उत्तराखंड

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पानी : अनोखा यात्री
Posted on 19 Jan, 2016 11:38 AM
लम्बी-लम्बी यात्रा करता,
रिसता बहता रहता है।

पानी एक अनोखा यात्री,
हरदम चलता है रहता।।

सागर से यह भाप रूप में,
बादल बनकर उड़ जाता।

और वायु के साथ-साथ ही,
दूर देश तक है जाता।

बर्फ, ओस, कहीं वर्षा बनकर,
जगह-जगह जमता गिरता।

और कहीं कुहरा सा बनकर,
इधर-उधर भागा फिरता।

कुछ उड़ता बन भाप धरा से,
पानी की कहानी - मेरी जुबानी
Posted on 18 Jan, 2016 02:47 PM
यदि आप इस बात से परेशान हैं कि आपके नल की टोंटी से बहुत कम समय तक ही पानी आता है तो आने वाले समय में इससे भी भयावह स्थिति के लिये तैयार हो जाइए। 2020 तक हम भले ही विकसित देशों की श्रेणी में शामिल होने का सपना देखते हों लेकिन विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार उसी अवधि तक देश के सभी बड़े शहर पानी की समस्या से जूझ रहे होंगे।

शहरीकरण

कहीं पपीहा प्यासा है
Posted on 18 Jan, 2016 01:04 PM
बादल अब तो बरस पड़ो,
यहाँ चारों ओर निराशा है।

बरखा की बूँदों के बिन,
कहीं पपीहा प्यासा है।।

ताल-तलैया, नदियाँ-नाले,
सूख रहे, हौले-हौले।

प्यासी धरती तड़प-तड़प कर,
मांग रही जल, मुँह खोले।।

जीव-जन्तु, मानव का तन,
भीषण गर्मी से झुलस रहा।

बादल की गर्जन सुनने को,
प्राणी-प्राणी किलस रहा।।
खेती-बाड़ी : कभी थे गुलजार अब होते विरान
Posted on 16 Jan, 2016 09:39 AM राज्य की कुल भूमि का रकबा 5592361 हेक्टेयर है। जिसमें 88 प्रतिशत प
तलछटीकरण एक चुनौती
Posted on 15 Jan, 2016 02:55 PM
तलछटीकरणआधुनिक युग में विश्व की सबसे महत्त्वपूर्ण पर्यावरणीय समस्
यूकाॅस्ट जल सम्बन्धित शोध परियोजनाएँ
Posted on 15 Jan, 2016 01:26 PM
River Filtrationउत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
जल संसाधन मन्त्रालय, भारत सरकार एवं इसके अधीनस्थ संगठन
Posted on 14 Jan, 2016 02:49 PM
झांकीहमारे देश का सिंचाई और विद्युत का इतिहास सन 1855 से शुरू होता ह
गंगा: मेरी माँ
Posted on 14 Jan, 2016 02:03 PM
गंगानदियाँ, पर्वत-पठार एवं वन किसी भी राष्ट्र की अमूल्य धरोहरें हैं।
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