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धीरे-धीरे निर्मल होगी धारा
नदियाँ प्रकृति द्वारा मनुष्य को दिया हुआ ऐसा क्रेडिट कार्ड है जिससे मनुष्य अनगिनत फायदे लेता है और इन फायदों को लेने के बाद नदी से ली गई सौगातों को जिम्मेदारीपूर्वक लौटाने की बजाय डिफॉल्टर की श्रेणी में आकर खड़ा हो जाता है। Posted on 06 Jun, 2023 12:48 PM

पिछले अंक में हमने नदियों की निर्मलता पर बात की और यह समझने की कोशिश की कि नदियों की निर्मलता क्यों जरूरी है? साथ ही हमनें औद्योगिक प्रदूषण, बढ़ते शहरीकरण और शहरी अपशिष्ट निदान के नदी पर दुष्प्रभाव और कृषि में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के नदी पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बात की। आइए इस अंक में यह समझने की कोशिश करते हैं कि नदियों की निर्मल धारा कैसी होती है?

धीरे-धीरे निर्मल होगी धारा,PC-Sivana East
क्यों रुक गई बहती धारा 
नदी की सबसे छोटी और साधारण परिभाषा है वो जलधारा जो अपने  उदगम से गतव्य तक खुद ब खुद पहुंच जाएं, कभी हिमखंडों से पिघलकर कभी पहाड़ों से उत्तरकर चट्टानों को काटकर नदियां अपनीयात्रा पूरी कर मंजिल तक पहुंच जाती है। नदी की धारा को प्रकृति ने अविरलता दी है। Posted on 06 Jun, 2023 11:57 AM

प्रज्ञाम्बु के पांचवें अंक में हम बात करेंगे नदियों की अविरलता के बारे में नदी का जिक्र आते ही हमारे जहन में बहते हुए पानी की तस्वीर उभरती है। बहती हुई नदियां अब हमारे इतिहास का हिस्सा बनने लगी हैं, बर्तमान में हमारे देश की कई विशाल नदियां झीलों की एक श्रृंखला में परिवर्तित हो रही है। नदी का ठहर जाना, नदी की मूलप्रवृत्ति के विपरित है। इसी क्रम में अविरलता और ठहराव को समझने के लिए प्रज्ञाम्बु का

क्यों रुक गई बहती धारा,PC-MYD
नदी संरक्षण एवं विकास सीमाओं का महत्व
भारत में गंगा जैसी विशाल नदी के घाटी प्रबंधन की योजना निर्माण का प्रथम सफल प्रयास आईआईटी संघ के द्वारा किया गया, आईआईटी संघ ने नदी के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तृत चर्चा कर अनेक विशेष रिपोर्ट के माध्यम से सरकार एवं अन्य हितधारकों को इसके बारे में जानकारियाँ संकलित कर प्रस्तुत की। Posted on 05 Jun, 2023 04:59 PM

प्रज्ञाम्बु के प्रथम संस्करण में हमने नदी घाटी प्रबंधन, नदी पुनरुद्धार  एवं संरक्षण, प्राथमिकता एवं हितधारकों की भूमिका के बारे में समझने ज्ञान के आधार पर ही सक्षम स्तर पर वार्ता एवं समझौते वाले निर्णयों का एक प्रयास किया। इस क्रम मे हमने यह जाना कि नदी घाटी का निर्धारण किया जा सकता है। प्रथम संस्करण में चर्चा किये गए प्रबंधन एवं नदी संरक्षण के कार्यों में घाटी क्षेत्र की सम्पूर्ण जानकारी जो कि

नदी संरक्षण एवं विकास सीमाओं का महत्व,Pc-conservationgateway
परंपरा, विज्ञान, तर्क और हमारी नदियाँ
नदियों पर प्रतिमा विसर्जन से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है लेकिन यह नदियों के प्रदूषण के वृहद कारणों के समक्ष बहुत सूक्ष्म हैं नदियों के किनारे इन रिवाजों से संबंधित क्रियाकलाप प्रत्यक्ष नजर आने की वजह से इन्हें प्रदूषण का प्रमुख कारण मान लिया जाता है। जिसके चलते कई बार प्रदूषण के वृहद कारकों की ओर से ध्यान हट जाता है। इस तथ्य पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है कि त्योहार और उनसे संबंधित परंपराएं जैसे प्रतिमा विसर्जन वर्ष में एक बार निभाई जाती है। Posted on 05 Jun, 2023 04:01 PM

