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नदियां
बे-पानी बड़वानी के पड़ोस में सूखती नर्मदा
Posted on 20 Jun, 2023 12:03 PMपिछले कुछ महीनों से नर्मदा को 'मातेसरी' मानने वाली, पूजने वाली, परिक्रमावासियों का स्वागत, सम्मान करने वाली, बड़वानी जैसे नर्मदा से कुल 5 किलोमीटर दूर के शहर की जनता हैरान है। कुछ दिनों से अलग-अलग समूह 'जल' के लिए तड़पते और आवाज उठाते रहे हैं। क्या जनता पिछले 37 सालों से दी जा रही नर्मदा - आंदोलनकारियों की चेतावनी समझकर अब जागृत हुई है?
![बे-पानी बड़वानी के पड़ोस में सूखती नर्मदा,pc-Zeenews](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/%20%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%96%E0%A4%A4%E0%A5%80%20%E0%A4%A8%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%A6%E0%A4%BE.png?itok=BCkZvnDU)
सहस्त्रधारा-बाल्दी नदी के सभी कब्जे हटाए जाएं - एनजीटी
Posted on 17 Jun, 2023 05:06 PM5 जून 2023, देहरादून,
![सहस्त्रधारा-बाल्दी नदी पर अतिक्रमण,फोटो सभागार:- केसर सिंह](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/%E0%A4%B8%E0%A4%B9%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE-%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%80%20%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A5%80%20%E0%A4%95%E0%A5%87%20%E0%A4%B8%E0%A4%AD%E0%A5%80%20%E0%A4%95%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%9C%E0%A5%87%20%E0%A4%B9%E0%A4%9F%E0%A4%BE%E0%A4%8F%20%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%82%20-%20%E0%A4%8F%E0%A4%A8%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%9F%E0%A5%80.jpg?itok=qfc7ZLOA)
धीरे-धीरे निर्मल होगी धारा
Posted on 06 Jun, 2023 12:48 PMपिछले अंक में हमने नदियों की निर्मलता पर बात की और यह समझने की कोशिश की कि नदियों की निर्मलता क्यों जरूरी है? साथ ही हमनें औद्योगिक प्रदूषण, बढ़ते शहरीकरण और शहरी अपशिष्ट निदान के नदी पर दुष्प्रभाव और कृषि में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के नदी पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बात की। आइए इस अंक में यह समझने की कोशिश करते हैं कि नदियों की निर्मल धारा कैसी होती है?
![धीरे-धीरे निर्मल होगी धारा,PC-Sivana East](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/GANAG%20RIVER.jpg?itok=evt_Ls5U)
क्यों रुक गई बहती धारा
Posted on 06 Jun, 2023 11:57 AMप्रज्ञाम्बु के पांचवें अंक में हम बात करेंगे नदियों की अविरलता के बारे में नदी का जिक्र आते ही हमारे जहन में बहते हुए पानी की तस्वीर उभरती है। बहती हुई नदियां अब हमारे इतिहास का हिस्सा बनने लगी हैं, बर्तमान में हमारे देश की कई विशाल नदियां झीलों की एक श्रृंखला में परिवर्तित हो रही है। नदी का ठहर जाना, नदी की मूलप्रवृत्ति के विपरित है। इसी क्रम में अविरलता और ठहराव को समझने के लिए प्रज्ञाम्बु का
![क्यों रुक गई बहती धारा,PC-MYD](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/Rudraprayag%20-RIVER.jpg?itok=414dN8IX)
नदी संरक्षण एवं विकास सीमाओं का महत्व
