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सीसा एक खतरे अनेक (Lead Poisoning Causes and Prevention in Hindi)
विगत कुछ वर्षों से इन भारी धातुओं में से कैडमियम, लैड, मरकरी, क्रोमियम निकेल जैसी धातुएँ अपनी विषाक्तता के कारण चर्चा का विषय बनी हुई हैं। इनमें से कुछ तो इतनी अधिक घातक है कि यदि दस लाख भाग में इनका एक भाग भी विद्यमान रहे तो ये जानलेवा सिद्ध हो सकती हैं। लैंड यानी सीसा एक ऐसी ही भारी धातु है जो अब पर्यावरण में प्रदूषण के रूप में जानी जाती है। शहरों में वाहनों के पेट्रोल से निकला सीसा वायुमंडल में व्याप्त रहता है अतएव यह श्वास द्वारा शरीर में प्रविष्ट होता है। Posted on 15 Sep, 2023 01:05 PM

आज से लगभग 4000 से 5000 वर्ष पूर्व के मानव की अपेक्षा आज के मानव में सीसे की मात्रा लगभग दस से सौ गुना अधिक हो गई है और विकसित तथा विकासशील देशों के लिए पर्यावरण में सीसे का बढ़ता प्रदूषण चिंता का विषय बन गया है।

सीसा एक खतरे अनेक
पर्यावरण के दुश्मन सैनेटरी पैडस
भारतीय शोधकर्ताओं ने 'ग्रीनडिस्पो' नामक एक ऐसी पर्यावरण हितैषी भट्टी का निर्माण किया है, जो सैनेटरी नैपकिन और इसके जैसे अन्य अपशिष्टों के निपटारे में मददगार हो सकती है। इस भट्टी का निर्माण हैदराबाद स्थित इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मैटलर्जी एंड न्यू मैटीरियल्स (एआरसीआई), नागपुर स्थित सीएसआईआर-राष्ट्रीय पर्यावरणीय अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) और सिकंदराबाद की कंपनी सोबाल एरोथर्मिक्स ने मिलकर किया है। Posted on 14 Sep, 2023 06:26 PM

टेलीविज़न पर विज्ञापनों द्वारा इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाता है। विज्ञापन एजेंसियां इस प्रचार पर करोड़ों रुपया खर्च करती हैं, लेकिन इनके सही निस्तारण के साथ पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले इनके हानिकारक प्रभावों से बचाव की दिशा में अब तक किसी कम्पनी ने कोई कदम नहीं उठाया है। मोटे तौर पर एक महिला हर महीने 12-14 सैनेटरी पैड्स का उपयोग करती हैं और इस तरह अपने जीवन में लगभग 16,800 सैने

पर्यावरण के दुश्मन सैनेटरी पैडस
जलवायु परिवर्तन का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव एवं वर्तमान प्रदूषण रहित, चुनौतियों
जलवायु परिवर्तन से मिट्टी पर पड़े प्रभाव का सीधा असर मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है। जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि होती है और वाष्पीकरण का संतुलन खराब हो जाता है व हमारी मिट्टी की आर्द्रता असंतुलित हो जाती है। इसके परिणाम स्वरूप हमें सूखे की मार झेलनी पड़ सकती है। अगर यह स्थिति लगातार बनी रही तो मिट्टी मरूस्थल में तब्दील हो जाती है। Posted on 14 Sep, 2023 01:41 PM

जलवायु परिवर्तन से मिट्टी पर पड़े प्रभाव का सीधा असर मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है। जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि होती है और वाष्पीकरण का संतुलन खराब हो जाता है व हमारी मिट्टी की आर्द्रता असंतुलित हो जाती है। इसके परिणाम स्वरूप हमें सूखे की मार झेलनी पड़ सकती है। अगर यह स्थिति लगातार बनी रही तो मिट्टी मरूस्थल में तब्दील हो जाती है। मिट्टी एक समय में ऊसर व बंजर हो जाती है। अर्थात हमारे

जलवायु परिवर्तन का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव एवं वर्तमान प्रदूषण रहित, चुनौतियों
सरकार और अध्ययन संस्थान के आपसी सहयोग का अनूठा उदाहरण
उचित हाइड्रोलिक समाधानों से युक्त रेट्रोफिटिंग से जल आपूर्ति प्रणाली की समस्याएँ सुलझाई जा सकती हैं, बजाय इसके कि सॉफ्टवेयर पर आधारित नए बुनियादी ढांचे को खड़ा किया जाए जो कि रुक-रुक कर काम करने वाली जल आपूर्ति प्रणालियों के लिए उपयुक्त नहीं होते। Posted on 13 Sep, 2023 05:06 PM

