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पारिस्थितिकी और पर्यावरण
आपदाओं और आपदा प्रबंधन के उपाय | Disasters Management Measures in Hindi
Posted on 28 Aug, 2017 04:41 PM
![भूकम्प आपदा प्रबंधन](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/%E0%A4%AD%E0%A5%82%E0%A4%95%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AA%20%E0%A4%86%E0%A4%AA%E0%A4%A6%E0%A4%BE%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AC%E0%A4%82%E0%A4%A7%E0%A4%A8_3.jpg?itok=aVPyTEZj)
सूखी ही बहने को मजबूर नदियाँ
Posted on 17 May, 2024 06:50 PMबीसवीं सदी के पहले कालखण्ड तक भारत की अधिकांश नदियाँ बारहमासी थीं। हिमालय से निकलने वाली नदियों को बर्फ के पिघलने से अतिरिक्त पानी मिलता था। पानी की आपूर्ति बनी रहती थी अतः उनके सूखने की गति अपेक्षाकृत कम थी। नदी के कछार के प्रतिकूल भूगोल तथा भूजल के कम रीचार्ज या विपरीत कुदरती परिस्थितियों के कारण, उस कालखण्ड में भी भारतीय प्रायद्वीप की कुछ छोटी-छोटी नदियाँ सूखती थीं। इस सब के बावजूद भारतीय नद
![नदियों के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-05/DryRiver.jpg?itok=wtF1uKQU)
पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) का महत्व क्या है? और भारत में पर्यावरण मंजूरी प्रक्रिया
Posted on 15 May, 2024 03:53 PMभारत में पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 27.01.1994 को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत जारी की गई विभिन्न गतिविधियों के लिए एक अधिसूचना के माध्यम से अनिवार्य किया गया था। उक्त ईआईए अधिसूचना 1994 के कार्यान्वयन के दौरान, कई छोटी-छोटी कमियां देखी गई और इन लघु कमियों को समय-समय पर संशोधन करने के माध्यम से दूर करने का प्रयास किया गया। ईआईए का उपयो
![पर्यावरण प्रभाव आकलन प्रक्रिया](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-05/Environment%20impact%20assesment.jpg?itok=_G88ffRL)
संगरूर जिले के अलोराख गांव का पानी हुआ जहरीला, पंजाब के मुख्य सचिव को निर्देश, साफ पानी मुहैया कराएं
Posted on 10 Apr, 2024 01:08 PM![संगरूर जिले के अलोराख गांव का पानी हुआ जहरीला, पंजाब के मुख्य सचिव को निर्देश, साफ पानी मुहैया कराएं,PC-wikipedia](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-04/sungrur%20.png?itok=_VEgV1Zx)
स्वच्छ दून का सपना कैसे हो साकार कूड़ा निस्तारण व्यवस्था का बंटाधार
Posted on 09 Apr, 2024 05:25 PMस्वच्छ दून, सुंदर दून का स्लोगन तो वर्षों से सुनते आए आए हैं, लेकिन धरातल पर यह नारा साकार होता नजर नहीं आता। दून में सफाई गजा व्यवस्था बड़ी चुनौती बना हुआ है।हालांकि, जिम्मेदार कूड़ा निस्तारण और साफ-सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद करने के दावे तो करते हैं, लेकिन कूड़ा शहर के लिए नासूर बन हुआ है। सड़कों, बाजारों में कूड़ा और गंदगी पसरना आम बात है। घर-घर कूड़ा उठान हो या डंपिंग जोन से प्लांट में कूड़े क
![स्वच्छ दून का सपना कैसे हो साकार कूड़ा निस्तारण व्यवस्था का बंटाधार](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-04/Swachta%20abhiyan.jpeg?itok=i_IGhhZv)
सियासी समर में नहीं सुनाई दे रही गंगा-यमुना की स्वच्छता की गूंज
Posted on 09 Apr, 2024 03:34 PMटिहरी गढ़वाल संसदीय सीट कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इसकी पहचान जहां गंगा-यमुना के उद्गम स्थल के रूप में होती है, वहीं रूपीन, सुपीन, टोंस, कमल नदी, असी गंगा, इंद्रावती, बालगंगा व भिलंगना समेत तमाम छोटी नदियां भी यहीं से होकर बहती हैं। ये नदियां धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और आर्थिक समृद्धि का भी आधार हैं। पेयजल, सिंचाई व ऊर्जा उत्पादन के साथ पर्यटन व तीर्थाटन की धुरी भी ये नदियां हैं, जिससे
![सियासी समर में नहीं सुनाई दे रही गंगा-यमुना की स्वच्छता की गूंज](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-04/Gng-2.jpeg?itok=oQLt95Vb)
टिहरी डैम - अब तक
Posted on 05 Apr, 2024 04:49 PMमेरा, 74 दिनों का उपवास, जो मैंने भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री नरसिम्हा राव द्वारा मुझको दिये हुए वचन से मुकरने के विरोध में रखा था, श्री एच. डी.