Posted on 05 Jun, 2023 04:59 PMप्रज्ञाम्बु के प्रथम संस्करण में हमने नदी घाटी प्रबंधन, नदी पुनरुद्धार एवं संरक्षण, प्राथमिकता एवं हितधारकों की भूमिका के बारे में समझने ज्ञान के आधार पर ही सक्षम स्तर पर वार्ता एवं समझौते वाले निर्णयों का एक प्रयास किया। इस क्रम मे हमने यह जाना कि नदी घाटी का निर्धारण किया जा सकता है। प्रथम संस्करण में चर्चा किये गए प्रबंधन एवं नदी संरक्षण के कार्यों में घाटी क्षेत्र की सम्पूर्ण जानकारी जो कि
![नदी संरक्षण एवं विकास सीमाओं का महत्व,Pc-conservationgateway](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/River%20conservation.jpg?itok=h06Qr8Vd)
परंपरा, विज्ञान, तर्क और हमारी नदियाँ
Posted on 05 Jun, 2023 04:01 PMभारतीय संस्कृति में नदियाँ जीवन के हर रंग और रस में मनुष्य का साथ निभाती हैं। माहौल उत्सव का हो या शोक का दोनों ही स्थितियों में मनुष्य नदी के सान्निध्य में पहुंच जाता है। नदियों से हम बहुत कुछ लेते हैंऔर बदले में ऐसी कई चीजें नदी को अर्पित कर देते हैं, जो कभी ईश्वर के प्रति प्रेम को व्यक्त करने का माध्यम बनी थी - जैसे फूल । त्योहारों के समय नदियों के समीप होने वाले यह क्रियाकलाप सामूहिक रूप से
![परंपरा, विज्ञान, तर्क और हमारी नदियाँ, Pc-DH](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/Ganga%20river%20.jpg?itok=aLxNXvDV)
क्यों चाहिए निर्मल धारा
Posted on 03 Jun, 2023 03:34 PMनदियाँ मनुष्य को सदैव आकर्षित करती हैं। कभी हम उन्हें देवी समझकर पूजने जाते हैं तो कभी सखी समझकर अटखेलियां करने कुछ समय नदी किनारे व्यतीत करने के बाद हम लौट आते हैं अपनी जिंदगी में फिर किसी दिन समाचार में नदी और उसे साफ करने की कोशिशें एवं उसकी स्वछता के लिए चलाये जाने वाले अभियान देखने को मिलते हैं। एक बार फिर हम नदी को खबर में ही छोड़ देते हैं क्योंकि नदी की धारा निर्मल हो या ना हो इससे हमें
![क्यों चाहिए निर्मल धारा,Pc-Sadhguru](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/GangaRiver.png?itok=d6CPYz4R)
एक विशाल नदी के बनने में कई हजार छोटी नदियों का होता है योगदान
Posted on 03 Jun, 2023 12:19 PMविगत कुछ वर्षों को छोड़कर नदी संरक्षण पर देश विदेश में किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा से ज्ञात होता है कि यह प्रयास मुख्यतः बड़ी नदियों पर समग्र रूप से केंद्रित रहे है जो कि अनेक विविध कारणों से संभवतः बहुत अधिक प्रभावी एवं सफल नहीं हो पाए।गंगा नदी के उदाहरण से ही समझा जा सकता है कि जो प्रयास मुख्य धारा (गंगा) को संरक्षित करने के लिए आवश्यक है उनको फलीभूत करने के लिए केंद्र सरकार से धन एवं ससाध
![एक विशाल नदी के बनने में कई हजार छोटी नदियां का होता है योगदान, Pc-vivacepanorama](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/river.jpg?itok=UX5iGw7y)
छोटी नदियाँ, बड़ी उम्मीदें
Posted on 02 Jun, 2023 12:15 PMनदियाँ प्रकृति का मानवता को अनमोल तोहफा है। विश्व में नदियों के किनारे सभ्यताएं विकासित हुई। आज वही नदियाँ अपने अस्तित्व के लिए मनुष्य से सभ्य आचरण की उम्मीद कर रही है। नदी और मनुष्य का अस्तित्व पारस्परिक सहजीविता की तरह एक-दूसरे पर निर्भर है। हम यदि आज प्रयास करेंगे तो कल नदियाँ जीवित रहेगी और यदि नदियाँ जीवित रहेगी तो मनुष्य का अस्तित्व भी सुरक्षित रहेगा।
![छोटी नदियाँ,बड़ी उम्मीदें,Pc-lovepik](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/%E0%A4%9B%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A5%80%20%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%81.jpg?itok=DJmzMhBB)