पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा

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झांसी जिले के तालाब
Posted on 27 Jun, 2016 12:01 PM

भसनेह का तालाब भसनेह के जागीरदार विजयसिंह बुन्देला ने सन 1618 ई.

ललितपुर जिले के तालाब
Posted on 27 Jun, 2016 11:15 AM
.ललितपुर जिले की भूमि संरचना मिली-जुली है। किन्हीं क्षेत्रों की भूमि काली कावर है तो किन्हीं परिक्षेत
सागर जिले की जलप्रबन्धन व्यवस्था
Posted on 27 Jun, 2016 10:55 AM

सागर जिला में पथरीली टौरियाऊ, ऊँची-नीची, ढालू जमीन पर ही तालाब है, जहाँ काली कावर भूमि है

दमोह जिले के तालाब
Posted on 26 Jun, 2016 04:33 PM

दमोह नगर प्राचीन गौंडवानी कस्बा था, जो अंग्रेजी शासनकाल में विकसित जिला बन गया था। इसके च

पन्ना जिले के तालाब
Posted on 26 Jun, 2016 03:47 PM
. पन्ना जिला पहाड़ी, पठारी, ऊँचा-नीचा टौरियों एवं घाटियों वाला जंगली क्षेत्र है। यहाँ विन्ध्य, कैमूर
छतरपुर जिले के तालाब
Posted on 26 Jun, 2016 01:36 PM

. छतरपुर जिला, पूर्वकालिक, रजवाड़ी रियासती क्षेत्र है, जिसकी भौमिक संरचना बड़ी विचित्र रही है। दक

टीकमगढ़ जिले के तालाब एवं जल प्रबन्धन व्यवस्था
Posted on 25 Jun, 2016 03:18 PM
.प्राचीन काल में चन्देलों एवं बुन्देलों के राजत्वकाल के पहले समूचा बुन्देलखण्ड क्षेत्र, विन्ध्यपर्वत की श्रेणियों, पहाड़ियों एवं टौरियों वाला पथरीला, कंकरीला वनाच्छादित भूभाग था। टौरियों, पहाड़ियों के होने से दक्षिणी बुन्देलखण्ड विशेषकर ढालू, ऊँचा-नीचा पथरीला, मुरमीला राँकड़ भूभाग रहा है।

टौरियों, पहाड़ियों एवं पठारों के बीच की पटारों, वादियों, घाटियों और खन्दकों में से बरसाती धरातलीय जल प्रवाह से निर्मित नाले-नालियाँ थीं। जो पथरीली पठारी भूमि होने से गहरी कम, चौड़ी छिछली-सी मात्र चौमासे (वर्षाकाल) में ही जलमय रहती थीं।
बिना पानी सब सून
Posted on 21 Jun, 2016 04:52 PM


अत्यन्त सीमित सैम्पल के बावजूद यह पुस्तिका बुन्देलखण्ड के मौजूदा संकट के रहस्य उसी प्रकार पाठकों के समक्ष उजागर करती है जिस प्रकार हांडी का एक चावल पूरी हांडी की स्थिति बताती है।

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