भारतीय संस्कृति में नदियाँ जीवन के हर रंग और रस में मनुष्य का साथ निभाती हैं। माहौल उत्सव का हो या शोक का दोनों ही स्थितियों में मनुष्य नदी के सान्निध्य में पहुंच जाता है। नदियों से हम बहुत कुछ लेते हैंऔर बदले में ऐसी कई चीजें नदी को अर्पित कर देते हैं, जो कभी ईश्वर के प्रति प्रेम को व्यक्त करने का माध्यम बनी थी - जैसे फूल । त्योहारों के समय नदियों के समीप होने वाले यह क्रियाकलाप सामूहिक रूप से

परंपरा, विज्ञान, तर्क और हमारी नदियाँ, Pc-DH
कद्दू की उन्नत खेती
यदि बीज उगने के लिए खेत है। में पर्याप्त नमी न हो तो पहली सिंचाई बोआई के बाद शीघ्र कर दें। दूसरी और तीसरी सिंचाई भी जल्दी यानि 4-6 दिन के अन्तर से करें। ऐसा करने से बीज शीघ्र तथा आसानी से उग आयेंगें। ग्रीष्म  ऋतु की फसल में 8-10 सिंचाइयों की आवश्यकता पड़ती है। Posted on 05 Jun, 2023 11:33 AM

भारत में कद्दू या काशीफल की खेती पुरातन काल से होती आ रही है। कददूवर्गीय सब्जियों में कद्दू एवं कुम्हड़ा का विशेष स्थान है। इसके कच्चे व पके हुए फलों से कई प्रकार की सब्जियां बनाई जाती है। उत्तर भारत में तो विवाह व त्यौहार आदि अवसरों पर इसकी सब्जी बनाने की प्रथा है। कद्दू कच्चा और पका फल सब्जी के लिए तथा पके फलों का मिठाई (पेठा) बनाने में प्रयोग होता है। कुम्हड़ा या कददू की एक किस्म मिष्ठान पेठ

कद्दू की उन्नत खेती,Pc-अपनी खेती
छोटानागपुर पठारी क्षेत्र में आधुनिक कृषि उपकरणों को अपनाने में अड़चन
आदिवासी किसानों के अधिकांश उपकरण स्थानीय कारीगरों द्वारा बास, लकड़ी और लोहे से बने होते हैं। लेकिन अब धीरे-धीरे उन्होंने मानकीकृत कारखाना निर्मित उपकरणों को अपनाना शुरू कर दिया है जो किफायती मी होते हैं। आदिवासियों के पारंपरिक कृषि उपकरण पुरुष और महिला दोनों उपयोग कर सकते हैं Posted on 05 Jun, 2023 11:25 AM

झारखंड की आदिवासी आबादी अपनी आजीविका के लिए मुख्य रूप से कृषि और मजदूरी पर निर्भर है। रामगढ़ जिले की आदिवासी आबादी लगभग 21 प्रतिशत है। छोटानागपुर पठारी क्षेत्र के अधिकांश आदिवासी किसानों के पास छोटी जोत की भूमि है। परंपरागत रूप से भूमि पर आदिवासियों का कब्जा था लेकिन धीरे- धीरे इसे सरकारों द्वारा कोयला खनन और खनिज अन्वेषण कंपनियों को हस्तारित कर दिया गया। आदिवासी कृषि प्रणाली में यांत्रिक शक्ति

छोटानागपुर पठारी क्षेत्र में आधुनिक कृषि उपकरणों को अपनाने में अड़चन,PC-उन्नत कृषि
क्यों चाहिए निर्मल धारा
भारतीय संस्कृति में नदी और मनुष्य के बीच बहुत गहरा रिश्ता रहा है। रिश्ता आज भी कायम है लेकिन नदियों के प्रति रवैया बदल चुका है। नदियों के प्रति हमारा रवैया वैसा ही है, जैसा कई अन्य महत्त्वपूर्ण पहलूओं की ओर है-वैचारिक स्तर पर पूजनीय और आचरण के स्तर पर उपेक्षित यही कारण है कि हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारे गांव से बहने वाली कोई नदी खत्म हो चुकी है।
Posted on 03 Jun, 2023 03:34 PM

नदियाँ मनुष्य को सदैव आकर्षित करती हैं। कभी हम उन्हें देवी समझकर पूजने जाते हैं तो कभी सखी समझकर अटखेलियां करने कुछ समय नदी किनारे व्यतीत करने के बाद हम लौट आते हैं अपनी जिंदगी में फिर किसी दिन समाचार में नदी और उसे साफ करने की कोशिशें एवं उसकी स्वछता के लिए चलाये जाने वाले अभियान देखने को मिलते हैं। एक बार फिर हम नदी को खबर में ही छोड़ देते हैं क्योंकि नदी की धारा निर्मल हो या ना हो इससे हमें

