लोग और संगठन

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मध्यप्रदेश: लोगों की पहुंच से दूर क्यों हो रहा जल,  कैसे होगा जल संकट हल
देश का हदय प्रदेश कहा जाने वाला मध्यप्रदेश जल संकट से जूझ रहा है। प्रदेश में बुन्देलखंड क्षेत्र की पहचान अब सूखे के रूप में हो रही है। बुन्देलखंड का अहम हिस्सा सागर जिला पहाड़ी इलाके के रूप में विद्यमान है। सागर जिले में पानी का संकट बहुत तेजी से बढ़ रहा है। सागर के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों की नदियां, कुएं और तालाब सूखते जा रहे हैं। जिससे जिले के कई गाँव में पानी की समस्या गंभीर रूप से मंडरा रही है।  Posted on 02 May, 2024 04:56 PM

जल धरती पर जीवन का आधार है। एक कहावत है कि, जल है तो कल है। यह कहावत दशकों से हमारे जिहन में समायी है। मगर, वास्तव में जल है तो हमारा आज है। यदि जल नहीं होगा तो कल का सवाल ही पैदा नहीं होगा। आज हम जल को उसी तरह तरसने लगे जैसे मछली तरसती है। जल संकट आज दुनियां का एक विकराल सवाल बना गया। जिसका हल समूची दुनियाँ तलाश रही है।

चांदबर गांव में पानी का इंतजार करती महिलाएं और बच्चे
माँ नर्मदा स्वच्छता शिक्षण एवं स्वास्थ्य सेवा समिति
‘माँ नर्मदा स्वच्छता शिक्षण एवं स्वास्थ्य सेवा समिति’ के बारे में जानिए जिसने खुद को नर्मदा की सफाई के लिए समर्पित कर दिया है। उन्होनें नर्मदा को पूर्ण रूप से प्रदूषण मुक्त बनाने का संकल्प लिया और प्रति सप्ताह गुरूवार को घाटों पर नर्मदा स्वच्छता अभियान' आयोजित करना आरंभ किया। अभियान के दौरान इन्होंने सबसे पहले लोगों को कचरा और साबुन-शेम्पू इत्यादि से नदी के जल पर होने वाले दुष्परिणामों से लोगों को अवगत कराया।

Posted on 20 Feb, 2023 11:32 AM

औँकारेश्वर ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिरलिंगों में से चौथे ज्योतिर्लिंग का रूप माना जाता है। तीर्थ स्थल होने के साथ-साथ यह बांध और टापू के रूप में पर्यटन का मुख्य स्थान है। इसलिए यहाँ साल भर ही भीड़ रहती है और त्योहारों जैसे अमावस्या आदि पर्वों के समय यहां भीड़ और अधिक बढ़ जाती है। दर्शन करने आए भक्तों की लापरवाही के कारण इस पवित्र स्थल पर प्रदूषण भी

नर्मदा स्वच्छता अभियान
कान्ह और सरस्वती नदियों के लिए संघर्ष
साफ़-सफ़ाई में लगातार छह बार देशभर में अव्वल रहने वाले देश के सबसे स्वच्छ और मध्यप्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर के बीचो-बीच से गुज़रने वाली कान्ह और सरस्वती नदियों की सफ़ाईकर उनके पुनर्जीवन की मांग की तख्तियाँ उठाए शहर के लोगों ने धरना दिया. मामला न्यायालय तक भी पहुँचा. लेकिन कुछ नहीं बदला. दोनों नदियाँ अब भी नाले की शक्ल में अपने दुर्भाग्य पर आँसू बहा रही हैं.   Posted on 20 Feb, 2023 10:32 AM

इंदौर शहर में बुद्धिजीवियों के संगठन अभ्यास मंडल के धरने में शामिल लोगों में इस बात को लेकर ख़ासा आक्रोश था कि एक तरफ़ नगर निगम शहर को सजाने-सँवारने पर करोड़ों रूपए की फिजूलखर्ची कर रहा है लेकिन एक समय में इंदौर की पहचान रही शहर के मध्य से गुज़रने वाली कान्ह और सरस्वती नदियों के नाम पर सिर्फ़ खानापूर्ति ही की जाती रही है.

इंदौर के बुद्धिजीवियों का संगठन अभ्यास मंडल का कान्ह को लेकर धरना
पर्यावरण संरक्षण की ललक ऐसी 62 गांव में खड़ा कर दिया महिला संगठन
रिस्कन नदी 40 किमी लंबी है। अब तक बने 5000 से अधिक खावों का प्रभाव कहीं-कहीं दिखाई देने लगा है। लेकिन एक नदी को जिंदा होने के लिए पर्याप्त नहीं है। रिस्कन नदी को बचाने हेतु उनके द्वारा माननीय प्रधानमंत्री महोदय, माननीय जल शक्ति मंत्री भारत सरकार व माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड से भी निवेदन किया गया है। Posted on 07 Feb, 2023 02:36 PM

पर्यावरण संरक्षण की ललक ऐसी 62 गांव में खड़ा कर दिया महिला संगठन
जोशीमठ व हिमालय में हो रही भीषण आपदाओं के मुद्दे पर मातृ सदन में तीन दिवसीय (12 से 14 फरवरी, 2023) अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
जोशीमठ व हिमालय में हो रही भीषण आपदाओं को लेकर मातृ सदन में तीन दिवसीय (12 से 14 फरवरी, 2023) अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन में श्री जयसीलन नायडू, जो दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति व महान राजनीतिज्ञ श्री नेल्सन मंडेला जी के सरकार में मंत्री रह चुके हैं, देश के विभिन्न अन्य बुद्धिजीवी व पर्यावरणविद मौजूद रहेंगे। Posted on 07 Feb, 2023 10:24 AM

दिनांक : 12 - 14 फरवरी 2023

स्थान - मातृ सदन, जगजीतपुर, कनखल, हरिद्वार, उत्तराखण्ड (भारत) 249408

जोशीमठ व हिमालय में हो रही भीषण आपदाओं को लेकर मातृ सदन में तीन दिवसीय (12 से 14 फरवरी, 2023) अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है, जिसके लिए देश-विदेश से कई गणमान्य हिस्सा लेने पहुँच रहे हैं। सम्मेलन में तीन सत्र हैं और तीनों में अलग अलग पहलुओं पर विचार किया जाएगा।

मातृ सदन
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