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कृषि के माध्यम से सशक्त होती ग्रामीण महिलाएं
उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्र चौरसों की महिला किसान भी महिला सशक्तिकरण की बेजोड़ मिसाल हैं। राज्य के बागेश्वर जिला स्थित गरुड़ ब्लॉक के इस गाँव की अधिकतर महिलाएं घर के साथ साथ कृषि संबंधी कार्यों को भी बखूबी अंजाम देती हैं। Posted on 10 Nov, 2023 03:39 PM

देश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई स्तरों पर काम किए जाते हैं। इसके लिए केंद्र से लेकर सभी राज्य सरकार विभिन्न योजनाएं भी संचालित कर रही हैं। लेकिन हमारे देश में कृषि एक ऐसा सेक्टर है जहां महिला सशक्तिकरण सबसे अधिक देखी जाती है। बल्कि यह कहना गलत नहीं होगा कि हमारे देश की कृषि व्यवस्था पुरुषों से कहीं अधिक महिलाओं के कंधे पर है, जिसे उन्होंने कामयाबी के साथ संभाल रखा है। पुरुष जहां अधिकतर

कृषि के माध्यम से सशक्त होती ग्रामीण महिलाएं
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव:प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से पहाड़ों का अस्तित्व खतरे में
हमें प्रकृति और मानव के बीच का संतुलन बनाए रखना होगा। प्रकृति और मानव एक दूसरे के पूरक हैं, जो एक दूसरे को पोषित और संरक्षित करते हैं। प्रकृति हमें जल, वायु, भोजन, आश्रय, औषधि और अन्य संसाधन प्रदान करती है, जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक हैं। मानव प्रकृति की रक्षा और संवर्धन कर सकते हैं, जो उसकी स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ाता है Posted on 10 Nov, 2023 02:33 PM

जलवायु परिवर्तन का मतलब है कि पृथ्वी की जलवायु में लंबे समय तक स्थायी या अस्थायी बदलाव होते हैं। ये बदलाव प्राकृतिक कारणों से भी हो सकते हैं, लेकिन मुख्य रूप से मानव की गतिविधियों के कारण होते हैं। मानव जीवाश्म ईंधनों का अधिक उपयोग करते हैं, जिससे ग्रीनहाउस गैसें जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड वायुमंडल में छोड़ी जाती हैं। ये गैसें सूर्य की किरणों को वापस भेजने में रुकावट डालती

 जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
प्रदूषण को रोकने के लिए देश को एक व्यापक नीति की आवश्यकता
वायु प्रदूषण के कारण जो जहरीले कण हवा में फैलते हैं, वे बहुत ही नुकसानदायक होते हैं, क्योंकि वे नाक और गले को छोड़कर सीधे फेफड़ों में घुस जाते हैं और खून में मिल जाते हैं। इन कणों से दूषित हवा को लम्बे समय तक सांस के रूप में लेने से फेफड़ों के रोग के साथ-साथ कैंसर और दिल के रोग जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हवा में पीएम 2.5 कणों का स्तर पांच माइक्रोग्राम प्रति वर्गमीटर से अधिक नहीं होना चाहिए, लेकिन हाल ही में दिल्ली के आनंद विहार में पीएम 2.5 का घनत्व 290 प्रति वर्गमीटर तक पहुंच गया था Posted on 10 Nov, 2023 01:52 PM

दिल्ली के वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसे जनता की सेहत के लिए एक खतरनाक मुद्दा बताया और राज्य सरकारों को फटकारते हुए कहा कि वे एक-दूसरे को दोषी ठहराने की बजाय पराली जलाने पर तुरंत प्रतिबंध लगाएं। सुप्रीम कोर्ट ने 1986 में वकील महेश चंद्र मेहता की जनहित याचिका के आधार पर दिल्ली में प्रदूषण की समस्या का निरीक्षण करना आरंभ किया था। तब से लेकर अब तक सुप्रीम कोर्ट ने स

