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क्या यमुनोत्री में केदारनाथ जैसी बाढ़ सम्भव है
केदारनाथ एवं यमुनोत्री में अतिवृष्टि की अनेक घटनाएं भारी वर्षापात के रूप में हो चुकी हैं 18-19 अगस्त 1998 को केदार घाटी में मन्दाकिनी नदी की सहायक नदियों जैसे मद्यमहेश्वर तथा कालीगंगा में हुई भारी वर्षा से सक्रिय हुए भूस्खलनों में 100 से अधिक जानें गई थीं Posted on 05 Jul, 2023 04:13 PM

विगत दशकों में वर्षा ऋतु में दोनों क्षेत्रों केदारनाथ एवं यमुनोत्री में अतिवृष्टि की अनेक घटनाएं भारी वर्षापात के रूप में हो चुकी हैं। 18-19 अगस्त 1998 को केदार घाटी में मन्दाकिनी नदी की सहायक नदियों जैसे मद्यमहेश्वर तथा कालीगंगा में हुई भारी वर्षा से सक्रिय हुए भस्खलनों में 100 से अधिक जानें गई थीं तथा 16 जुलाई, 2001 के भारी वर्षापात से मन्दाकिनी घाटी में गौरीकुण्ड से लगभग 15 किमी डाउनस्ट्रीम

क्या यमुनोत्री में केदारनाथ जैसी बाढ़ सम्भव है,फोटो क्रेडिट-IWP Flicker
बाँध हिमालय की पुष्ठभूमि में
1947 में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष जल की प्राप्यता 6008 घनमीटर थी वहीं पचास वर्षों में यह घट कर 2266 घनमीटर रह गई। इसलिये यह भावना तीव्र होती गई कि वर्षा के जल को सागरों और प्राकृतिक झीलों में समाने से पहले ही धरती की तनिक ऊँचाइयों में रोक लिया जाये  जिसे आवश्यकतानुसार वर्ष के सूखे दिनों में उपयोग किया जा सके। इस विचार से प्रेरित होकर पूरे विश्व में विशाल बाँधों की रचना हुई। Posted on 05 Jul, 2023 01:40 PM

सम्पूर्ण भारत को वर्षा के रूप में जितना जल मिलता है उसका लगभग 5 प्रतिशत पड़ोसी देशों से आने वाली नदियाँ अपने साथ लाती है। यदि । हम केवल भारत की भूमि पर बरसने वाले औसत वार्षिक जल को देखें, तो यह लगभग 1215 मिलीमीटर है। यह वर्षा जल भी विश्व की ओसत वर्षा से कहीं अधिक है। समस्या यह है कि स्थान विशेष ओर मात्रा के परिपेक्ष में इसका बंटवारा अत्यंत विषम है। उत्तर-पूर्वी भारत में 2500 मिलीमीटर वार्षिक वर

 टेहरी बांध भारत का सबसे ऊंचा बांध है,फोटो क्रेडिट- ​​​wikipedia
अम्लीय वर्षा पर्यावरण के लिए चुनौती
उष्णकटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थानप्राकृतिक कारणों से भी शुद्ध वर्षा का जल अम्लीय होता है। इसका प्रमुख कारण वायुमंडल में मानवीय क्रियाकलापों के कारण सल्फर ऑक्साइड व नाइट्रोजन ऑक्साइड के अत्यधिक उत्सर्जन के द्वारा बनती हैं। यही गैसें वायुमंडल में पहुँचकर जल से रासायनिक क्रिया करके सल्फेट तथा सल्फ्यूरिक अम्ल का निर्माण करती है। Posted on 04 Jul, 2023 04:15 PM

जब वर्षा जल में कार्बन डाइऑक्साइड के साथ वायुमंडल में प्रदूषित हवा में मौजूद सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा मिश्रित होती है, तो यह वर्षा जल से क्रिया करके सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड में बदल जाती है और यही जल जब पृथ्वी पर गिरता है, तो इसे एसिड रेन अथवा अम्लीय वर्षा कहते है । वर्षा जल में अमूलों की बड़ी मात्रा को या उपस्थिति को अम्लीय वर्षा कहा जाता है। प्राकृतिक कारणों से

