विद्युत डिमांड मैनेजमैंट के दृष्टिगत ग्रामीण, अर्ध शहरी एवं शहरी क्षेत्रों में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। ऊर्जा बचत का मतलब कटौती करना नहीं बल्कि कम ऊर्जा खपत वाले आधुनिक ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग करके ऊर्जा की खपत में कमी करना है। यदि हम कुछ सामान्य बातों का ध्यान रखें तो काफी ऊर्जा की बचत कर सकते हैं:-
- सभी स्ट्रीट लाइट में सोडियम लैम्प अथवा अन्य लैम्पों के स्थान पर एलईडी लैम्पों का उपयोग 50 प्रतिशत से अधिक विद्युत की बचत कर सकता है, जिससे विद्युत डिमांड कम होगी
- घरों में ट्यूब लाइट, सीएफएल अथवा बल्ब के स्थान पर एलईडी लैम्प एवं ट्यूब लाइट का उपयोग 50 प्रतिशत से अधिक विद्युत की बचत कर सकता है जिससे विद्युत डिमांड कम हो जाएगी।
- जहाँ तक संभव हो खिड़कियाँ खुली रखें। जिससे सूर्य के प्रकाश का उपयोग हो सके।
- व्यावसायिक भवनों, सरकारी भवनों, घरों एवं उद्योगों में सामान्य पंखों के स्थान पर बीएलडीसी पंखों के उपयोग से 60 से 70 प्रतिशत विद्युत की बचत हो सकती है। बीएलडीसी पंखे सिर्फ 28 से 35 वाट ऊर्जा की खपत करते हैं जबकि साधारण पंखे सामान्यतः 80 से 100 वाट विद्युत की खपत करते हैं।
- सामान्य ए.सी. के स्थान पर 5 स्टार लेबिल इन्वर्टर एसी के उपयोग से भी काफी विद्युत की बचत की जा सकती है।
- ए.सी. का तापमान 24 डिग्री सेंटीग्रेट से अधिक रखना ऊर्जा बचत के साथ ही स्वास्थ्य के लिये भी लाभदायक है।
- कमरों की दीवारों को सफेद / हल्के रंगों से पेंट करना चाहिए तथा छतों की सफेद रंग से पुताई करनी चाहिए, इससे कमरे के अन्दर का ताप बाहर के मुकाबले कम हो जाता है।
- छत की वाह्य सतह पर सफेद सिरेमिक पेंट की पुताई करने से कमरे का ताप 5 से 8 डिग्री सेटीग्रेट कम हो जाता है।
- जहाँ तक संभव हो सके सोलर ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए। छतों पर सोलर रूफ टाप पावर प्लांट लगाकर विद्युत उत्पादन करके भी विद्युत बिल में कमी की जा सकती है।
- जाड़ों में गीजर के स्थान पर सोलर वाटर हीटर का उपयोग कर विद्युत बिल में काफी कमी की जा सकती है।
- स्टार रेटिड उपकरणों का प्रयोग करे। बी.ई. ई. द्वारा अनुमोदित 5 स्टार रेटिंग के विद्युत उपकरणों का प्रयोग करने से ऊर्जा की खपत कम होती हैं।
- ऊर्जा संरक्षण सौर ऊर्जा एवं अन्य नवीनीकृत ऊर्जा के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में भी कमी की जा सकती है।
- सामान्य मोटर के स्थान पर ऊर्जा दक्ष मोटर का उपयोग करना चाहिए
- मोटर जल जाने पर मोटर की रिवाइंडिंग कराने की अपेक्षा मोटर को ऊर्जा दक्ष मोटर से बदल देना चाहिए। रिवाइंडिंग कराने पर 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक ऊर्जा दक्षता का हास होता है।
- यदि मोटर लोड 50 प्रतिशत से कम है तो कम क्षमता के ऊर्जा दक्ष मोटर से बदलना चाहिए।
- उपकरणों को स्विच से सीधे बन्द न करके रिमोट से बन्द करने पर अनावश्यक रूप से अधिक विद्युत व्यय होती है। अतः यथा सम्भव उपकरण को स्विच से बन्द करना चाहिए।
ऊर्जा संरक्षण कर विद्युत बिल में कमी करें, साथ ही कार्बन एमीशन में कमी कर पर्यावरण बचाऐं।
स्रोत:- लोक सम्मान अक्टूबर - 2023
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Post By: Shivendra