नदियां

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April 18, 2024 As the demand for water from the Hindu Kush Himalaya region is expected to rise due to population growth, the impacts of temperature increases, and development requirements, researchers emphasise the urgent need to enhance scientific collaboration and rejuvenate existing treaties and governance structures.
Rivers of destiny (Image: Vikramjit Kakati/Wikimedia Commons; CC BY-SA 3.0 DEED)
February 20, 2024 This study predicts that sewage will become the dominant source of nitrogen pollution in rivers due to urbanisation and insufficient wastewater treatment technologies and infrastructure in worse case scenario projections in countries such as India.
The polluted river Yamuna at Agra (Image Source: India Water Portal)
October 16, 2023 अब वह दिन दूर नहीं कि गंगाजल की तरह सरयू जल को भी बोतल में सुरक्षित किया जा सकेगा और वह खराब नहीं होगा।सरयू नदी में पाए जाने वाले जीवाणु एवं विषाणुओं पर अध्ययन हेतु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग की आर्थिक सहायता प्राप्त की है। इनके निर्देशन में शोध छात्रों द्वारा अस्पताल में संक्रमण करने वाले जीवाणुओं की पहचान और उनकी एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बनने पर अध्ययन किया जा रहा है।
गंगा नदी,गंगोत्री
October 8, 2023 While the current push for legal personhood for rivers is facing obstacles and is stalled, it holds potential as a viable long-term strategy for the preservation of India's rivers
River quality deteriorates as demand for hydropower to support economic growth continues to expand. (Image: Yogendra Singh Negi, Wikimedia Commons; CC BY-SA 4.0 DEED)
July 18, 2023 पश्चिमबंगाल पंचायत चुनाव-2023 में पर्यावरण एक बड़ा अहम मुद्दा बना। नदी और पर्यावरण राजनीतिक दलों के एजेंडे से कहीं अधिक आम लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने।
पश्चिमबंगाल पंचायत चुनाव
June 17, 2023 सहस्त्रधारा-बाल्दी नदी के किनारे के धनौला गांव में नदी पर अवैध निर्माण गतिविधियों के मुद्दे को सबसे पहले याचिकाकर्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने उठाया था, जिनका इस साल 6 मार्च 2023 को निधन हो गया। उनके पति केसर सिंह अब सहस्त्रधारा-बाल्दी नदी मामले की पैरवी कर रहे हैं।

सहस्त्रधारा-बाल्दी नदी पर अतिक्रमण,फोटो सभागार:- केसर सिंह
बे-पानी बड़वानी के पड़ोस में सूखती नर्मदा
बड़वानी, नर्मदा तट के अनेक शहरों में से एक हैं जो नर्मदा के पानी पर जीता रहा है। यहां पीने, सिंचाई और निस्तार के दूसरे जरूरी उपयोगों के लिए नर्मदा से पंप या 'इंटेकवेल' के जरिए पानी लिया जाता रहा है। शहरवासी अन्न से लेकर श्रमिकों के श्रम तक हर अपरिहार्य पूंजी और वस्तुएं ग्रामीण क्षेत्रों से लाते हैं Posted on 20 Jun, 2023 12:03 PM

पिछले कुछ महीनों से नर्मदा को 'मातेसरी' मानने वाली, पूजने वाली, परिक्रमावासियों का स्वागत, सम्मान करने वाली, बड़वानी जैसे नर्मदा से कुल 5 किलोमीटर दूर के शहर की जनता हैरान है। कुछ दिनों से अलग-अलग समूह 'जल' के लिए तड़पते और आवाज उठाते रहे हैं। क्या जनता पिछले 37 सालों से दी जा रही नर्मदा - आंदोलनकारियों की चेतावनी समझकर अब जागृत हुई है?

बे-पानी बड़वानी के पड़ोस में सूखती नर्मदा,pc-Zeenews
सहस्त्रधारा-बाल्दी नदी के सभी कब्जे हटाए जाएं - एनजीटी
सहस्त्रधारा-बाल्दी नदी के किनारे के धनौला गांव में नदी पर अवैध निर्माण गतिविधियों के मुद्दे को सबसे पहले याचिकाकर्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने उठाया था, जिनका इस साल 6 मार्च 2023 को निधन हो गया। उनके पति केसर सिंह अब सहस्त्रधारा-बाल्दी नदी मामले की पैरवी कर रहे हैं।

Posted on 17 Jun, 2023 05:06 PM

5 जून 2023, देहरादून,

सहस्त्रधारा-बाल्दी नदी पर अतिक्रमण,फोटो सभागार:- केसर सिंह
धीरे-धीरे निर्मल होगी धारा
नदियाँ प्रकृति द्वारा मनुष्य को दिया हुआ ऐसा क्रेडिट कार्ड है जिससे मनुष्य अनगिनत फायदे लेता है और इन फायदों को लेने के बाद नदी से ली गई सौगातों को जिम्मेदारीपूर्वक लौटाने की बजाय डिफॉल्टर की श्रेणी में आकर खड़ा हो जाता है। Posted on 06 Jun, 2023 12:48 PM