दिल्ली के वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति
10 जनवरी तक यमुना, हिंडन के बाढ़ क्षेत्रों का सीमांकन करें: एनजीटी
रिपोर्ट में कहा गया है कि बांध और नदी के बीच का क्षेत्र बाढ़ क्षेत्र है जिसे पहचाना और निर्धारित किया जाना चाहिए। Posted on 10 Nov, 2023 01:41 PM

एनजीटी ने अनियंत्रित अवैध निर्माण और अतिक्रमण के कारण हिंडन बाढ़ के मैदानों के तेजी से गायब होने का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बाढ़ के मैदानों के सीमांकन की कवायद चल रही है यमुना और हिंडन नदियों के बाढ़ क्षेत्रों के निर्धारण का अभ्यास लंबित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बांध और नदी के बीच का क्षेत्र बाढ़ क्षेत्र है जिसे पहचाना और निर्धारित किया जाना चाहिए।

हिंडन
सरस्वती की गहराई का अनुमान लगाने के लिए अनुसंधान केंद्रों का होगा निर्माण
हिमालय भूविज्ञान संस्थान भी उत्तरांचल के रूपण हिमनद से जो सरस्वती का उद्भव स्थान माना जाता है, उससे नमूने इकट्ठा करेगा। रूपण हिमनद को अब सरस्वती हिमनद भी कहा जाता है। इसरो की तीन सदस्यीय वैज्ञानिक टीम जो सरस्वती को जीवित करने का प्रयास कर रही है। Posted on 10 Nov, 2023 01:02 PM

इसरो जो वेद-पुराणों में वर्णित सरस्वती नदी का अध्ययन कर रहा है, वह पांच राज्यों हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में अपने शोध की संकलित रिपोर्ट बनाएगा। साथ ही देहरादून का वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान भी उत्तरांचल के रूपण हिमनद से जो सरस्वती का उद्भव स्थान माना जाता है, उससे नमूने इकट्ठा करेगा। रूपण हिमनद को अब सरस्वती हिमनद भी कहा जाता है। इसरो की तीन सदस्यीय वैज्ञानिक ट

सरस्वती की गहराई का अनुमान लगाने के लिए अनुसंधान केंद्रों का होगा निर्माण
40% बादल आकाश में छाए रहें तो कृत्रिम बारिश की है संभावना
कृत्रिम बारिश में बादलों में कुछ रासायनिक पदार्थ जैसे सिल्वर आयोडाईड, ड्राई आइस या साधारण नमक डाले जाते हैं। इसे क्लाउड सीडिंग का नाम दिया गया है। इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक करने के लिए प्राकृतिक बादलों की उपस्थिति आवश्यक है Posted on 10 Nov, 2023 12:22 PM

दिल्ली में कृत्रिम बारिश का प्रयोग 20 और 21 नवंबर को पहली बार होने की संभावना है। इन दिनों राजधानी में हल्के बादल भी छाए रहने की उम्मीद है। इसलिए इन दिनों के लिए ट्रायल करने की तैयारी चल रही है। इस प्रयोग के बारे में बुधवार को आईआईटी कानपुर के साथ पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और अन्य अधिकारी बैठक करते हैं। बैठक के बाद गोपाल राय ने कहा कि नवंबर के शुरुआत से ही दिल्ली में हवा की रफ्तार बहुत कम है। इ

40% बादल आकाश में छाए रहें तो कृत्रिम बारिश की है संभावना
उम्र भी कम करता है पर्यावरण प्रदूषण(Pollution Reduces Human Lifespans In Hindi )
शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान ने अपने नवीनतम वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है और यह भारत के उन क्षेत्रों में से है, जिनकी स्थिति देश के औसत से कहीं अधिक खराब है।  Posted on 08 Nov, 2023 03:34 PM
  • अमेरिका स्थित थिंक टैंक के पिछले दिनों जारी एक अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का मौजूदा स्तर जारी रहा तो दिल्ली के निवासियों को अपने जीवन के 11.9 साल खोने की संभावना है।
  • शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान ने अपने नवीनतम वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है और यह भारत के उन क्षेत्रों में से है, जिनक
उम्र भी कम करता है पर्यावरण प्रदूषण
जनभागीदारी से हो कूड़े-कचरे का प्रबंधन
प्लास्टिक व पॉलीथिन पर नियंत्रण के लिए पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय ने एक आदेश दिया था जिसमें पूरी तरह पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की गई है। इस आदेश को सरकार ने कड़ाई से पालन करने के लिए प्रयास तो किए हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि इसमें थोड़ी भी कमी नहीं आई है। प्रदूषण नियंत्रण के विषय में अदालतों ने अनेक फरमान जारी किए हैं जिनका प्रभाव एक महीने से अधिक नहीं टिक पाता। इसका कारण है Posted on 08 Nov, 2023 03:25 PM