अम्लीय वर्षा का प्रभाव,फोटो क्रेडिट- IWP Flicker
जल प्रबंधन आज और कल
वायु के बाद मानव समाज के लिए जल की महत्ता प्रकृति द्वारा प्रदत वरदानों में से एक है। जल ने पृथ्वी पर जीवन और हरियाली विकसित होने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन किया है। इसमें कोई संदेह नहीं कि जल  ही जीवन है एक लोकोक्ति है कि जल है तो कल हैं

Posted on 04 Jul, 2023 03:04 PM

सारांश

मनुष्य के शरीर का लगभग 70 प्रतिशत जल ही होता है। जल को लेकर ही हमारे देश ही नहीं अपितु विश्व में एक बहुत बढ़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। आज इसका निवारण ढूँढना प्राथमिकता के आधार पर अति आवश्यक हो गया है। हमारे देश में कुल जल का लगभग 76 प्रतिशत भाग मानसून के मौसम में बरसात से प्राप्त होता है। वर्तमान में भारत में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता 22 घन मीटर है,

जल प्रबंधन आज और कल,फोटो क्रेडिट- IWP Flicker
भूमि जल में वृद्धि के लिए वर्षा जल के संचयन की तकनीकें
केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड ने आठवीं योजना से कृत्रिम जल भरण पर काफी अध्ययन किया है एवं विभिन्न तरीकों की उपयोगिता को समझा है। इस संस्करण में कुछ तकनीकों की जानकारी दी गई है जो विभिन्न भौगोलिक एवं जमीन के नीचे की स्थितियों के लिए उपयुक्त है। Posted on 03 Jul, 2023 03:28 PM

प्रस्तावना

प्रगतिशील युग में जल की बढ़ती खपत बहुत ही स्वाभाविक प्रक्रिया है। हमारे देश की समस्याएं विविध एवं जटिल है क्योंकि भारतवर्ष में जल की उपलब्धता क्षेत्रीय वर्षा एवं भौगोलिक परिस्थितियों पर आधारित है। इसके साथ बढ़ती हुई जनसंख्या, शहरीकरण का बढ़ता क्षेत्र अपना प्रभाव जल की उपलब्धि एवं गुणवत्ता पर डाल रहे हैं।

भूमि जल में वृद्धि के लिए वर्षा जल के संचयन की तकनीकें, फोटो क्रेडिट-  wikipedia
पीने योग्य जल
किसी भी आपदा के बाद सबसे पहली जरूरत संकटग्रस्त लोगों के लिए पीने योग्य जल की व्यवस्था करना होता है। शुद्ध पीने योग्य जल उपलब्ध कराने से महामारी को फैलने से रोका जा सकता है Posted on 03 Jul, 2023 11:40 AM

प्रस्तावना

जल जीवन है, मनुष्य, पशु और पेड़-पौधे इसी पर जीवित रहते हैं। इसलिए सृष्टि के अस्तित्व के लिए पर्याप्त मात्रा में शुद्ध जल की उपलब्धता अनिवार्य है। यह जरूरी है कि मनुष्य जो पानी पिए वह अवांछित अशुद्धियों और नुकसानदेह रसायनिक यौगिक और जीवाणुओं से मुक्त हो । लोगों को पर्याप्त मात्रा में शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए पीने योग्य जल की आपूर्ति की योजना बनाना

पीने योग्य जल,फोटो- flicker-Indiawaterportal
नैनीताल में नदियों को बचाने को हुआ सम्मेलन
विश्व पर्यावरण दिवस के निमित्त हम कलशा की सहायक धाराओं के किनारे साझा संकल्प लेंगे और उन लोगों से मार्गदर्शन लेंगे, जिन्होंने पूरा जीवन नदी, जंगलों और उनके साथ जीने वाले रहवासियों के लिए समर्पित कर रखा है। Posted on 30 Jun, 2023 04:28 PM

