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नदियां
जन सुनवाई में जनता से खतरा क्यों
Posted on 01 Mar, 2019 10:42 PM27 फरवरी, 2019। जखोल साकरी बाँध, सुपिन नदी, जिला उत्तरकाशी, उत्तराखण्ड की 01 मार्च, 2019 को दूसरी पर्यावरणीय जनसुनवाई की घोषणा हुई है। इस बार जनसुनवाई का स्थल परियोजना स्थल क्षेत्र से 40 किलोमीटर दूर है। यह मोरी ब्लॉक में रखी गई है ताकि वह जनविरोध से बच जाए। सरकार ने प्रभावितों को उनकी भाषा में आज तक भी जानकारी नहीं दी जो कि वे आसानी से कर सकते थे।128 दिन के लम्बे उपवास पर सरकार गम्भीर नहीं
Posted on 28 Feb, 2019 05:44 PM15 दिन की जाँच समिति अस्वीकार
जखोल साकरी बाँध: बिना जानकारी पुलिस के साये में जनसुनवाई
Posted on 28 Feb, 2019 02:43 PMप्रकृति तब सबसे अधिक सुन्दर दिखती है, जब फिजा में बसन्ती हवा की खुशबू फैलने लगती है और पेड़-पौधें यहाँ तक कि हर एक पत्ता अलमस्त धूप में खिलखिलाने लगता है। तभी तो चित्रकार की कूची सबसे अधिक बसन्त ऋतु में ही प्रकृति के चित्र उकेरती है…उद्गम स्थल पर ही मैली हो रही रिस्पना
Posted on 21 Jan, 2019 04:59 PM मसूरी: रिस्पना नदी के उद्गम स्थल में क्षेत्र के कई बड़े होटलों और स्कूलों ने अपना सीवर डाल दिया है। जिससे रिस्पना को पुनर्जीवित करने का प्रयास प्रभावित हो रहा है। पिछले साल मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रिस्पना से ऋषि पर्णा अभियान के तहत रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने का प्रयास शुरू किया था।
पुरी में मिले लुप्त हो चुकी नदी के निशान
Posted on 09 Aug, 2018 04:10 PMनई दिल्ली: भारतीय वैज्ञानिकों के ताजा अध्ययन में ओडिशा के पुरी शहर में पानी के एक पुराने प्रवाह मार्ग के निशान मिले हैं, जिसके बारे में शोधकर्ताओं का मानना है कि ये निशान लुप्त हो चुकी सारदा नदी के हो सकते हैं, जिसका उल्लेख ऐतिहासिक ग्रन्थ
भारत के परम्परागत समाज की नजर में नदी
Posted on 04 Aug, 2018 12:36 PMभारतीय समाज, नदियों के प्रति आदर भाव रखने वाला परम्परागत समाज है। वह नदी की पूजा करता है। उन्हें माता कहता है। पूरी श्रद्धा से पवित्र नदियों में सिक्के अर्पित करता है। उन्हें पूरी श्रद्धा से प्रणाम करता है। उन्हें भारतीय संस्कृति के उद्भव और विकास का आधार मानता है। नद
थमने का नाम नहीं ले रही आफत की बारिश
Posted on 29 Jul, 2018 01:59 PMलगातार हो रही बारिश के कारण केदारनाथ में भी हालात बदतर होने लगे हैं। बारिश के कारण जहाँ केदारनाथ यात्रा प्
गंगा जल की गुणवत्ता से सम्बन्धित डिस्प्ले बोर्ड लगाएँ : एनजीटी
Posted on 28 Jul, 2018 02:12 PM
हरिद्वार से उत्तर प्रदेश के उन्नाव तक गंगा जल की गिरती गुणवत्ता को आड़े हाथों लेते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नेशनल मिशन टू क्लीन गंगा (एनएमसीजी) को कड़ा निर्देश जारी किया है। ग्रीन पैनल ने कहा है कि एनएमसीजी हर 100 किलोमीटर के अन्तराल पर डिस्प्ले बोर्ड लगवाए जिस पर लिखा होना चाहिए कि नदी का पानी पीने और स्नान करने योग्य है अथवा नहीं।