कुल मंडल : 1125

जल प्रवाह तंत्र: तीन प्रमुख नदियों गोदावरी, कृष्णा और पेन्नार सहित 10 मध्यम नदियां एवं कई छोटी नदियां प्रवाहित होती हैं।

वर्षा: रायलसीमा क्षेत्र 561 मिमी से लेकर राज्य के उत्तर-पूर्वी हिस्से में 1113 मिमी तक सालाना वर्षा होती है। तटीय आंध्र प्रदेश में साल में 52 दिनों से लेकर रायलसीमा एवं तेलंगाना में 41 दिनों तक वर्षा होती है।

 

 

== राज्य का जल विज्ञान ==

राज्य का करीब 84 फीसदी हिस्सा कठोर क्रिस्टलीय और समेकित संरचनाओं जैसे कि अर्चाइन, धारवाड़, कुरनूल, डेक्कन ट्रैप आदि के अंतर्गत स्थित हैं। राज्य का शेष हिस्सा गोण्डवाना, व टेरटियाराइज जैसे अर्ध-समेकित संरचनाओं एवं रिसेंट एलुवियम जैसे असमेकित डिपाजिट्स के अंतर्गत स्थित हैं।

 

कुओं की जल उत्पन्न क्षमता : धारवाड़ वाले क्षेत्र में कुओं की जल उत्पन्न क्षमता 2-5 घनमीटर प्रति घंटे से लेकर 10-35 घनमीटर प्रति घंटे तक होती है, जो कि विभिन्न किस्म के पत्थरों के हिसाब से भिन्न हैं। कडप्पा क्षेत्र में कुओं की जल उत्पन्न क्षमता 7-50 घनमीटर प्रति घंटे होती है। शालेस व डेक्कन ट्रैप में कुओं की जल उत्पन्न क्षमता 0.5-1.5 घनमीटर प्रति घंटे होती है। जबकि गोंडवाना वाले क्षेत्र में कुओं की जल उत्पन्न क्षमता 2-220 घनमीटर प्रति घंटे होती है। जलोढ़ संरचनाएं मुख्य रूप से डेल्डा क्षेत्र में सीमित हैं, जहां नलकूप की जल उत्पन्न क्षमता 15-60 घनमीटर प्रति घंटे होती है।

 

 

== गतिशील भूजल संसाधन ==

वार्षिक पुनर्भरणीय भूजल संसाधन: 36.50 अरब घनमीटर (बीसीएम)

शुद्ध वार्षिक भूजल उपलब्धता: 32.95 बीसीएम

वार्षिक भूजल ड्राफ्ट : 14.90 बीसीएम

भूजल विकास की स्थिति: 45 फीसदी

 

 

== भूजल विकास निगरानी ==

अति शोषित मंडलों की संख्या: 219

नाजुक स्थिति वाले मंडलों की संख्याः 77

अर्ध नाजुक स्थिति वाले मंडल: 175

निर्मित अन्वेषी नलकूप (31.03.2009 तक):1315

भूजल उपयोग मानचित्र वाले जिलों की संख्या: 23

कृत्रिम भूजल पुनर्भरण हेतु पहचान किए गए क्षेत्र: 65,333 वर्ग किमी

रिचार्ज किये जाने योग्य सतही जल: 10,950 लाख घनमीटर

 

 

== संभावित कृत्रिम भूजल ढांचे ==

रिसाव वाले तालाबों की संख्या: 3800

चेक डैम्स एवं शहरी वर्षाजल रिचार्ज सिस्टमों की संख्याः 11167

 

 

== भूजल गुणवत्ता की समस्याएं ==

** खारे पानी वाले क्षेत्र (आंशिक रूप से प्रभावित जिले): अनंतपुर, कुरनूल, कडप्पा, नेल्लोर, प्रकाशम, गुंटूर, महबूबनगर, नालगोंडा, कृष्णा, खम्माम, वारंगल, मेडक, पूर्वी गोदावरी, श्रीकाकुलम, विशाखापटनम, विजयानगरम

 

** क्लोराइड की अधिकता वाले आंशिक रूप से प्रभावित जिले (प्रति लीटर 1000 मिलीग्राम से ज्यादा): प्रकाशम, नेल्लोर, गुंटूर, महबूबनगर, नालगोंडा, कृष्णा, खम्माम, वारंगल, श्रीकाकुलम

 

** लौह की अधिकता वाले आंशिक रूप से प्रभावित जिले (प्रति लीटर 1 मिलीग्राम से ज्यादा): अदिलाबाद, चित्तुर, कडप्पा, गुंटूर, हैदराबाद, करीमनगर, कृष्णा, कुरनूल, महबूबनगर, मेडक, नालगोंडा, नेल्लोर, निजामाबाद, रंगा रेड्डी, विशाखापटनम

 

** नाइट्रेट की अधिकता वाले आंशिक रूप से प्रभावित जिले (प्रति लीटर 45 मिलीग्राम से ज्यादा): अदिलाबाद, अनंतपुर, चित्तुर, कडप्पा, पूर्वी गोदावरी, गुंटूर, हैदराबाद, करीमनगर, खम्माम, कृष्णा, कुरनूल, महबूबनगर, मेडक, नालगोंडा, नेल्लोर, निजामाबाद, प्रकाशम, रंगा रेड्डी, श्रीकाकुलम, विशाखापटनम, विजयानगरम, वारंगल, पश्चिमी गोदावरी

 

भूजल नियमन (बिल): राज्य में आंध्र प्रदेश जल, भूमि एवं वृक्ष अधिनियम, 2002 पूरे राज्य में अप्रैल 2002 से प्रभावी है।भूजल विकास के नियमन के लिए अब तक महबूबनगर जिले में मिडिजिल मंडल, चित्तूर जिले में तिरुपति (ग्रामीण) मंडल, कुडप्पा जिले में वेमपल्ली मंडल को अधिसूचित किया गया है। 

 


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