पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा

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पुस्तक परिचय : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013
Posted on 17 Mar, 2017 01:21 PM
इस पुस्तक का मकसद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को व्यापक नजरिए से समझना और इसके सन्दर्भ में सामाजिक पहल को सशक्त बनाना है। इसमें हमने मुख्य रूप से निम्न पहलू शामिल किये हैं
बाँधों के विकल्प की दिशाएँ
Posted on 18 Feb, 2017 04:39 PM
लोगों को पानी, बिजली प्रदान करने एवं बाढ़ से सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिये बेहतर विकल्प मौजूद हैं। ये विकल्प बड़े बाँधों के मुकाबले अक्सर किफायती, जल्द बनने वाले एवं लोगों व पर्यावरण के लिये कम नुक़सानदेह होते हैं।
विनाशकारी बाँधों के खिलाफ कैसे संघर्ष करें
Posted on 18 Feb, 2017 01:33 PM
बाँधों के खिलाफ एवं अपने अधिकारों के लिये आप बहुत कुछ कर सकते हैं। सबसे पहला कदम यह है कि बाँधों एवं उसका आपके समुदायों पर क्या असर हो सकता है, इस बारे में जानकारी इकट्ठा करें। अगले कदम के तौर पर यह तय करना चाहिए कि आप क्या चाहते हैं एवं उसे कैसे हासिल किया जा सकता है। उसके बाद अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिये कार्यवाही करनी चाहिए। इस तरह एक अभियान शुरू किया जा सकता है।
विनाशकारी बाँधों के खिलाफ अन्तरराष्ट्रीय आन्दोलन
Posted on 18 Feb, 2017 12:57 PM
बांध, नदी एवं अधिकारविश्व भर में लाखों लोग विनाशकारी ब
कठिन शब्द
Posted on 17 Feb, 2017 04:04 PM
जलाशय (Reservoir) : जब बाँध बनता है तो उससे निर्मित होने वाली झील।

बड़े बाँध (Large Dam) : आइकोल्ड के मुताबिक जिस बाँध की ऊँचाई नींव से लेकर 15 मीटर से अधिक हो।

अपस्ट्रीम (Upstream) : बाँध के ऊपर का या पीछे वाले इलाके, जिसमें जलाशय एवं उससे पीछे स्थित इलाके शामिल होते हैं।
बाँधों के बारे में मूलभूत जानकारियाँ
Posted on 17 Feb, 2017 01:53 PM

बाँध क्या होता है?

पुस्तक परिचय - बाँध, नदी एवं अधिकार
Posted on 17 Feb, 2017 12:52 PM
विश्व भर में, लोग विनाशकारी बड़े बाँधों के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। वे नये बाँधों से अपनी नदियों एवं आजीविका की रक्षा करने के लिये संघर्ष कर रहे हैं। पुराने बाँधों की वजह से खड़ी हुई समस्याओं के लिये वे क्षति-पूर्ति की माँग कर रहे हैं। वे ऊर्जा, जल आपूर्ति एवं बाढ़ प्रबंधन के बेहतर विकल्प का प्रस्ताव कर रहे हैं। वे सब उन निर्णयों में अपनी-अपनी बात रखने के लिये संघर्ष कर रहे हैं जो उनके जीवन को
ভুনের বারোমাস
Posted on 16 Feb, 2017 11:00 AM
গভীর কুয়োর দুই থামে আটকানো কাছের চক্র অর্থাত্ ভুন বারো মাস ঘুরেই চলেছে। পাতালের ভৌমজল সে ওপরে তুলে আনে। মরুভূমিতে ভুনের কাজ বারো মাসই। আর ইন্দ্রের.. ইন্দ্রের জন্য কেবল এক মুহূর্ত।

ভুনথারা বারে মাস
ইন্দ্র থারি এক ঘড়ি।
জল ও অন্নের অচ্ছেদ্য সম্পর্ক
Posted on 16 Feb, 2017 10:24 AM
পণ্ডিত জিঞ্জাসা করলেন, ‘সবচেয়ে বড় তপস্যা কী’?
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