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पारिस्थितिकी और पर्यावरण
जलवायु विविधता और परिवर्तन
Posted on 15 Jan, 2024 01:50 PMभारत की जलवायु में बहुत विविधता और भिन्नता पाई जाती है जैसे कि- उष्णकटिबंधीय प्रकार से लेकर महासागरीय प्रकार तक, अत्यधिक शीत से लेकर अत्यधिक उष्ण तक, अत्यंत शुष्क से लेकर नगण्य वर्षा तक तथा अत्यधिक आर्द्रता से लेकर मूसलाधार वर्षा तक। इसलिए जलवायु को देश की परिस्थिति को ध्यान में रखकर पंद्रह कृषि क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। भारत में तापमान में भी विविधिता दिखाई पड़ती है, जलवायु परिवर्तन क
आज बचा लें अपना कल
Posted on 05 Jan, 2024 01:32 PMवाटर इज क्लाइमेट एंड क्लाइमेट इज वॉटर की बात आज पूरी दुनिया मान रही है। बिना जल के जलवायु की बातचीत संभव ही नहीं है। दुनिया ने पहले तो इन दोनों के रिश्ते को मानने से इंकार किया, किंतु नवंबर-दिसंबर 2015 में पैरिस में दुनियाभर के देश इकट्ठा हुए तो उनकी चिंता इन्हीं दोनों के इर्द-गिर्द घूमती रही। पेरिस समझौते के बाद संयुक्त राष्ट्र ने पूरी दुनिया की सरकारों को पानी और कृषि की जोड़कर जलवायु परिवर्त
पर्यावरण अनुकूल है मिलेट्स
Posted on 05 Jan, 2024 01:30 PMधान और गेहूँ की खेती के लिए भारतीय कृषि परंपरा का एक लंबा इतिहास है। परंतु,आज के पर्यावरणीय और जलवायु संकट के युग में, हमें अधिक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल कृषि पद्धतियों की ओर रुख करना आवश्यक है। इस संदर्भ में, 'मिलेट्स' यानी छोटे अनाज, एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में उभर रहे हैं। एक स्वस्थ पर्यावरण दुनिया में सभी जीवित प्राणियों के लिए महत्तवपूर्ण है क्योंकि यह हवा, पानी, भोजन और अन्य आवश्यक ची
आजीविका में जल के पदचिन्ह, इंडिया सम्मेलन
Posted on 04 Jan, 2024 02:38 PMविषय 1- आजीविका में जलचिन्ह, विषय परिचय
शीर्षक: सतत जल प्रबंधन के माध्यम से ग्रामीण समृद्धि में बेहतर परिवर्तन करना
भारत का जल संकट, जिसकी विशेषता देश की विशाल आबादी और सीमित जल संसाधनों के बीच भारी असंतुलन है। जो कि एक गंभीर चुनौती और कुछ कर गुजरने का अवसर प्रस्तुत करता है। वैश्विक आबादी के 18% का देश,
अर्घ्यम द्वारा दिल्ली में "Water track at Livelihoods India Summit” का आयोजन
Posted on 03 Jan, 2024 05:27 PMपिछले कई सालों से जल एवं पर्यवारण पर काम करनीं वाली संस्था अर्घ्यम दिल्ली में 17-18 जनवरी को "Water track at Livelihoods India Summit” का आयोजन करने जा रही है। जिसमें जल और उसके आयामों में काम करने वाले सरकारी तंत्र के वर्कर, उनकी आजीविका बातचीत के केंद्र में होगा। जो एक तरह से स्वास्थ्य सेक्टर के आशा-वर्कर की तरह या जैसा है,यानि जल सेक्टर में भी कोई इंसेंटिव-नियमित-प्रशिक्षित वर्कर हो जो कि आ
छोटे-छोटे प्रयासों से करें पर्यावरण की रक्षा
Posted on 02 Jan, 2024 04:56 PMआज के दौर में यदि सबसे बड़ी समस्या के बारे में बात की जाए तो वह ग्लोबल वॉर्मिग है, जिससे पृथ्वी का तापमान निरंतर चढ़ता ही जा रहा है और यह हर किसी की जिम्मेदारी है कि पर्यावरण को बचाया जाए। लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। सही मायने में देखा जाए तो महिलाएं पर्यावरण बचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है, यूं भी किसी भी योगदान की
क्या आपका मेकअप ईको-फ्रेंडली है
Posted on 01 Jan, 2024 12:44 PMप्राचीन काल में महिलाएं सजने-संवरने के लिए कुदरती चीजों का ही उपयोग किया करती थीं परंतु आज के आधुनिक दौर में तरह-तरह के मेकअप प्रोडक्ट्स बाजार में उपलब्ध हैं। हालांकि, इनमें से कुछ ईको फ्रैंडली होने का दावा करते हैं परंतु अनेक हमारे पर्यावरण को ही नहीं, त्वचा को भी बहुत हानि पहुंचाते हैं। वैसे आप चाहें तो ईको फ्रेंडली मेकअप को भी आसानी से अपना सकती हैं जिनसे त्वचा को किसी प्रकार के कैमिकल के नु
ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना जम्मू-कश्मीर का पल्ली गाँव
Posted on 22 Dec, 2023 04:35 PMहाल ही में जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के पल्ली गाँव को देश का पहला 'कार्बन न्यूट्रल' गाँव घोषित किया गया है, जो ग्रामीण भारत के लिए एक मिसाल बन गया है। पल्ली में 340 घरों को गत वर्ष राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर सौर ऊर्जा की सौगात मिली। पल्ली में 500 केवी क्षमता का सौर संयंत्र स्थापित किया गया है, जिससे कि यह गाँव ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गया है। अब पल्ली पंचायत के घरों को स्वच्छ
दुनिया भर में बांधों को हटाने में वृद्धि
Posted on 22 Dec, 2023 11:05 AMसभी बड़े बांधों की उम्र सीमित होती है। क्या आपने कभी सोचा है कि एक बार बांध का उपयोगी जीवन समाप्त होने पर उसका क्या होता है? इसे हटाना होता है जिसे डीकमीशनिंग कहते हैं। डीकमीशनिंग का मतलब बांध और उससे जुड़ी संरचनाओं को पूरी तरह हटाने से है।