सफलता की कहानियां और केस स्टडी

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स्वच्छ बड़ा मंगल,आस्था संग पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छता की पहल
लखनऊ का गौरव लक्ष्मणपुरी होने में लक्ष्मणपुरी का गौरव श्री राम भक्त हनुमान के होने में हैं और हनुमानजी का गौरव लक्ष्मणपुरी के ज्येष्ठ मास में आयोजित होने वाले बड़े मंगल के भंडारों में है। Posted on 28 Jul, 2023 11:48 AM

लखनऊ में ज्येष्ठ मास के प्रत्येक मंगल को गली-गली, चौराहे चौराहे पर हनुमानजी की स्मृति में बड़े-बड़े भंडारों का आयोजन होता है। यह भंडारे आस्था के प्रतीक हैं। भक्ति के प्रतीक हैं। श्रद्धा के प्रतीक हैं। निष्ठा के प्रतीक हैं। सेवा और समर्पण के प्रतीक हैं। अब आवश्यकता है बड़े मंगल के भंडारे व्यवस्था के प्रतीक बनें। स्वच्छता के प्रतीक बनें। पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक बनें। सम्पूर्ण समाज को संस्कार औ

भंडारों का आयोजन,PC-नीड़ पिक्स
नदी की जुताई
जिलाधिकारी असीम कुमार गुप्ता ने नदी जुताई के इस अभिनव प्रयोग के शिल्पकार जानकार मोतीलाल पटेल को "वॉटर मॅन ऑफ शहादा" से सम्मानित किया। Posted on 25 Jul, 2023 12:17 PM

नदी की जुताई कर जलस्तर ५०० फुट से ८० फुट तक आया।महाराष्ट्र के शहादा तहसील की घटना अवश्य पढ़ें व अपने गाँव मे भी अमल करें! खेत की जुताई करना पड़ता है यह बात सभी को मालूम है पर नदी की जुताई करना – ये सुनकर अटपटा लगता है?  २० वर्ष पूर्व की बात है जो आज मूल्यवान लगती है।

जुलाई का पहला पानी ,PC-विकिपीडिया
गोचर का प्रसाद बांटता लापोड़िया-भाग 2
बरसात होते ही पूरे गांव के बैल चौइली में भेजे जाते थे। यहां प्राकृतिक चारा उपलब्ध होता था। पचास बीघे की इस चौइली में किसी एक परिवार के नहीं, जमींदार या ठिकानेदार परिवार के नहीं बल्कि गांव के सभी परिवारों के बैल छोड़े जाते थे। बरसात में उठा यह चारा दीपावली तक थोड़ा कमजोर हो जाता था। उसके बाद चौइलो के बैल बीड़ में भेजे जाते और बैलों से खाली हुई चौइली में अब गाय और बकरी की बारी आती। Posted on 19 Jul, 2023 03:05 PM

गोचरः सम्पूर्ण का एक अंश

आज जब गोचर की तरफ फिर से ध्यान जा रहा है, तब इस बात की भी याद दिलाना चाहिए कि हमारे ग्रामीण समाज ने अपने पशुओं की देखरेख के लिए एक सुविचारित ढांचा खड़ा किया था। गोचर उसका एक हिस्सा था।लापोड़िया का ही इतिहास देखें तो पता चलता है कि यहां लगभग 320 बीघे में गोचर के अलावा इसी से मिलते जुलते काम के लिए एक छोटा बीड़, एक बड़ा बीड़ और चौइली नामक

चौका
40 साल में अकेले खोद डाला तालाब गांव में पानी का इंतजाम करके ही लिया दम
40 वर्षों के प्रयास में उन्होंने अपने दम पर एक विशाल तालाब खोद डाला। Posted on 12 Jul, 2023 12:32 PM

झारखंड के चुम्बरू तामसोय ने अपनी जिद और जुनून से गांव की तस्वीर बदल दी। चम्बरू को 1975 में सूखा पड़ने के कारण पलायन करना पड़ा। वापस लौटने के बाद तालाब खोदना शुरू किया। 

40 वर्षों के प्रयास में उन्होंने अपने दम पर एक विशाल तालाब खोद डाला,PC-लोक सम्मान
जल संरक्षण भारत के युवाओं के हाथ में समाधान का नेतृत्व 
पानी की कमी पूरी दुनिया में एक प्रमुख चुनौती है और भारत भी इसका अपवाद नहीं है। आबादी बढ़ने के साथ- साथ उद्योगों का विस्तार होता है और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बढ़ता है। इससे पानी की माँग तेजी से बढ़ रही है। हालाँकि इस परिदृश्य के बीच भारत के युवा एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में उभरे हैं
Posted on 24 Jun, 2023 03:17 PM