पिछले अंक में हमने नदियों की निर्मलता पर बात की और यह समझने की कोशिश की कि नदियों की निर्मलता क्यों जरूरी है? साथ ही हमनें औद्योगिक प्रदूषण, बढ़ते शहरीकरण और शहरी अपशिष्ट निदान के नदी पर दुष्प्रभाव और कृषि में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के नदी पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बात की। आइए इस अंक में यह समझने की कोशिश करते हैं कि नदियों की निर्मल धारा कैसी होती है?

धीरे-धीरे निर्मल होगी धारा,PC-Sivana East
क्यों रुक गई बहती धारा 
नदी की सबसे छोटी और साधारण परिभाषा है वो जलधारा जो अपने  उदगम से गतव्य तक खुद ब खुद पहुंच जाएं, कभी हिमखंडों से पिघलकर कभी पहाड़ों से उत्तरकर चट्टानों को काटकर नदियां अपनीयात्रा पूरी कर मंजिल तक पहुंच जाती है। नदी की धारा को प्रकृति ने अविरलता दी है। Posted on 06 Jun, 2023 11:57 AM

प्रज्ञाम्बु के पांचवें अंक में हम बात करेंगे नदियों की अविरलता के बारे में नदी का जिक्र आते ही हमारे जहन में बहते हुए पानी की तस्वीर उभरती है। बहती हुई नदियां अब हमारे इतिहास का हिस्सा बनने लगी हैं, बर्तमान में हमारे देश की कई विशाल नदियां झीलों की एक श्रृंखला में परिवर्तित हो रही है। नदी का ठहर जाना, नदी की मूलप्रवृत्ति के विपरित है। इसी क्रम में अविरलता और ठहराव को समझने के लिए प्रज्ञाम्बु का

क्यों रुक गई बहती धारा,PC-MYD
नदी संरक्षण एवं विकास सीमाओं का महत्व
भारत में गंगा जैसी विशाल नदी के घाटी प्रबंधन की योजना निर्माण का प्रथम सफल प्रयास आईआईटी संघ के द्वारा किया गया, आईआईटी संघ ने नदी के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तृत चर्चा कर अनेक विशेष रिपोर्ट के माध्यम से सरकार एवं अन्य हितधारकों को इसके बारे में जानकारियाँ संकलित कर प्रस्तुत की। Posted on 05 Jun, 2023 04:59 PM

प्रज्ञाम्बु के प्रथम संस्करण में हमने नदी घाटी प्रबंधन, नदी पुनरुद्धार  एवं संरक्षण, प्राथमिकता एवं हितधारकों की भूमिका के बारे में समझने ज्ञान के आधार पर ही सक्षम स्तर पर वार्ता एवं समझौते वाले निर्णयों का एक प्रयास किया। इस क्रम मे हमने यह जाना कि नदी घाटी का निर्धारण किया जा सकता है। प्रथम संस्करण में चर्चा किये गए प्रबंधन एवं नदी संरक्षण के कार्यों में घाटी क्षेत्र की सम्पूर्ण जानकारी जो कि

नदी संरक्षण एवं विकास सीमाओं का महत्व,Pc-conservationgateway
परंपरा, विज्ञान, तर्क और हमारी नदियाँ
नदियों पर प्रतिमा विसर्जन से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है लेकिन यह नदियों के प्रदूषण के वृहद कारणों के समक्ष बहुत सूक्ष्म हैं नदियों के किनारे इन रिवाजों से संबंधित क्रियाकलाप प्रत्यक्ष नजर आने की वजह से इन्हें प्रदूषण का प्रमुख कारण मान लिया जाता है। जिसके चलते कई बार प्रदूषण के वृहद कारकों की ओर से ध्यान हट जाता है। इस तथ्य पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है कि त्योहार और उनसे संबंधित परंपराएं जैसे प्रतिमा विसर्जन वर्ष में एक बार निभाई जाती है। Posted on 05 Jun, 2023 04:01 PM

भारतीय संस्कृति में नदियाँ जीवन के हर रंग और रस में मनुष्य का साथ निभाती हैं। माहौल उत्सव का हो या शोक का दोनों ही स्थितियों में मनुष्य नदी के सान्निध्य में पहुंच जाता है। नदियों से हम बहुत कुछ लेते हैंऔर बदले में ऐसी कई चीजें नदी को अर्पित कर देते हैं, जो कभी ईश्वर के प्रति प्रेम को व्यक्त करने का माध्यम बनी थी - जैसे फूल । त्योहारों के समय नदियों के समीप होने वाले यह क्रियाकलाप सामूहिक रूप से