पृष्ठभूमि

दक्षिण 24 परगना के बिशनपुर-II ब्लॉक के 14 गांवों के लगभग 50,000 लोगों को हुगली नदी का शोधित जल पाइप से उपलब्ध कराने की योजना 2003 में शुरू की गई थी। यह 30 लाख लोगों को नदी जल पाइप द्वारा पहुंचाने की विशाल योजना का हिस्सा थी। लेकिन आबादी में तीव्र वृद्धि और पाइपलाइन से अंधाधुंध कनेक्शन लिए जाने के कारण 10 वर्षों में ही पाइपलाइन के अंतिम छोर के घरों में

सरकार और अध्ययन संस्थान के आपसी सहयोग का अनूठा उदाहरण,Pc:-जल-जीवन संवाद
जेजेएम-महिलाओं का सशक्तिकरण,जीवन हुआ आसान
1988 में, गाँव में एक भूजल योजना का निर्माण किया गया था, जो केवल 29 घरों की ही व्यवस्था पूरा कर पाती थी। समय के साथ गांव की आबादी बढ़ती गई लेकिन उनके पास नल के पानी का कनेक्शन नहीं था। नए परिवार अपनी दैनिक घरेलू जरूरतों के लिए पूरी तरह से 29 हैंडपंपों और कुओं पर निर्भर थे। Posted on 13 Sep, 2023 04:57 PM

घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी ढोकर लाने का संघर्ष जीवन भर का संघर्ष रहा है। जब से मैं शादी के बाद इस गांव में आई हूं, सुबह जल्दी उठना, मटका लेकर बाहर निकलना और इसे लेकर चलना मेरी दिनचर्या रही है। मैं यह कार्य वर्षों से कर रही हूँ। मेरी जवानी के सभी दिन परिवार के सदस्यों की प्यास बुझाने के लिए पानी से भरे बर्तनों को घर लाने में बीते हैं। मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि यह अग्निपरीक्षा सम

पीएचईडी  की जांच के दौरान लीला बाई घर के नल से जल भरते हुए
सभी के लिए शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की लागत और लाभ
73वें संविधान संशोधन ने पेयजल को संविधान की 11वीं अनुसूची में डाल कर उसके प्रबंधन की ज़िम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंप दी है। वैसे तकनीकी रूप से देखा जाए तो पेयजल पूर्णतः सार्वजनिक माल नहीं है, क्योंकि पेयजल की सीमित मात्रा को देखते हुए इसे लेकर प्रतिद्वंदिता तो चलती ही रहती है। इस दृष्टिकोण से तो पेयजल को वास्तव में एक साझा संसाधन माना जाना चाहिए। Posted on 13 Sep, 2023 04:35 PM

पृष्ठभूमि 

भारत जैसे कल्याणकारी देश में पेयजल को अक्सर सार्वजनिक माल (पब्लिक गुड्स) की श्रेणी में गिना जाता है, और जल आपूर्ति योजनाओं के बल पर चलाई जाने वाली सरकारी नीतियों को बाज़ार की किसी भी नाकामयाबी से निपटने के अमोघ अस्त्र के रूप में देखा जाता है। इसके अलावा 73वें संविधान संशोधन ने पेयजल को संविधान की 11वीं अनुसूची में डाल कर उसके प्रबंधन की ज़िम्मेदारी ग

सभी के लिए शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की लागत और लाभ
भागीरथी के उद्गम की खोज में
यह यात्रा वृत्तात्मक लेख महान वैज्ञानिक और भारत में आधुनिक विज्ञान के जनक जगदीश चंद्र बोस ने सन् 1895 में लिखा था जिसे उनकी पुस्तक 'अव्यक्त' में शामिल किया गया था। इस समय जगदीश चंद्र बोस अपने जीवन के संक्रमण काल से गुजर रहे थे। अब तक उनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी थी और जगदीश चंद्र बोस की पारिवारिक जिम्मेदारियां भी कम हो गई थीं। इसी बीच वह गंगोत्री की यात्रा करने गए थे। वहाँ से लौटकर उन्होंने यह लेख लिखा था। इसी समय उन्होंने अपनी शोधयात्रा शुरू की थी जिसके बाद उन्होंने वैज्ञानिक शोध में महानता की ऊंचाइयों की प्राप्त किया था। Posted on 13 Sep, 2023 12:04 PM

