पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा

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बाढ़ से निपटने के लिये तैयार (Flood-ready)
Posted on 17 Jul, 2017 01:49 PM
अनुवाद - संजय तिवारी

जिबोन पेयांग पैंतालीस साल के हैं। जब उनसे पूछा जाता है कि बाढ़ से कैसे निपटेंगे तो जवाब देने के लिये उनके मन में कोई निराशा नहीं होती। वो बहुत आत्मविश्वास से जवाब देते हैं कि बाढ़ से बचने के लिये क्या-क्या करना है। उनका पूरा परिवार बाढ़ से निपटने के लिये तैयार है। जब हमने उनसे पूछा कि ये बातें किसने बताई तो वो बहुत गर्व से बताते हैं, ‘मेरे बेटे केशव ने।’

उत्तर आसाम के धेमाजी जिले में दिहरी गाँव के रहने वाले पेयांग के गाँव में पहले बाढ़ नहीं आती थी। लेकिन अब बीते कुछ सालों से बाढ़ का पानी उनके गाँव को भी घेरने लगा है। साल में दो से तीन बार उनका गाँव बाढ़ के पानी से घिर जाता है और लगातार बाढ़ का पानी घटने की बजाय बढ़ता जा रहा है।
बाढ़ मुक्ति अभियान दरभंगा गोष्ठी की कार्यवाही की रपट 5-6 अप्रैल 2000
Posted on 03 Jul, 2017 09:31 AM Proceedings of the Darbhanga Meeting 5th and 6th April 2000
उत्तर बिहार की बाढ़ समस्या और उसका समाधान गोष्ठी में हम आप सभी का स्वागत करते हैं। दरभंगा में इस तरह का कार्यक्रम करने की हमलोगों की बहुत दिनों से इच्छा थी और हमें प्रसन्नता है कि यह कार्यक्रम आज हो रहा है।
Bihar flood
पुस्तक भूमिका : जल और प्रदूषण
Posted on 26 Jun, 2017 01:35 PM
पर्यावरणीय प्रदूषण आज के युग की सबसे बड़ी चुनौती है। बढ़ते औद्योगीकरण के कारण हमारी जीवन शैली में आए परिवर्तनों से पर्यावरण पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। विगत लगभग 150 वर्षों में विश्व भर में हो रहे अनियंत्रित, अनियमित एवं अंधाधुंध विकास के दुष्परिणाम जल और वायु प्रदूषण के रूप में हमारे सामने हैं।
चक्रवात के चक्रव्यूह में जीवन के चमत्कार
Posted on 20 Jun, 2017 11:19 AM
अनुवाद - संजय तिवारी

छह साल का बुल्लू खेलकूद के साथ-साथ एक काम रोज बहुत नियम से करता है। जब भी उसके पिता नाव लेकर आते या जाते हैं तो वह उस नाव की रस्सी को पेड़ से बाँधने खोलने का काम करता है। ऐसा करते हुए उसके पैर भले ही कीचड़ में गंदे हो जाते हैं लेकिन उसे मजा आता है। तटीय उड़ीसा के प्रहराजपुर के निवासी उसके पिता सुधीर पात्रा कहते हैं कि “ऐसा करना उसके अनुभव के लिये जरूरी है। आपको कुछ पता नहीं है कि कब समुद्र आपके दरवाजे पर दस्तक दे दे।”

तटीय उड़ीसा का समुद्री किनारा 480 किलोमीटर लंबा है। राज्य की 36 प्रतिशत आबादी राज्य के नौ तटवर्ती जिलोंं में निवास करती है। ये तटवर्ती जिले जलवायु परिवर्तन के सीधे प्रभाव क्षेत्र में पड़ते हैं। उड़ीसा के क्लाइमेटचैंज एक्शन प्लान 2010-15 के मुताबिक इन पाँच सालोंं के दौरान बंगाल की खाड़ी में औसतन हर साल पाँच चक्रवात आये हैं जिनमें से तीन उड़ीसा के तटवर्ती इलाकोंं तक पहुँचे हैं। राज्य के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का कहना है कि इनमें केन्द्रपाड़ा जिला सबसे ज्यादा प्रभावित होता है।
Talab
पत्थर दिल क्यों सुनेंगे, पत्थरों का दर्द
Posted on 18 Jun, 2017 11:53 AM
बरकागाँव से कुछ मील दक्षिण में एक बड़ा गाँव है, जो अब प्रस्ता
लोगों को विश्वास में लें, तो नहीं होगा विरोध
Posted on 18 Jun, 2017 11:46 AM
यह कहना सही नहीं होगा कि भूमि अधिग्रहण के कारण खनन कार्यों मे
खनन क्षेत्र में आदिवासियों की जिन्दगी, गुलामों से भी बदतर
Posted on 18 Jun, 2017 11:42 AM
एक तथ्य का जिक्र यहाँ जरूरी है कि अलग राज्य के पहले जिस आदिवा
वैश्विक खनन मसौदा व झारखंडी हंड़ियाबाजी
Posted on 18 Jun, 2017 11:38 AM
अगर यही झारखंड को समझना है, तो उनके झारखंड में खनन पीड़ितों क
विकास के दावों पर खनन की धूल
Posted on 18 Jun, 2017 11:33 AM
हम यह नहीं कहते कि माइनिंग न हो। लेकिन क्यों हो, किसके लिये ह
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