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स्वच्छता
स्वास्थ्य सुरक्षा
Posted on 24 Sep, 2008 07:43 PMउद्देश्य-विशेषकर स्कूली बच्चों के लिए सुनिश्चित करना कि गांव में पैदल चलते समय वे हमेशा चप्पल पहनें, और महिलाएं पेयजल को निथारने की अच्छी तकनीकें सीखें।
स्थिति-
शौचालय निर्माण के लिए बीसी
Posted on 24 Sep, 2008 07:34 PMपूर्व शर्तें :
ग्रामीणों ने शौचालय निर्माण के इस अभियान में स्रक्रिय प्रत्युत्तर नहीं दिए। ज्यादातर लोगों ने हालांकि इसे स्वीकार तो कर लिया किंतु शौचालय निर्माण में अपना योगदान नहीं दिया। समिति के सदस्यों ने बार-बार अनुरोध किया लेकिन वे लोगों द्वारा शौचालय बनवाने में सफल नहीं हो सके।
परिवर्तन की प्रक्रिया:
खुले में शौच करने से मुक्त ग्राम अभियान
Posted on 24 Sep, 2008 07:16 PMभाव:
परियोजना के आरंभ में ग्रामीणों ने अपना ध्यान गांव में स्वच्छता कार्यों में लगाया किंतु बाद में उनकी यह प्रक्रिया धीमी पड़ गई और इसे गति देने के लिए एक अलग रणनीति को बनाने की योजना की जरूरत पड़ी। ग्राम पंचायत और जलसांवरिया समिति ने संयुक्त रूप से विभिन्न गतिविधियों की एक योजना बनाई जिनके परिणामस्वरूप गांव में शोचालय की संख्या बढ़ गई।
सुरक्षित जल भंडारण
Posted on 24 Sep, 2008 06:45 PMउद्देश्य:सुनिश्चित करना कि घरेलू स्तर पर संग्रहित किए गए पेय जल का रख-रखाव सुरक्षित तरीके से किया जा रहा है भले ही यह पानी गर्मियों में पारंपरिक स्रोत अथवा देखने में प्रदूषित लगता हो।
स्थिति:
स्वच्छता का आनंद उठाएं
Posted on 24 Sep, 2008 06:05 PMजलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग, महाराष्ट्र सरकार
खुले में शोच करें तो सबके सामने उजागर हों
Posted on 24 Sep, 2008 05:48 PMभाव: गांव का एक बड़ा समूह शौचालयों के निर्माण के लिए ग्रामसभा प्रस्ताव का अनुपालन नहीं कर रहा था। ग्रामसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया कि ग्रामपंचायत ऐसे किसी भी परिवार को कोई भी दस्तावेज अथवा प्रमाणपत्र (दाखला) नहीं जारी करेगा जो शौचालय का निर्माण नहीं करता हो। ग्रामसभा ने आगे पारित किया कि पीडीएस दुकानों अर्थात सार्वजनिक वितरण प्रणाली की किसी भी दुकान से ''राशन आपूर्ति'' ऐसे परिवारों
स्वच्छता के तहत महाराष्ट्र की सर्वोत्तम पद्धतियां
Posted on 24 Sep, 2008 04:57 PMजलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग, महाराष्ट्र सरकार1. खुले में शोच करें और सबके सामने उजागर हों (ग्राम वाकी बू, तालुका दियोजलगांव राजा, जिला बुलढाना)
2. बच्चों के लिए ''स्वच्छता का आनंद लें'' (ग्राम वड़गांव, तालुका लोनार, जिला बुलढाना)
3. 'सुरक्षित जल भंडारण'' गांव मलशेवगा, तालुका चालीसगांव, जिला जलगांव
चालीस हजार से अधिक ग्राम जल स्वच्छता समितियां गठित
Posted on 23 Sep, 2008 08:10 PMसमिति में शत-प्रतिशत सदस्यता महिलाओं को /ग्वालियर/ 23 अप्रैल 08/ समग्र स्वच्छता अभियान के तहत प्रदेश में अब तक 40 हजार से अघिक ग्राम जल स्वच्छता समितियों का गठन किया जा चुका हैं। समितियों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनमें सभी सदस्य महिलाएं हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने बताया कि राज्य शासन ने ग्राम जल स्वच्छता समितियों में महिलाओं की शत-प्रतिशत भागीदारी इसलिए सुनस्वच्छता का महत्व
Posted on 23 Sep, 2008 08:05 PMराजेश जैन/ पानीपत/30 सित07/ स्वस्थ जीवन जीने के लिए स्वच्छता का विशेष महत्व है। स्वच्छता अपनाने से व्यक्ति रोग मुक्त रहता है और एक स्वस्थ राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है। अत: हर व्यक्ति को जीवन में स्वच्छता अपनानी चाहिए और अन्य लोगों को भी इसके लिए पेरित करना चाहिए। यह बात जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के प्रशिक्षक श्री बी.पी.रावल ने समालखा में नेहरू युवा केन्द्र व ग्रामीण शिक्षा प्फसल विविधीकरण अपनाने हेतु भूमिगत जल-निकास
Posted on 23 Sep, 2008 11:50 AMउत्तराखण्ड मे जल मग्न क्षेत्र उधम सिंह नगर एवं हरिद्वार जिले के कुछ भागो मे पाया जाता है। इन क्षेत्रो में भूमि जल स्तर पौधों की जड़ो की गहराई के ऊपर होता है (जलमग्नता) अथवा वर्ष की कुछ अवधियों, जैसे वर्षा ऋतु में ऊपर हो जाता है, वहाँ भूमिगत हवा का अभाव हो जाता है, जिसके कारण जड़े अच्छे ढंग से पोषक तत्व ग्रहण नहीं कर पाती हैं और पौधों की वृद्धि में बाधा पड़ती है। भूमि जल को निकालने तथा इस अतिरिक