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गंगा की जीवनदायिनी क्षमता पर संकट
गंगा का निर्मलता, अधिकार और अविरलता तीनों ही महत्वपूर्ण हैं। विकास के नाम पर गंगा के प्रवाह को रोकने वाले 900 से ज्यादा बांध और बैराज गंगा की जीवन-शक्ति को कम करते हैं। गंगा को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए, हमें प्रवाह में सुधार करने की आवश्यकता है

Posted on 18 Oct, 2023 11:44 AM

दुनिया भर में संस्कृतियों का विकास नदियों के किनारे हुआ। इन संस्कृतियों पर प्रहार एवं नदियों का प्रदूषण एक साथ हुआ। औद्योगिक सभ्यता का विकास एवं उस विकास का प्रतिनिधित्व करने वाले नगर, ये दोनों नदियों के प्रदूषण का कारण बने। वस्तुत: नदी ही नहीं, भूमंडल पर सभी तरह के प्रदूषणों एवं इकाेलॉजी को जो खतरा है, उसका कारण वर्तमान औद्योगिक विकास है। इसीलिए कहा जाता है कि नदियों को शुद्ध करने की जरूरत नही

 गंगा की जीवनदायिनी क्षमता पर संकट
हिण्डन संरक्षण के लिए संगोष्ठी का आयोजन
रविवार को गाजियाबाद हित संरक्षण, संवर्धन तथा समन्वयक समिति के तत्वावधान में जीवनदायिनी हिण्डनः वर्तमान और भविष्य विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में एनजीटी के पूर्व चेयरमैन और उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आदर्श गोयल एवं गाजियाबाद के पूर्व जिलाधिकारी डॉ अजय शंकर पाण्डेय की उपस्थिति विशेषरूप से महत्वपूर्ण रही।
Posted on 16 Oct, 2023 12:21 PM

गाजियाबाद, 15 अक्टूबर 2023। राजनगर स्थित आईएमए भवन में रविवार को गाजियाबाद हित संरक्षण, संवर्धन तथा समन्वयक समिति के तत्वावधान में जीवनदायिनी हिण्डनः वर्तमान और भविष्य विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। एकदम नई थीम पर आयोजित इस संगोष्ठी में हिण्डन से जुड़े और हिण्डन के लिए काम करने वाले विभिन्न व्यक्ति एवं संगठन एक मंच पर एकत्रित हुए। यही नही संगोष्ठी में एनजीटी के पूर्व चेयरमैन और उच्चतम न्या

हिण्डन नदी वर्तमान और भविष्य विषय पर संगोष्ठी का आयोजन
शोध : गंगा नदी की ही भाँति सरयू नदी में भी पाई गई जीवाणु भोजी बैक्टीरियोफेज की उपस्थिति
अब वह दिन दूर नहीं कि गंगाजल की तरह सरयू जल को भी बोतल में सुरक्षित किया जा सकेगा और वह खराब नहीं होगा।सरयू नदी में पाए जाने वाले जीवाणु एवं विषाणुओं पर अध्ययन हेतु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग की आर्थिक सहायता प्राप्त की है। इनके निर्देशन में शोध छात्रों द्वारा अस्पताल में संक्रमण करने वाले जीवाणुओं की पहचान और उनकी एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बनने पर अध्ययन किया जा रहा है। Posted on 16 Oct, 2023 11:33 AM

अयोध्या 15 अक्टूबर। इंसानी कर्मों से प्रदूषित हो चुकी नदियों ने खुद को परिष्कृत करने की ठान लिया है। यूं तो उत्तर भारत की सभी नदियां बेहद प्रदूषित हो चुकी हैं लेकिन शारदा की सहायक नदी सरयू, जिसे घाघरा भी कहते हैं अभी सबसे कम प्रदूषित है। गंगा नदी की ही भांति सरयू नदी में भी जीवाणु भोजी बैक्टीरियोफेज की उपस्थिति पाई गई है। इसको लेकर शोध कर रहे अवध विश्वविद्यालय के उत्साहित हैं। गंगाजल की तरह सरय

गंगा नदी,गंगोत्री
एक नज़र : जलवायु परिवर्तन पर(climate change)
आधुनिक समय में मौसम विज्ञान बहुत अधिक विकसित हो चुका है फिर भी प्रायः मौसमविदों की भविष्यवाणियां निरर्थक हो जाती हैं। ऐसे में यह विचार कौंधता है कि क्या इसमें भारतीय ऋतु विज्ञान की सहायता नहीं ली जा सकती मने ही पराधीन काल में भारतीय ऋतु विज्ञान उपेक्षित रहा हो किन्तु अब  स्वतंत्र देश में उसका परीक्षण तो किया ही जा सकता है। Posted on 14 Oct, 2023 06:13 PM

