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सफलता की कहानियां और केस स्टडी
अकोलनेर में फिर फूल खिले
Posted on 18 Jun, 2009 12:44 PMतीन साल तक सूखे की मार झेलने के बाद अकोलनेर गांव के लोगों ने 2005 में फिर से आकर्षक फूलों की खेती शुरू कर दी है. एक किसान रघु थांगे ने इस वित्तीय वर्ष में क्रयसेंथेमम्स से 5 लाख रुपए कमाए हैं. अपनी 5 हेक्टेयर जमीन वाली प्लॉट पर उसने 15 मीटर गहरा कुआं खुदवा लिया है, जिसमें 6-8 मीटर पानी भरा रहता है.
सूखी होली..
Posted on 04 Feb, 2009 07:33 AMसूखी होली खेलने से बच सकता है पानी
नई दिल्ली, पानी की कमी को देखते हुए लोगों को चाहिए कि वह सूखी होली खेलें. इस तरह वह जल संरक्षण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. यह अच्छी बात है कि सामाजिक संस्थाएं और आमजन इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं.
सुनीता नारायण की क्लास
Posted on 31 Jan, 2009 05:37 PMशिमला, हिमाचल प्रदेश पानी की हर बूंद के सदुपयोग के साथ-साथ पेड़ के हर पत्ते की अहमियत बताकर दुनिया के सामने आदर्श बनने की राह पर है। पर्यावरण संरक्षण की अगली कड़ी में राज्य सरकार अपने हरेक विधायक को कार्बन न्यूट्रल राज्य बनाने का पाठ पढ़ाने जा रही है। इस दिशा में खुद पहल की है मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने। शिमला में शुक्रवार को सचिवालय में राज्य के सभी विधायकों को पर्यावरण विशेषज्ञ इस मामले मेंपानी मसले पर बनाएं कमेटी
Posted on 12 Dec, 2008 10:18 AMभास्कर न्यूज/ राजधानी हरियाणा. सफाई व पीने के पानी की सुचारु व्यवस्था पर पंजाब व हरियाणा सरकार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य व जिला स्तर पर कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। चीफ जस्टिस तीर्थ सिंह ठाकुर व जस्टिस सूर्यकांत की खंडपीठ ने राज्यों के मुख्य सचिव को राज्य स्तरीय व डिप्टी कमिश्नर को जिला स्तरीय कमेटी का हेड बनाए जाने के निर्देश दिए हैं।पानी है..पनाह चाहिए
Posted on 12 Dec, 2008 07:25 AMभास्कर न्यूज/इंदौर। तालाबों के गहरीकरण के लिए यह समय मुनासिब है, यदि समय रहते इनकी गाद निकालकर ढांचे में जरूरी बदलाव कर दिए जाए तो शहर से पानी की किल्लत हमेशा के लिए दूर हो सकती है। शहर में चार प्रमुख तालाब हैं, जिनमें से केवल यशवंत सागर ही पानी की 15 फीसदी जरूरत पूरी करता है।
पानी है..पनाह चाहिए
Posted on 12 Dec, 2008 07:25 AMभास्कर न्यूज/इंदौर। तालाबों के गहरीकरण के लिए यह समय मुनासिब है, यदि समय रहते इनकी गाद निकालकर ढांचे में जरूरी बदलाव कर दिए जाए तो शहर से पानी की किल्लत हमेशा के लिए दूर हो सकती है। शहर में चार प्रमुख तालाब हैं, जिनमें से केवल यशवंत सागर ही पानी की 15 फीसदी जरूरत पूरी करता है।पानी है..पनाह चाहिए
Posted on 12 Dec, 2008 07:20 AMभास्कर न्यूज/इंदौर। तालाबों के गहरीकरण के लिए यह समय मुनासिब है, यदि समय रहते इनकी गाद निकालकर ढांचे में जरूरी बदलाव कर दिए जाए तो शहर से पानी की किल्लत हमेशा के लिए दूर हो सकती है। शहर में चार प्रमुख तालाब हैं, जिनमें से केवल यशवंत सागर ही पानी की 15 फीसदी जरूरत पूरी करता है।खोल दें बूंदों का खजाना
Posted on 10 Dec, 2008 07:07 AMभास्कर न्यूज, इंदौर। पांच लोगों के औसत परिवार को प्रतिदिन १२0 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। शहर में मौजूद पारंपरिक जल स्रोतों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया जाए तो निगम द्वारा आने वाले समय में तीन दिनों में पानी देने की घोषणा रद्द हो सकती है। जरूरत है सिर्फ इनकी जलस्रोतों की सफाई के बाद इन्हें निगम की वाटर सप्लाई से जोड़ने की।
पहाड़ के माथे पर पानी से तिलक
Posted on 13 Oct, 2008 10:05 AMमहालिंगा नाईक पोथी की इकाई-दहाई नहीं जानते लेकिन उन्हें पता है कि बूंदों की इकाई-दहाई सैकड़ा हजार और फिर लाख-करोड़ में कैसे बदल जाती है।
58 साल के अमई महालिंगा नाईक कभी स्कूल नहीं गये। उनकी शिक्षा दीक्षा और समझ खेतों में रहते हुए ही विकसित हुई। इसलिए वर्तमान शिक्षा प्रणाली के वे घोषित निरक्षर हैं। लेकिन दक्षिण कन्नडा जिले के अडयानडका में पहाड़ी पर 2 एकड़ की जमीन पर जब कोई उनके पानी के काम को देखता है तो