गंगा हमारे रिहायशी घर के पीछे से बहती है। बचपन से ही मैंने उसके साथ एक मजबूत रिश्ता बनाया था। साल के एक खास समय में नदी आवेश में आ जाती और दूसरे समय में सूख भी जाती मैं उसे ज्वार और भाटे दोनों की स्थिति में रोज देखता था। नदी मेरे लिए किसी जीव की तरह थी जो हमेशा परिवर्तनशील रहती। शाम के समय में उसके किनारे पूरे मन से बैठता था। नदी की लहरें किनारों को तोड़ती रहती थीं। और बहते हुए मधुर गीत गुनगुना

भागीरथी  के उद्गम की खोज में
ध्रुवीय समुद्र और उनकी जैवविविधता
दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र, जिसे अंटार्कटिका कहा जाता है, में अंटार्कटिका महाद्वीप और उसके आस-पास का दक्षिणी महासागर शामिल है। अंटार्कटिका महाद्वीप पर भी दुनिया के किसी एक देश का अधिकार नहीं है। बल्कि यहाँ दुनिया के विभिन्न देश मिल-जुलकर केवल वैज्ञानिक अनुसंधान करते हैं। Posted on 12 Sep, 2023 04:29 PM

पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव के आस-पास के क्षेत्र 'ध्रुवीय क्षेत्र' कहलाते हैं। उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र, जिसे 'आर्कटिक' कहा जाता है, जिसमें पृथ्वी का उत्तरी ध्रुव, ध्रुव के आस-पास का उत्तरी ध्रुवीय महासागर और इससे जुड़े आठ आर्कटिक देश कनाडा, ग्रीनलैंड, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका ( अलास्का), आइसलैंड, नार्वे, स्वीडन और फिनलैंड के भूखंड शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत वर्तमान में

ध्रुवीय समुद्र और उनकी जैवविविधता
हरियाली गुरु का हरित अभियान
प्रदूषण मुक्त भारत की सफलता में योगदान देने के लिए साइकिल से चलते हुए उन्होंने उस जमीन पर दौड़ लगाई है, जो बंजर है, उदास है, जहाँ पेड़ ही नहीं है। हरियाली गुरु पिछले 10 वर्षों में कई हजार पौधे अपनी साइकिल में लादकर लगा चुके हैं। Posted on 12 Sep, 2023 02:30 PM

हरियाली गुरु का हरित अभियान
कामायनी महाकाव्य में जलवायु परिवर्तन
पृथ्वी की जलवायु कालांतर से ही परिवर्तनशील रही है। भौमिकीय काल-क्रम के विभिन्न विधियों में हुए जलवायु परिवर्तन नाटकीय तो थे ही, साथ ही इन्होंने पृथ्वी के प्राणियों तथा वनस्पतियों के उद्भव, विकास तथा विनाश के इतिहास को भी निरंतर प्रभावित किया है। इसके अतिरिक्त विभिन्न भूगतिकी प्रक्रियाएँ भी जलवायु परिवर्तनों द्वारा नियंत्रित होती रही हैं। पृथ्वी पर मानव के अस्तित्व से जुड़े इन जलवायु परिवर्तनों के संबंध में विगत कुछ वर्षों से उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। Posted on 12 Sep, 2023 02:07 PM

भूमंडल के मौसम और जलवायु के प्रति मानव हमेशा से जिज्ञासु रहा है। यह केवल मानव ही नहीं, वरन् पृथ्वी के विभिन्न प्रकार के प्राणियों और वनस्पतियों के अस्तित्व से भी जुड़ा रहा है। यह सत्य है कि जिज्ञासा विज्ञान की जननी है। प्रश्न से ही उत्तर मिलता है और उत्तर तक पहुँचने के लिए कई चरणों से होकर गुजरना पड़ता है। जब प्रश्न का उत्तर मिल जाता है तो जिज्ञासा शांत हो जाती है, परंतु हमेशा नई-नई जिज्ञासाएँ

कामायनी महाकाव्य में जलवायु परिवर्तन
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