प्रायः ऋतुओं के समय में विचित्र एवं असम्भावित परिवर्तन होते रहते हैं जिससे ऋतुओं का प्रारम्भ अपने निर्धारित क्रमानुसार नहीं होता जैसा कि होना चाहिए। निर्धारित समय से पूर्व वर्षा ऋतु का आगमन या अमृतपूर्व शीतलहरी आदि अप्रत्याशित घटनाओं को देखकर वैज्ञानिकों का ध्यान विपर्यय की ओर गया है। देश-विदेश के विशेषज्ञ अन्तराष्ट्रीय स्तर पर इस समस्या के अध्ययन में लगे हुए हैं। इसे जलवायु परिवर्तन कहते हैं।

ऋतुचक्र का बदलाव
हरियाणा राज्य में जल संसाधनों के प्रबंधन की समस्याएं एवं जियोइंफॉर्मेटिक्स तकनीक द्वारा उनका निदान
भूजल की गुणवत्ता अच्छी थी, अधिक दोहन के कारण भू-जल स्तर लगातार नीचे गिरता चला गया तथा कृषि क्षेत्र जहाँ भू-जल की गुणवत्ता खराब थी, अधिक सतही पानी के प्रयोग के कारण तथा भूजल की अनुपयोगिता के कारण भूजल स्तर लगातार ऊपर आता चला गया। इसका एक प्रमुख कारण गेहूं-चावल फसल चक्र को भी माना जाता है। Posted on 14 Oct, 2023 12:08 PM

सारांश : 

जल संसाधनों के सतत विकास व प्रबंधन के लिए इन संसाधनों की सही मात्रा का पता चलना तथा प्रयोग के स्तर के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है। बढ़ती आबादी, औद्योगिकीकरण व शहरीकरण के कारण जल संसाधनों की उपलब्धता पर लगातार विपरीत प्रभाव पड़ता जा रहा है। एक तरफ पानी की मांग बढ़ी है और दूसरी तरफ पानी की गुणवत्ता पर लगातार प्रदूषण का प्रकोप जारी है। नयी तकनीको

हरियाणा राज्य में जल संसाधनों के प्रबंधन की समस्याएं एवं जियोइंफॉर्मेटिक्स तकनीक
अतुल्य भारत की बहुमूल्य प्राकृतिक सम्पदा आर्द्रभूमियाँ
इस सम्मेलन में यह निश्चित किया गया कि प्रतिवर्ष संपूर्ण विश्व में 2 फरवरी का यह दिन "विश्व आर्द्रभूमि दिवस" के रूप में मनाया जायेगा। इसका मुख्य उद्देश्य ग्लोबल  वॉर्मिंग का सामना करने में आर्द्रभूमि, जैसे दलदल अथवा मैनग्रोव के महत्व के बारे में जागरुकता फैलाना है। वर्ष 2020 में विश्व आर्द्रभूमि  दिवस के दिन इस विषय को सर्वोपरि रखा गया और आर्द्रभूमि की वर्तमान स्थिति, जैव-विविधता और उससे जुड़े अनेकानेक विषयों पर प्रकाश डाला गया। उसमें हुई क्षति की भरपाई करने के उपायों पर बातचीत की गई और इस महत्वपूर्ण विषय को बढ़ावा दिया गया। Posted on 13 Oct, 2023 05:36 PM

वेटलैंड(आर्द्रभूमि) एक विशिष्ट प्रकार का पारिस्थितिकीय तंत्र है तथा जैव-विविधता का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। जलीय एवं स्थलीय जैव-विविधताओं का मिलन स्थल होने के कारण यहाँ वन्य प्राणी प्रजातियों व वनस्पतियों की प्रचुरता पाए जाने की वजह से वेटलैंड समृद्ध पारिस्थतिकीय तंत्र है। आज के आधुनिक जीवन में मानव को सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन से है और ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम अपनी जैव-विविधता का

अतुल्य भारत की बहुमूल्य प्राकृतिक सम्पदा आर्द्रभूमियाँ
नेपाल भूकंप (Nepal Earthquake In Hindi )
हिमालय पर रहते थे और फैलाश पर्वत पर स्थाई निवास बनाये थे। ऐसा लगता है हमने उनको है तपस्या भंग कर दी है। उनकी तपस्या में खलल डाला है इंसान ने जब उनको खुली तो प्रकृति के साथ हो अन्याय को देखकर के क्रोधित हुए और ने अपनी तीसरी आंख खोल दी। जिससे चारों ओर सिर्फ मौत से सीत दिखाई दे रही है। इंसान से ऐसी फोन सी गलती हुई कि शिव ने रुष्ट होकर ऐसा तांडव नृत्य किया। इस पर हमें आज विचार करने की जरूरत है। Posted on 13 Oct, 2023 03:34 PM

ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव जब अपना तीसरा नेत्र खोलते हैं तो तवा मच जाती है। नेपाल में भूकंप की तस्वीरें देखकर तो यही लगता कि शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोल दिया है। पशुपतिनाथ शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोला और देखते ही देखते पूरा इलाका मानो शान बन गया। नेपाल में दसों हज़ार लोगों के मरने की आशंका हजारों लोग जख्मी है। मौत के इस सन्नाटे की पूरी दुनिया में है। लोग खौफ में हैं, दहशत में हैं और जीने की

नेपाल भूंकप
कीटनाशक पर्यावरण पर दबाव तथा जनमानस पर दुष्प्रभाव  
कीटनाशकों के उपयोग से प्रतिवर्ष 55 प्रतिशत से 42 प्रतिशत फसले कोटों से बचाई जा सकती हैं, परन्तु कीटनाशकों और उनके अवक्रमित उत्पाद पर्यावरण में उपस्थित होने के कारण विषैले रसायनों का संचय खाद्य श्रृंखला में करते हैं Posted on 12 Oct, 2023 05:04 PM

कीटनाशकों का बढ़ता उपयोग और उनके अवशेषों की खाद्य पदार्थों में उपस्थिति आज सार्वजनिक चिन्ता का विषय बना हुआ है। कीटनाशक हमारे जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं। इनका प्रयोग न केवल हमारी फसलों को कीटों से बचाकर उनके उत्पाद को बढ़ाने के लिए तथा मानव के स्वास्थ्य को प्रभावित कर क्षति पहुंचाने वाले कीटों को नष्ट करने के लिए भी किया जाता है। आज लगभग 1055 से भी अधिक सक्रिय कीटनाशक पूरे संसार में पंजीकृत

कीटनाशक पर्यावरण पर दबाब तथा जनमानस पर दुष्प्रभाव  
जयपुर स्मार्ट सिटी में स्मार्ट आधारभूत संरचनाओं का भौगोलिक अध्ययन
आर्थिक आधारभूत संरचना में जयपुर स्मार्ट सिटी के आर्थिक परिवेश व संगठन को प्रकट किया जाता है। इसमें आर्थिक अवसर विभिन्न क्षेत्रों में निवेश, बँकिंग, उद्योग, रोजगार, उत्पादन क्षमता. लाभ, एवं अन्य आर्थिक गतिविधियों को सम्मिलित किया जाता है। Posted on 12 Oct, 2023 01:30 PM
प्रस्तावना

किसी भी स्मार्ट सिटी के लिए संस्थागत आधारभूत संरचना, भौतिक आधारभूत संरचना, सामाजिक आधारभूत संरचना तथा आर्थिक आधारभूत संरचना मुख्यरूप के चार बुनियादी स्तंभ होते हैं जिन पर एक स्मार्ट सिटी टिकी होती है अर्थात् उसका विकास संभव होता है। संस्थागत आधारभूत संरचना में उन गतिविधियों को प्रकट करते हैं जो कि शहरी क्षेत्रों के शासन एवं प्रबंधन से संबंधित होती है

जयपुर स्मार्ट सिटी में स्मार्ट आधारभूत संरचनाओं का भौगोलिक अध्ययन
ऊर्जा संरक्षण द्वारा डिमांड साइड मैनेजमेंट(Demand Side Management by Energy Conservation in Hindi)
विद्युत डिमांड मैनेजमैंट के दृष्टिगत ग्रामीण, अर्ध शहरी एवं शहरी क्षेत्रों में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। ऊर्जा बचत का मतलब कटौती करना नहीं बल्कि कम ऊर्जा खपत वाले आधुनिक ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग करके ऊर्जा की खपत में कमी करना है Posted on 09 Oct, 2023 02:48 PM

विद्युत डिमांड मैनेजमैंट के दृष्टिगत ग्रामीण, अर्ध शहरी एवं शहरी क्षेत्रों में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। ऊर्जा बचत का मतलब कटौती करना नहीं बल्कि कम ऊर्जा खपत वाले आधुनिक ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग करके ऊर्जा की खपत में कमी करना है। यदि हम कुछ सामान्य बातों का ध्यान रखें तो काफी ऊर्जा की बचत कर सकते हैं:-

ऊर्जा संरक्षण
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