 पानी की कमी पूरी दुनिया में एक प्रमुख चुनौती है और भारत भी इसका अपवाद नहीं है। आबादी बढ़ने के साथ- साथ उद्योगों का विस्तार होता है और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बढ़ता है। इससे पानी की माँग तेजी से बढ़ रही है। हालाँकि इस परिदृश्य के बीच भारत के युवा एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में उभरे हैं, जो एक स्टेनेबल भविष्य के लिए इस बहुमूल्य संसाधन को संरक्षित करने का नेतृत्व कर रहे हैं।

जल संरक्षण भारत के युवाओं के हाथ में समाधान का नेतृत्व ,PC-cbcindia
गन्ने की यंत्रीकृत खेती हेतु उप-सतही ड्रिप फर्टिगेशन प्रणाली
गन्ने की खेती की पारंपरिक विधि में इस समस्या को दूर करने के लिए और गन्ने की खेती को एक लाभदायक फसल बनाने के लिए गन्ने की यंत्रीकृत खेती हेतु उप-सतही ड्रिप फर्टिगेशन प्रणाली पर एक उन्नत तकनीक तमिलनाडू कृषि विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2008 के दौरान विकसित की गई। Posted on 09 Jun, 2023 04:31 PM

सफलता की गाथा

तमिलनाडु में गन्ना सबसे महत्त्वपूर्ण व्यावसायिक फसलों में से एक है जिसकी 85 टन/ हेक्टेयर की औसत उत्पादकता के साथ लगभग 3.0 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की जाती है। वर्तमान जल संकट की स्थिति को देखते हुए गन्ना की उत्पादकता प्रति इकाई सिंचाई जल प्रयोग को बढ़ाने हेतु सिंचाई के पानी का दक्ष उपयोग करना एक महत्वपूर्ण उपाय बन जाता है। गन्ना उत्पादक किसान

उप-सतही ड्रिप फर्टिगेशन प्रणाली Pc-कृषि जागरण
पानी के लिए अब जरधोबा में नहीं होती लड़ाइयां : पहले था पानी के लिए हाहाकार, अब हर घर में साफ पानी
मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से सटे जरधोबा गांव एक साल पहले तक जल संकट से जुझ रहा था। गर्मी के दिनों में पानी को लेकर यहां मारपीट हो जाती थी। कुछ मामलों में ग्रामीणों ने एक-दूसरे के खिलाफ एफ.आई.आर. तक करा दी थी। ऐसे में पानी को लेकर गांव में तनाव बना रहता था। लेकिन पिछले साल जब हर घर नल कनेक्शन के लिए जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजना पर काम शुरू किया गया, तब यह उम्मीद जगी कि भविष्य में पानी को लेकर गांव में लड़ाइयां नहीं होगी। आखिरकार यह योजना क्रियान्वित हो गई और अब हर घर में साफ पानी मिलने लगा है। Posted on 26 Apr, 2023 02:08 PM

मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से सटे जरधोबा गांव एक साल पहले तक जल संकट से जुझ रहा था। गर्मी के दिनों में पानी को लेकर यहां मारपीट हो जाती थी। कुछ मामलों में ग्रामीणों ने एक-दूसरे के खिलाफ एफ.आई.आर.

जरधोबा
सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन  
Posted on 08 Dec, 2022 01:06 PM

श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क

सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
द्वाराहाट, अल्मोड़ा में पानी बोओ, पानी उगाओ
Posted on 12 Nov, 2022 01:02 PM

‘पानी बोओ अभियान’ अल्मोड़ा, उत्तराखंड की प्रस्तावना

पहले गांव के नजदीक के स्रोत से पानी नल के माध्यम से लाया गया। वह सूख गया तो पास के गाड-गधेरों से नल में लाया गया। उसमें पानी कम हुआ तो पाप की बड़ी नदी से पानी लाया गया। उम्ममें भी कम हुआ तो पिंडर व अलकनंद से पानी लाने की आवाज उठ रही हैं। आखिर कब तक नदियों से पानी मिलता रहेगा?

चाल-खाल की एक तस्वीर, फोटो साभार - मोहन चन्द्र कांडपाल
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