परंपरा, विज्ञान, तर्क और हमारी नदियाँ, Pc-DH
क्यों चाहिए निर्मल धारा
भारतीय संस्कृति में नदी और मनुष्य के बीच बहुत गहरा रिश्ता रहा है। रिश्ता आज भी कायम है लेकिन नदियों के प्रति रवैया बदल चुका है। नदियों के प्रति हमारा रवैया वैसा ही है, जैसा कई अन्य महत्त्वपूर्ण पहलूओं की ओर है-वैचारिक स्तर पर पूजनीय और आचरण के स्तर पर उपेक्षित यही कारण है कि हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारे गांव से बहने वाली कोई नदी खत्म हो चुकी है।
Posted on 03 Jun, 2023 03:34 PM

नदियाँ मनुष्य को सदैव आकर्षित करती हैं। कभी हम उन्हें देवी समझकर पूजने जाते हैं तो कभी सखी समझकर अटखेलियां करने कुछ समय नदी किनारे व्यतीत करने के बाद हम लौट आते हैं अपनी जिंदगी में फिर किसी दिन समाचार में नदी और उसे साफ करने की कोशिशें एवं उसकी स्वछता के लिए चलाये जाने वाले अभियान देखने को मिलते हैं। एक बार फिर हम नदी को खबर में ही छोड़ देते हैं क्योंकि नदी की धारा निर्मल हो या ना हो इससे हमें

क्यों चाहिए निर्मल धारा,Pc-Sadhguru
एक विशाल नदी के बनने में कई हजार छोटी नदियों का होता है योगदान
बड़ी एवं विशाल नदियों मे आने वाले जल कि मात्रा समय के साथ घटती गई है, कावेरी, कृष्णा एवं नर्मदा जैसी देश की कुछ प्रमुख नदियों में विगत शताब्दी में जल की मात्रा बहुत प्रभावित हुई है। इस सब के पीछे बेसिन क्षेत्र एवं इन नदियों मे जल लाने वाली छोटी नदियों मे हुए मानव जनित परिवर्तन प्रमुख कारण माना जा सकता है। नदी संरक्षण के प्रारंम्भिक प्रयासों में भी छोटी नदियों की अपेक्षा बड़ी  एवं विशाल नदियों की मुख्य धारा को ही अधिक महत्व दिया गया।
Posted on 03 Jun, 2023 12:19 PM

विगत कुछ वर्षों को छोड़कर नदी संरक्षण पर देश विदेश में किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा से ज्ञात होता है कि यह प्रयास मुख्यतः बड़ी नदियों पर समग्र रूप से केंद्रित रहे है जो कि अनेक विविध कारणों से संभवतः बहुत अधिक प्रभावी एवं सफल नहीं हो पाए।गंगा नदी के उदाहरण से ही समझा जा सकता है कि जो प्रयास मुख्य धारा  (गंगा) को संरक्षित करने के लिए आवश्यक है उनको फलीभूत करने के लिए केंद्र सरकार से धन एवं ससाध

एक विशाल नदी के बनने में कई हजार छोटी नदियां का होता है योगदान, Pc-vivacepanorama
छोटी नदियाँ, बड़ी उम्मीदें
हम यदि आज प्रयास करेंगे तो कल नदियाँ जीवित रहेगी और यदि नदियाँ जीवित रहेगी तो मनुष्य का अस्तित्व भी सुरक्षित रहेगा। यहाँ हम बात करेंगे उन छोटी नदियों को, जिनके नाम तक आज हम भूलने लगे हैं। ये छोटी नदियों हमारे जनतंत्र का महत्वपूर्ण अंग है। Posted on 02 Jun, 2023 12:15 PM

नदियाँ प्रकृति का मानवता को अनमोल तोहफा है। विश्व में नदियों के किनारे सभ्यताएं विकासित हुई। आज वही नदियाँ अपने अस्तित्व के लिए मनुष्य से सभ्य आचरण की उम्मीद कर रही है।  नदी और मनुष्य का अस्तित्व पारस्परिक सहजीविता की तरह एक-दूसरे पर निर्भर है। हम यदि आज प्रयास करेंगे तो कल नदियाँ जीवित रहेगी और यदि नदियाँ जीवित रहेगी तो मनुष्य का अस्तित्व भी सुरक्षित रहेगा।

छोटी नदियाँ,बड़ी उम्मीदें,Pc-lovepik
हिंडन की कायाकल्प के लिए 407.39 करोड़ खर्च करेगी सरकार
शामली जिले में यमुना नदी की सहायक नदी हिंडन की स्वछता के लिए 407.39 करोड़ की चार परियोजनाएं की स्वीकृती दी गई है। ये परियोजनाएं व्यापक रूप से  हिंडन कायाकल्प योजना का हिस्सा हैं।
Posted on 19 Apr, 2023 02:03 PM

हिंडन नदी
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