![टिहरी डैम,Pc-wikipedia](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-04/Tehri_dam.jpg?itok=O_mjtB6K)
हिमालय बचाओ आन्दोलन-घोषणापत्र
Posted on 05 Apr, 2024 01:02 PMआक्रमण विकास नीति ने हिमालय में 'प्रकृति एवं मानव' दोनों के लिए जिन्दा रहने का संकट पैदा कर दिया है। इससे केवल इस क्षेत्र में रहने वाले ही त्रस्त नहीं हैं, बल्कि इससे भी दस गुने लोगों पर हिमालय की तबाही का विनाशकारी प्रभाव, बाढ़, भूक्षरण और सूखे के रूप में पड़ रहा है।
![हिमालय बचाओ आन्दोलन-घोषणापत्र](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-04/Him_0.jpeg?itok=alFvFpXr)
मेरा प्रार्थनामय उपवास : सुन्दरलाल बहुगुणा
Posted on 05 Apr, 2024 11:32 AMस्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती के वर्ष में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के शुभ दिन पर राष्ट्र और करोड़ों लोगों के जीवन को असुरक्षित बनाने, आर्थिक दृष्टि से दिवालिया, सामाजिक दृष्टि से विषमता और विघटन बढ़ाने, पर्यावरणीय तबाही लाने और हमारी संस्कृति और आस्थाओं को कुचलने वाले टिहरी बांध के मौजूदा स्वरूप को कायम रखने की हठधर्मी को उजागर करने के लिए मैंने उपवास करने का निश्चय किया है।
![सुन्दरलाल बहुगुणा,Pc-Wikipedia](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-04/The_President%2C_Smt._Pratibha_Devisingh_Patil_presenting_Padma_Vibhushan_Award_to_Shri_Sunderlal_Bahuguna_at_the_Civil_Investiture_Ceremony%2C_at_Rashtrapati_Bhavan%2C_in_New_Delhi_on_April_14%2C_2009.jpg?itok=7NThB6UM)
निर्माणाधीन टिहरी बांध में भूकंपीय खतरे और भ्रष्टाचार
Posted on 04 Apr, 2024 11:46 AMटिहरी बाँध में जो समस्या है, उसके संबंध में सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। कितने ही खतरे वहाँ पर बांध बनाने में हैं। पूरा उत्तर प्रदेश और यह क्षेत्र भी जल-प्लावन में इससे जा सकता है, यदि भूकंप और भूचाल आए। रशियन एक्सपर्टस ने इसकी एक रिपोर्ट भी दी थी, परन्तु उसके ऊपर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।सुन्दर लाल बहुगुणा, देश में एक विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे कई दफे भूख हड़ताल पर बैठे।
![निर्माणाधीन टिहरी बांध में भूकंपीय खतरे और भ्रष्टाचार](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-04/tehri%20dam.jpeg?itok=rYu-7d0D)