हालही में गोवा के कृषि मंत्री रवि नाइक ने पानी को लेकर देश के गृहमंत्री अमित शाह पर बड़ी बात कही थी उन्होंने कहा था कि जब अमित शाह फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान यहां आये थे तब उन्हें पानी पीने के लिए हिमालय (ब्रांड) की 850 रुपये की ‘मिनरल वाटर’ बोतल दी गई थी। उनके इस बयान से हर जगह हिमालय (ब्रांड) की चर्चा होने लग गई।
लोग समझ नहीं पा रहे थे आखिर इस पानी में ऐसा क्या है जो इतना महंगा है क्योंकि आमतौर पर बाजार में 1 लीटर पानी की बोतल की कीमत लगभग 20 से 50 में मिलती है। तो आइए हम आपको बता देते है क्यों हिमालयन की 1 लीटर की बोटल दूसरी बोतलों के मुकाबले सबसे महंगी है।
हिमालयन पानी की बोतल टाटा द्वारा बनाई गई है जिसके बारे में कंपनी दावा करती है कि यह सबसे शुद्ध पानी है। और वैज्ञानिक अध्ययनों से साबित हुआ है कि यह पानी ग्लेशियर के पिघलने से बना है जो हिमालय की सबसे ऊँची चोटी से अपनी यात्रा शुरू कर उसके चट्टानों की परतों के माध्यम से लगभग 20 वर्षों तक फ़िल्टर होता रहता है।और इस प्रक्रिया में खनिजों का सही संतुलन इकट्ठा होकर हल्का क्षारीय (alkaline ) पानी बन जाता है
क्या है क्षारीय (alkaline )
एक रिसर्च के अनुसार पानी में क्षारीय (alkaline ) मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है,और हमारे खून में ऐसिड को नियंत्रित करने में मदद करता है साथ ही कई बार बॉडी में उपा-पाचय सिस्टम (metabolism) आहार को तोड़कर एनर्जी में बदल देता है। यही कारण है कि आजकल लोग अपनी सेहत के लिए बाजार से पानी की बोतल लेते समय आरओ और क्षारीय (alkaline) की मात्रा का आकलन कर पानी खरीदते है।
क्यों है ये पानी महंगा
दरअसल, हिमलाय में पानी की खोज करने और लाने में काफी खर्चा और समय लगता और पानी साफ़ बना रहे उसके लिए कंपनियां आस पास के इलाको में अपने प्लांट स्थापित करती है क्योंकि यह मानना है कि बर्फ ढंकी चोटियों पर मौजूद पानी को अगर ऊपर ही बोतलबंद कर दिया जाए तो उसे सबसे ज्यादा शुद्ध पानी होता है और शायद यही कारण है हिमालयन की 1 लीटर पानी की बोतल बहुत महंगी होती है
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