'सूखी जुबान जिंदगी से पूछने लगी कि प्यास ही लिखी है या पानी भी लिखा है!' साथी और परिजन पाँच जून 2023 के सम्मेलन की सूचनाओं को अपने जानने वालों तक भेजिए। इसलिए नहीं कि यह किसी व्यक्ति का काम है, इसलिए क्योंकि हम मध्य हिमालय में सूखती गैर बर्फानी नदियों के बारे में बात करना चाहते हैं। हमारी चिंता है कि यदि व्यापक जन समुदाय अपनी नदियों के बारे में विचार नहीं करेगा और उनको बचाने की कोई सार्थक पहल न

नैनीताल में नदियों को बचाने को हुआ सम्मेलन, फोटो- बच्ची सिंह बिष्ट
कैसे होगा भूजल पुनर्भरण
विगत 22 जुलाई को दिल्ली में भू जल के कृत्रिम पुनर्भरणासंबंधी परामर्शदात्री परिषद की प्रथम बैठक में प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह द्वारा उदघाटन में भूजल पुनर्भरण का जन अभियान चलाने का आह्वान किया। Posted on 24 Jun, 2023 04:07 PM

यह आह्वान सरकार की चिन्ता का तो दर्शाता ही है साथ ही सूजल की गंभीर स्थिति को भी इंगीत करता हैं। आजादी के समय भारत में प्रतिव्यक्ति सालाना जल उपलब्धता 5000 घन मीटर थी जो अब घटकर 1760 घन मीटर पर पहुंच गई है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा व दिल्ली-- जैसे दक्षेत्रों में तो यह 300 से 700 घन मीटर प्रति व्यक्ति पहुंच गया है। जल संसाधन मंत्रालय के वर्ष- -2004 के आकलन के अनुसार देश में 5723 ब्लॉक  में से 106

भूजल पुनर्भरण,Pc-Agro Star
 जल संरक्षण में क्रांति ला रहे भारत के स्टार्ट-अप्स
भारतीय स्टार्ट-अप देश के सामने जल की कमी की चुनौती का समाधान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये अभिनव उद्यम कुशल जल उपयोग को बढ़ावा देने, अपव्यय को कम करने और पानी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रौद्योगिकी और रचनात्मक समाधानों का लाभ उठा रहे हैं
Posted on 24 Jun, 2023 03:36 PM

भारतीय स्टार्ट-अप देश के सामने जल की कमी की चुनौती का समाधान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये अभिनव उद्यम कुशल जल उपयोग को बढ़ावा देने, अपव्यय को कम करने और पानी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रौद्योगिकी और रचनात्मक समाधानों का लाभ उठा रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 'मन की बात' के दौरान कुछ युवाओं के नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप के माध्यम से किए जा रहे सराहन

 जल संरक्षण में क्रांति ला रहे भारत के स्टार्ट-अप्स,Pc-performindia
बिना सिंचाई के खेती में सुधार नहीं हो सकता
कभी-कभी हमें आश्चर्य होने लगता है कि सरकार को पूरी स्थिति का ज्ञान है भी या नहीं। भाषण में यह नहीं बताया गया है कि खाद्य संकट का सामना करने के लिए क्या ठोस प्रयत्न किए जा रहे हैं। हमसे कहा जाता है कि नैसर्गिक विपत्तियों के कारण यह मुसीबत आई है। Posted on 23 Jun, 2023 02:50 PM

भारतीय गणतंत्र की प्रथम संसद के उद्घाटन पर हम आशा कर रहे थे कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में लोकहित के लिए किसी नई नीति का प्रतिपादन होगा और जनता पर आजकल जो भारी बोझ है, उसे कम करने के लिए कोई ठोस कदम प्रस्तावित किया जाएगा। किंतु हमें बहुत निराशा हुई है। भाषण में देश की उन समस्याओं को सुलझाने की, जो हमारे सम्मुख मुंह बाए खड़ी हैं, उत्कट भावना की झलक नहीं मिली।देश के सम्मुख आज अनाज की प्रबल समस्या ह

बिना सिंचाई के खेती में सुधार नहीं हो सकता,Pc-Bharatvarsh
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