A recent study finds that climate change induced extreme weather events such as droughts can increase the vulnerability of women to Intimate Partner Violence (IPV).
Posted on 22 Sep, 2015 04:01 PM निर्माण किए जाने वाले मकान की बुनियाद 2 फिट चौड़ी होगी। ईंट या काँक्रीट-ब्लाॅक के लिए बुनियाद 1.5 फिट चौड़ी ठीक रहेगी। बुनियाद की गहराई कम से कम 1.5 फिट होनी चाहिए। यदि मिट्टी नरम है तो गहराई 2 या 2.5 फिट हो सकती है, परन्तु इसे 3 फिट से ज्यादा गहरी न करें। यदि 3 फिट की गहराई पर भी मिट्टी नरम ही मिले तो बुनियाद को ज्यादा गहरा खोदने के बजाए उसे अधिक चौड़ा करना ज्यादा उचित होगा। ऐसा करने पर बल
Posted on 22 Sep, 2015 03:07 PM उचित स्थान का चुनाव करना बहुत ही जरूरी है। इसके लिए निम्न बातों पर ध्यान देना अति आवश्यक है : 1. मकान किसी पहाड़ की चोटी पर न बनायें ऐसी जगहों पर भूकम्प का कम्पन ज्यादा होता है।
2. भूकम्प में कम ढाल वाली जगह या फिर लगभग समतल स्थान पर बने मकान ज्यादा स्थिर व सुरक्षित रहते हैं।
Posted on 22 Sep, 2015 02:45 PM भारत के कई हिस्से, विशेष रूप से हिमालय के पर्वतीय इलाके, भूकम्पग्रस्त क्षेत्र हैं। अनेक भूकम्पों का यह अनुभव है कि लगभग सभी मौतें मकानों के गिरने से होती है।
मीठे जल के स्रोत के रूप में अनादि काल से इंसानों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने वाली नदियाँ क्या किसी मानव समूह के लिये निरन्तर दुख की वजह बन सकती हैं? जिस नदियों के किनारे दुनिया भर की सभ्यताएँ विकसित हुई हैं, उद्योग-धंधे पाँव पसारने को आतुर रहते हैं, खेती की फसलें लहलहाती हैं, उन्हीं नदियों के किनारे बसी उत्तर बिहार की एक बड़ी आबादी गरीबी और लाचारी भरा जीवन जीने को विवश है।
दुनिया भर में नदियों के किनारे बसे लोग लगातार समृद्ध होते रहे हैं, मगर इन इलाकों के लोग आज भी अठारहवीं सदी वाला जीवन जी रहे हैं। आखिर इसकी वजह क्या है? कहा जाता है कि सालाना बाढ़ की वजह से ऐसा होता है, मगर क्या बात इतनी सरल है?
नेपाल की सीमा से सटे उत्तर बिहार के तराई इलाकों से होकर बिहार में सात बड़ी नदियाँ गुजरती हैं।