क्यों चाहिए निर्मल धारा,Pc-Sadhguru
विजय जड़धारी को मिला 'हिमालय प्रहरी सम्मान'
एक दुर्लभ मौका था जब सम्मान देने वाले और लेने वाले 'शख्स दोनों की ऊंचाई और गहराई की थाह हॉल में मौजूद लोगों के दिल में बहुत गहरे से बैठी थी। सम्मानों के इस दौर में यह सम्मान समारोह वाकई दुर्लभ था, जहां सम्मान देने वाला, लेने वाला और संस्तुति करने वाला एक से बढ़कर एक हो। सुंदर लाल बहुगुणा जी की स्मृति में विमला बहुगुणा-मेघा पाटेकर - विजय जड़धारी की त्रिमूर्ति ने इस पल को हमेशा के लिए यादगार बना दिया, क्योंकि एक कर्मठ, समर्पित, सच्चे जन नायक का सम्मान उसी कद के दूसरे जननायक द्वारा होना बड़ी बात है। Posted on 03 Jun, 2023 03:18 PM

टिहरी जनपद की रमणीय हरी-भरी रौतियाली हेंवलघाटी को एक बार फिर से 21 मई 2023 की तपती दोपहरी को अपने पर इतराने इठलाने का मौका मिला, जब हेवलघाटी के चिपको आंदोलन के पुरोधा जमनालाल बजाज पुरूस्कार विजेता सर्वोदयी धूम सिंह नेगी जी के बाद उनके ही कर्मठ शिष्य चिपको कार्यकर्त्ता और विश्व विख्यात बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता सर्वोदयी विजय जड़धारी को 'हिमालय प्रहरी सम्मान 2023' से नवाजा गया। सर्वोदयी पद्मविभू

विजय जड़धारी को मिला 'हिमालय प्रहरी सम्मान', Pc-Jagran
विश्व साइकिल दिवस (वर्ल्ड बाइसिकल डे)
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अप्रैल २०१८ में ३जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित किया जो कि साइकिल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। Posted on 03 Jun, 2023 02:34 PM

महत्व

विश्व साइकिल दिवस एक विशेष दिन है जो लोगों के लिए आनंद लेने के लिए घोषित किया गया है ताकि लोग इसकी महत्वता को समझे और अपने जीवन में लागु करे जो की पर्यावरण के हित में भी है और इससे नेचुरल रिसोर्सेज को भी बचाया जा सकता है। साइकिल एक "टिकाऊ परिवहन का प्रतीक है और टिकाऊ खपत और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक सकारात्मक संदेश देती है, और जलवायु पर सकारात्मक प

विश्व साइकिल दिवस,Pc-Eduwar
एक विशाल नदी के बनने में कई हजार छोटी नदियों का होता है योगदान
बड़ी एवं विशाल नदियों मे आने वाले जल कि मात्रा समय के साथ घटती गई है, कावेरी, कृष्णा एवं नर्मदा जैसी देश की कुछ प्रमुख नदियों में विगत शताब्दी में जल की मात्रा बहुत प्रभावित हुई है। इस सब के पीछे बेसिन क्षेत्र एवं इन नदियों मे जल लाने वाली छोटी नदियों मे हुए मानव जनित परिवर्तन प्रमुख कारण माना जा सकता है। नदी संरक्षण के प्रारंम्भिक प्रयासों में भी छोटी नदियों की अपेक्षा बड़ी  एवं विशाल नदियों की मुख्य धारा को ही अधिक महत्व दिया गया।
Posted on 03 Jun, 2023 12:19 PM

विगत कुछ वर्षों को छोड़कर नदी संरक्षण पर देश विदेश में किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा से ज्ञात होता है कि यह प्रयास मुख्यतः बड़ी नदियों पर समग्र रूप से केंद्रित रहे है जो कि अनेक विविध कारणों से संभवतः बहुत अधिक प्रभावी एवं सफल नहीं हो पाए।गंगा नदी के उदाहरण से ही समझा जा सकता है कि जो प्रयास मुख्य धारा  (गंगा) को संरक्षित करने के लिए आवश्यक है उनको फलीभूत करने के लिए केंद्र सरकार से धन एवं ससाध

एक विशाल नदी के बनने में कई हजार छोटी नदियां का होता है योगदान, Pc-vivacepanorama
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