हिमालय क्षेत्र के ग्लेशियर, बुग्याल, जंगल में जगह-जगह  कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। यात्रा सीजन पूरा होने के बाद चारधाम और बुग्यालों के बीच में आने वाले पर्यटकों द्वारा पैदा किए गए ठोस कचरे को एकत्रित करने के प्रयास भी किए जाते हैं, लेकिन अक्सर देखा गया कि जहां से इसको बोरों में भरकर उठाया जाता है, उसके आगे नदियों के किनारे ही डंप कर दिया जाता है। इसके बाद सफाई का संदेश भी प्रकाशित हो जाता है। प्र

जनभागीदारी से हो कूड़े-कचरे का प्रबंधन
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण में समाज की भी है जिम्मेदारी
पेरिस समझौते की भावना के अनुरूप उदाहरण के तौर पर देखें तो दिल्ली के अंदर वाहनों के धुएं को कम करने में सरकार और जनता, दोनों की भागीदारी जरूरी होगी। जहां सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बेहतर हो वहीं आम जन को भी कोशिश करनी होगी कि वो इस व्यवस्था का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर दिल्ली के भीतर कार्बन उत्सर्जन को कम करे। दरअसल, वाहनों का प्रदूषण कम करने के लिए पिछले कई सालों से विकसित हुई कार संस्कृति को बदलना होगा। कोयले का इस्तेमाल दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उद्योगों में खुल कर होता है। करीब 3000 से ज्यादा उद्योगों की वायु प्रदूषण में हिस्सेदारी 18 फीसदी के लगभग है।

Posted on 08 Nov, 2023 03:15 PM

सदियों से किताबों में प्रमुखता पाने वाला प्रदूषण का मुद्दा पिछले कुछ सालों से वैश्विक, राष्ट्रीय और कहीं-कहीं क्षेत्रीय राजनीति के केंद्र के तौर पर उभरा है, तो इसके पीछे कई कारण हैं। एक जो सबसे बड़ा कारण है कि आज प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन कई छोटे द्वीपीय देशों और बड़े देशों के तटीय कस्बों के लिए अस्तित्वगत संकट के तौर पर सामने आया है। दूसरा समान महत्व का मुद्दा यह है कि भूतकाल की यह सोच कि पर्

पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण में समाज की भी है जिम्मेदारी
भगवंत मान की सरकारी नौटंकी नदी जल-विवाद पर राष्ट्रवाद की गहरी समस्या को उजागर करता है
पंजाब और हरियाणा के नेता विरोधी दलों के साथ समझौता करने से कतराते हैं। कावेरी जल-संघर्ष में भी राष्ट्रीय पार्टियां कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच शांति बनाने का प्रयास नहीं करती हैं।इस मुद्दे को लेकर एक और चिंता का कारण है कि केंद्र सरकार जो ‘राष्ट्रवादी’ दावा करती है, उसने इस मुद्दे पर कोई सक्रिय कदम नहीं उठाया है। Posted on 08 Nov, 2023 02:44 PM

भगवंत मान, एक पूर्व कॉमेडियन, अब पंजाब के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी दलों को अदालत के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। उन्होंने उन्हें एक बहस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन वे मना कर दिए। भगवंत मान ने कहा कि वे लोगों को बताना चाहते हैं कि वर्तमान समस्याओं के पीछे कौन जिम्मेदार हैविपक्ष के बहिष्कार का मुख्यमंत्री को कोई फर्क नहीं पड़ा.

नदी जल-विवाद
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